लद्दाख में पीएम: चीन को चुनौती, जवानों को भरोसा / गलवान के शहीदों को याद करने के बाद घायल जवानों से मिले मोदी, कहा- पूरी दुनिया आपकी वीरता का एनालिसिस कर रही

जवानों ने वंदेमातरम के नारे लगाए, रक्षा मंत्री ने कहा- सेना का मनोबल बढ़ा गलवान में 20 जवान शहीद हुए थे, मोदी ने कहा था कि बलिदान बेकार नहीं जाएगा

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लद्दाख. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लद्दाख दौरे पर पहुंचे। शाम को उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायल सैनिकों से मुलाकात की। ये सैनिक गलवान में चीनी सैनिकों से हुई झड़प में घायल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको प्रणाम करता हूं। उन माताओं को शत-शत नमन करता हूं, जिन्होंने आप जैसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया, पाला और फिर देश के लिए दे दिया। हमारे जवान पराक्रम दिखाते हैं। ऐसी-ऐसी शक्तियों का सामना करते हैं कि दुनिया जानना चाहती है कि ये वीर कौन हैं, उनकी ट्रेनिंग कैसी है? पूरी दुनिया आपकी वीरता का एनालिसिस कर रही है।’’

पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जाने वाले थे

लद्दाख रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जाना तो था, लेकिन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे के साथ सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी पहुंच गए। वे पहले लेह गए। वहां से लद्दाख में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद फॉरवर्ड लोकेशन नीमू पर पहुंचे। उनका यह दौरा गलवान घाटी में चीन से हुई हिंसक झड़प के 18 दिन बाद हुआ।

मोदी ने अस्पताल में सैनिकों से कहा- आपको छूकर और देखकर एक ऊर्जा मिलती है। आपको नमन करने आया हूं।

सेना की स्ट्रैटजी को समझा

नीमू में प्रधानमंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत से आर्मी की स्ट्रैटेजिक तैनाती के बारे में समझा। फिर सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बात की। इसके बाद जवानों को 26 मिनट का संबोधन दिया। इस संबोधन के जरिए उन्होंने चीन को 5 मैसेज दिए…

1. भारत के जवानों का साहस दुनिया में किसी से कम नहीं
मोदी ने कहा, ‘‘आज जिस कठिन परिस्थिति में आप देश की हिफाजत करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज कदमों से नापते हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जैसी अटल है।’’

2. गलवान के शहीदों को याद कर कहा- दुनिया ने भारत की ताकत देख ली है
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था कि जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल। मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को भी फिर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज हर देशवासी का सिर आपके सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन करता है।’’

3. फायर एंड फ्यूरी, कृष्ण की बांसुरी और चक्र
मोदी ने कहा, ‘‘लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है। 14वीं कोर की जांबाजी के किस्से तो हर तरफ हैं। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं। भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर (आग) और फ्यूरी (आक्रोश) भी देखी है। आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने कई आक्रांताओं के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हम वो लोग हैं, जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, हम वही लोग हैं जो सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से भारत हर आक्रमण के बाद और सशक्त बनकर उभरा है।’’

4. चीन की विस्तारवादवादी नीति पर निशाना
मोदी ने कहा, ‘‘विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है। ये युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए वक्त में विकासवाद ही प्रासंगिक है। इसी के लिए अवसर हैं। विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है। पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है।’’

5. भगवान बुद्ध का जिक्र किया, जिनके बौद्ध धर्म के चीन में सबसे ज्यादा अनुयायी हैं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि साहस का संबंध प्रतिबद्धता से है। साहस करुणा है। साहस वो है, जो हमें निर्भीक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़े होना सिखाए। साहस वो है, जो हमें सही को सही कहने और करने की ऊर्जा देता है। देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है।’’

चीन की बौखलाहट सामने आई
इससे बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ें।

इससे पहले मोदी ने नीमू में 11 हजार फीट ऊंची फॉरवर्ड लोकेशन पर आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से बात की। नीमू से चीन की दूरी सिर्फ 250 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री ने जवानों से बातचीत का फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर किया।

सेना के लिए मोदी के दौरे के क्या मायने?
डिफेंस सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोदी के दौरे से सेना का ही नहीं बल्कि पूरे देश का हौसला बढ़ेगा। इस दौरे का पॉजिटिव पक्ष यह है कि नेता जब खुद स्पॉट या फ्रंटलाइन पर जाते हैं तो वे पर्सनली सिचुएशन को रिव्यू करते हैं।

जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए

चीन के साथ-साथ पूरी दुनिया को संदेश
मोदी के इस दौरे को चीन के लिए मैसेज देने के तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी पंत का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद लद्दाख पहुंचकर चीन को मैसेज दे रहे हैं कि भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा, पूरा लद्दाख भारत का है। यह मैसेज सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, बल्कि उन देशों के लिए भी है, जो इस कन्फ्यूजन में हैं कि आखिर भारत का स्टैंड क्या है?

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