मोदी का राष्ट्र के नाम छठा संबोधन / मोदी ने कहा- दीपावली-छठ पूजा यानी नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा

लॉकडाउन से जारी गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक जारी रखने पर डेढ़ लाख करोड़ खर्च होंगे- मोदी मोदी की अपील- अब ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है, मास्क पहनें और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दुनिया से तुलना करें तो भारत कोरोना के मामले में संभली हुई स्थिति में है, लेकिन अनलॉक में लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोगों को लॉकडाउन की तरह ही सतर्कता दिखाने की जरूरत है। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। यह प्रधानमंत्री का छठवां राष्ट्र के नाम संबोधन होगा, जो वह कोरोना के दौर में देंगे।

कल से ही क्या-क्या बातें हो रही थीं- ‘बड़ी घोषणा होने वाली है… चीन को लेकर होगी। टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप पर रोक लगा दी है सरकार ने। पक्के तौर पर उसी ओर इशारा है। कुछ बड़ा होने वाला है। देखना…’ आखिरकार राष्ट्र के नाम संबोधन जो था।
लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया। चीन का जिक्र तक नहीं। ठीक 4 बजे आए। महज 16 मिनट बोले। राष्ट्र के नाम 103 दिनों में छठा संबोधन दूसरा सबसे छोटा निकला।
प्रधानमंत्री ने दो मुख्य बातें की। पहली- गरीब परिवारों के लिए अन्न योजना को दीपावली और छठ तक बढ़ा दिया। यानी नवंबर तक। यह 30 जून को ही खत्म हो रहा था। यहां छठ का भी जिक्र थोड़ा राजनीतिक लग रहा है। छठ बिहार का ‘राष्ट्रीय पर्व’ है और वहां नवंबर-दिसंबर में ही चुनाव है।
दूसरी- अनलॉक होता देश और बदतले मौसम को लेकर ऐहतियात बरतने को कहा। बोले ‘जब सर्दी-जुकाम बढ़ता है, तब हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, पर अब हम ज्यादा लापरवाह होते जा रहे हैं। मास्क, गमछा, फेसकवर और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।’

मोदी ने मुफ्त राशन की योजना 5 महीने और जारी रखने का ऐलान करते हुए कहा कि इतने बड़े देश में हर गरीब के घर चूल्हा जलता रहे, यह केवल मेहनती किसानों और ईमानदार टैक्स पेयर्स की वजह से संभव हो पाया।

गरीब कल्याण अन्न योजना जारी रखने के मायने

  • नवंबर तक गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त और प्रत्येक परिवार को एक किलो चना मुफ्त मिलेगा।
  • 80 करोड़ परिवारों को इस योजना का फायदा अगले 5 महीने तक मिलता रहेगा।
  • 90 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे इस योजना को आगे जारी रखने में।
  • लॉकडाउन के वक्त इस योजना की शुरुआत की गई थी, 3 महीने में 60 हजार करोड़ खर्च हुए।
  • अब तक गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त और हर परिवार को एक किलो दाल मुफ्त दी गई।
  • अब तक अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना और यूरोपियन यूनियन की आबादी से दोगुने से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया।

मोदी के भाषण की 9 अहम बातें

1. अनलॉक में लापरवाही बढ़ी, सतर्कता दिखाने की जरूरत

दुनिया से तुलना करें तो भारत कोरोना के मामले में संभली हुई स्थिति में है, लेकिन अनलॉक में लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोगों को लॉकडाउन की तरह ही सतर्कता दिखाने की जरूरत है। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। भले ही हम दो गज दूरी को लेकर, बीस सेकंड हाथ धोने को लेकर सतर्क रहे हैं। आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना बहुत ही चिंता का कारण है।

2. कंटेनमेंट जोन में बहुत ध्यान देना होगा
लाॅकडाउन के दौरान गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। विशेषकर कंटेनमेंट जोन पर बहुत ध्यान देना होगा। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें रोकना-टोकना और समझाना होगा।

3. प्रधान हो या प्रधानमंत्री कोई भी नियमों से ऊपर नहीं
अभी आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वे मास्क पहने बिना गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह 130 भारतीयों की रक्षा का अभियान है। गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।

4. तीन महीनों में 20 करोड़ जन-धन खातों में 31 हजार करोड़ रुपए जमा
लाॅकडाउन में यही कोशिश रही कि ऐसी स्थिति ना आए कि गरीबों के घर में चूल्हा ना जले। हर किसी ने प्रयास किया कि इतने बड़े देश में गरीब भाई-बहन भूखा ना सोए। देश हो या व्यक्ति, समय और संवेदनशीलता से फैसले लेने से किसी भी मुसीबत का सामना करने की शक्ति अनेक गुना बढ़ जाती है।

लाॅकडाउन होते ही सरकार गरीब कल्याण योजना लेकर आई। इसके तहत पौने दो लाख करोड़ का पैकेज दिया गया। 3 महीनों में 20 करोड़ जन-धन खातों में 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसके साथ ही गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरंभ कर दिया गया है।

5.  मुफ्त अनाज की योजना अगले 5 महीने भी लागू
इसी से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूं। वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्यतौर पर कृषि क्षेत्र में ही ज्यादा काम होता है। दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। 5 को गुरुपूर्णिमा है, सावन शुरू होगा, 15 अगस्त, रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दुर्गापूजा शुरू होगी। त्योहारों का समय जरूरतें बढ़ाता है और खर्च भी बढ़ाता है।

हमने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाएगा। फैसले का मतलब है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना अगले 5 महीने भी लागू रहेगी। सरकार हर महीने परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या 5 किलो चावल मुफ्त देगी। साथ ही प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा। इस योजना के विस्तार में 90 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपया हो जाता है।

6. वन नेशन, वन राशन कार्ड की व्यवस्था हो रही है
पूरे भारत के लिए हमने सपना देखा है। कई राज्यों ने अच्छा काम किया है। बाकी राज्यों से भी हम आग्रह कर रहे हैं कि काम आगे बढ़ाएं। यह काम है, पूरे देश के लिए एक राशन कार्ड की व्यवस्था करना। यानी वन नेशन, वन राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीबों को मिलेगा जो रोजगार के लिए अपना गांव छोड़कर किसी और राज्य में जाते हैं।

7. किसानों-टैक्सपेयर की वजह से गरीबों का पेट भर पा रहे हैं
आज गरीब को सरकार मुफ्त राशन दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है। पहला हमारे अन्न देवता मेहनती किसान। दूसरा हमारे देश के ईमानदार टैक्स पेयर। आपका परिश्रम और समर्पण ही है, जिसकी वजह से देश यह मदद कर पा रहा है। आपने देश का अन्न भंडार भरा है इसलिए गरीब का चूल्हा जल रहा है। आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है इसलिए आज देश का गरीब इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है।

8. हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे
हम गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे। हम सारी ऐहतियात बरतते हुए इकोनामिक एक्टिविटीज को और आगे बढ़ाएंगे। हम आत्मनिर्भर भारत के लिए दिन-रात एक करेंगे। हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे। इसी संकल्प के साथ हम 130 करोड़ देशवासियों को मिलकर संकल्प के साथ काम भी करना है और आगे भी बढ़ना है।

9. मास्क, फेस कवर जरूर पहनें
आपसे प्रार्थना करता हूं, आग्रह करता हूं कि स्वस्थ रहिए। दो गज की दूरी का पालन करते रहिए। गमछा, फेसकवर, मास्क का उपयोग करिए और कोई लापरवाही मत करिए।

प्रधानमंत्री मोदी के कोरोना के दौर में अब तक के संबोधन 

  • पहला संबोधन- 19 मार्च: जनता कर्फ्यू का ऐलान।
  • दूसरा संबोधन- 24 मार्च: 21 दिन का लॉकडाउन।
  • तीसरा संबोधन- 3 अप्रैल: दीप जलाने की अपील।
  • चौथा संबोधन- 14 अप्रैल: लॉकडाउन-2 की घोषणा।
  • पांचवां संबोधन- 12 मई: 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान, लॉकडाउन 4.0 का ऐलान।
  • छठवां संबोधन- 30 जून: गरीब कल्याण अन्य योजना नवंबर तक बढ़ाई गई।

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