पीएम का किसान संवाद: अन्नदाता के नाम पर राजनीति करने वालों को सुनाई खरी-खरी
PM Modi Farmers Samwad: पीएम ने कहा कि एक समय देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि रुपया दिल्ली से चलता है तो घिसता है, और घिसता है तो हाथों में लगता है और फिर गलत हाथों में चला जाता है।
PM Modi Farmers Samwad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान निधि योजना की सातवीं किस्त किसानों के खातों में जमा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए इस कार्यक्रम में पीएम ने जैसे ही बटन दबाया, 9 करोड़ किसानों के खातों में 18000 करोड़ रुपए जमा हो गए। इसके बाद पीएम ने किसान से संवाद किया और संबोधित किया। पीएम ने कहा कि एक समय देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि रुपया दिल्ली से चलता है तो घिसता है, और घिसता है तो हाथों में लगता है और फिर गलत हाथों में चला जाता है। पीएम मोदी ने कहा, आज ऐसा नहीं होता। दिल्ली से पैसा सीधा किसानों के खातों में जमा होता है।
पश्चिम बंगाल सरकार पर साधा निशाना
पीएम ने कहा, मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है। किसानों के जीवन मे खुशी, हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है। आज का दिवस तो बहुत ही पावन भी है। किसानों को आज जो सम्मान निधि मिली है, उसके साथ ही आज का दिन कई अवसरों का संगम बनकर भी आया है।
आज मोक्षदा एकादशी है, गीता जयंती है। आज ही भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय जी की भी जयंती है। आज ही हमारे प्रेरणा पुरूष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की भी जन्म जयंती है। उनकी स्मृति में आज देश ‘गुड गवर्नेंस डे’ भी मना रहा है। आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की किश्त के 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। अब वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों को संबोधित कर रहे हैं। मोदी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में जो किसानों को फायदा नहीं पहुंचने दे रहे, वे दिल्ली आकर किसानों की बात करते हैं। साथ ही कहा कि नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं।
मोदी के भाषण की अहम बातें
बंगाल के 70 लाख किसानों को लाभ नहीं मिलने का अफसोस
मोदी ने कहा कि आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।
बंगाल में 30 साल में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाई गई
कई किसानों ने भारत सरकार को सीधी चिट्ठी लिखी है, लेकिन राज्य सरकार इसे अटकाकर बैठ गई है। जो लोग बंगाल में 30-30 साल तक राज करते थे, वे लोग बंगाल को कहां से कहां ले गए। उन लोगों ने किसानों को मिलने वाले 2 हजार रुपए के लिए आवाज नहीं उठाई और आंदोलन के लिए पंजाब चले गए। क्या देश की जनता को इस खेल का पता नहीं है। विपक्ष की जुबान इस पर क्यों बंद हो गई है।
APMC की बात करने वाले केरल में आंदोलन नहीं करते
जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल APMC मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में APMC मंडियां हैं ही नहीं। केरल में ये लोग कभी आंदोलन नहीं करते।
करोड़ों किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ
हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों की इनपुट कॉस्ट कम हो। सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो। आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।
लागत का डेढ़ गुना MSP दिया
हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई। हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हों। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघों को आर्थिक मदद दे रहे
हमने एक और लक्ष्य बनाया कि छोटे किसानों के समूह बनें ताकि वे अपने क्षेत्र में एक सामूहिक ताकत बनकर काम कर सकें। आज देश में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ FPO बनाने का अभियान चल रहे हैं, उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। आज देश के किसान को अपना पक्का घर मिल रहा है, शौचालय मिल रहा है, साफ पानी मिल रहा है।
नए कानूनों में किसानों की मर्जी का ध्यान रखा
कृषि सुधारों के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो वहां भी बेच सकते हैं। निर्यात करना चाहें या व्यापारी को बेचना चाहें यह भी आपकी मर्जी है।
किसान चाहें तो वैल्यू चेन का हिस्सा भी बन सकते हैं
आप अपनी उपज दूसरे राज्य में बेचना चाहते हैं तो बेच सकते हैं। आप FPO के जरिए उपज को एक साथ बेचना चाहें तो बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बनना चाहें तो ये भी कर सकते हैं।
इससे पहले मोदी ने अलग- अलग राज्यों के किसानों से इंडिविजुअल बात करते हुए कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कृषि कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी। ऐसे लोगों की बातों में नहीं आएं। कुछ नेता किसानों के नाम पर अपना एजेंडा चला रहे हैं।
इन राज्यों के किसानों से चर्चा
अरुणाचल प्रदेश
किसान: मुझे 4 महीने में 2-2 हजार मिले। पीएम फंड से मिले पैसे से ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और FPO बनाया। ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं।
मोदी: जिन कंपनियों से आप जुड़े हैं, वे आपसे सिर्फ अदरक लेते हैं कि जमीन भी ले जाते हैं।
किसान: ऐसा नहीं होता।
ओडिशा
किसान: 12 मार्च 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड मिला। मैंने 4% पर लोन लिया है। साहूकार से 20% से कर्ज मिलता है। लोन के पैसे से मेरे जीवन में सुधार हुआ है। मेरे पास एक एकड़ जमीन है।
मोदी: अटलजी की सरकार ने किसानों को कम दरों को लोन देने की शुरुआत की थी, हम इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
हरियाणा
किसान: पहले मैं सिर्फ चावल की खेती करता था, लेकिन अब बागबानी भी करता हूं। मैंने 3 एकड़ में नींबू और 7 एकड़ में अमरूद उगाए हैं। हम इन्हें लोकल मंडी में बेचते हैं, जहां अच्छे दाम मिलते हैं।
तमिलनाडु
किसान: मुझे ड्रिप इरिगेशन से काफी फायदा हुआ। इससे पानी की भी काफी बचत हुई।
मोदी: आपने कमाई तो की, साथ ही पानी बचाकर मानव सेवा भी की। आपकी आय भी बढ़ी और जमीन का उपयोग भी हुआ। आपसे आग्रह करूंगा कि और किसानों को भी समझाइए कि पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती।
उत्तर प्रदेश
किसान: डेढ़ एकड़ में खेती करते हैं। FPO में 100 छोटे-छोटे किसान हैं।
मोदी: क्या आपको लगता है कि नए सुधारों से फायदा होगा। आपकी जमीन तो नहीं जाएगी?
किसान: हां, इनसे हमें फायदा हो रहा है। जमीन जाने जैसी कोई बात नहीं।
सरकार की नीतियां किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्री भी अलग-अलग राज्यों में किसानों को संबोधित कर रहे हैं।
मंत्री | कहां मौजूद |
अमित शाह | किशनगढ़ गांव, महरौली, दिल्ली |
नितिन गडकरी | सिलचर, असम |
गजेंद्र सिंह शेखावत | जैसलमेर, राजस्थान |
रविशंकर प्रसाद | पटना, बिहार |
वीके सिंह | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश |
आज का दिन क्यों चुना?
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। देशभर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से कार्यक्रम कराए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री, BJP शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक शामिल होंगे। किसानों के लिए चौपाल लगाई जाएगी और उन्हें प्रधानमंत्री का संबोधन दिखाया जाएगा। इस दौरान BJP कार्यकर्ता घर-घर जाकर कृषि कानूनों को लेकर लिखे गए कृषि मंत्री के लिखे पत्र को बांटेंगे।
हर साल 6 हजार रुपए किसानों को दिए जाते हैं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देशभर के किसानों को हर साल केंद्र सरकार की तरफ से 6 हजार रुपए 3 किश्तों में दिए जाते हैं। अब तक 10 करोड़ 96 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि PM मोदी किसानों को नए कृषि कानून की खूबियां भी बताएंगे। इस कार्यक्रम के लिए 22 दिसंबर तक देशभर के 2 करोड़ किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
किसान आंदोलन का आज 30वां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 30वां दिन है। सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की। चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है।
साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज से जुड़ी कोई भी नई मांग जो नए कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल करना तर्कसंगत नहीं होगा। बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी।