सचिन वझे का मामला उठाने वालीं सांसद को धमकी:अमरावती की सांसद ने स्पीकर से शिकायत की; शिवसेना MP ने लॉबी में धमकाया- ‘देखता हूं कि तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है’

संसद की कार्यवाही के दौरान सांसद नवनीत रवि राणा ने दावा किया था कि एंटीलिया केस में निलंबित API सचिन वझे को बहाल करने की वकालत खुद उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस से की थी।

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मुंबई। संसद में सोमवार को सचिन वझे का मामला उठाने वालीं अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत पर धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर इस मामले की शिकायत की है। हालांकि, स्पीकर बिरला कोरोना के चलते अभी अस्पताल में हैं। नवनीत ने स्पीकर को लिखे लेटर में कहा है कि संसद में सचिन वझे का मामला उठाने के बाद शिवसेा के MP अरविंद सावंत ने कहा, ‘मैं देखता हूं कि तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है। तेरे को भी जेल में डालेंगे।’

नवनीत ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘महाराष्ट्र के मनसुख हीरेन हत्याकांड, सचिन वझे और पूर्व पुलिस कमिश्नर के पत्र के बारे में ठाकरे सरकार पर सवाल उठाए जा रहे थे। उन सवालों को मैंने संसद में उठाया। इस वजह से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने संसद की लॉबी में मुझे धमकी दी। पहले भी मुझे शिवसेना के लैटर हेड पर, फोन पर चेहरे पर तेजाब डालने और जान से मारने की धमकियां दी गई हैं।’ नवनीत ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग की है।

नवनीत रवि राणा ने लोकसभा स्पीकर को भेजे लेटर में लिखा है कि उन्हें पहले भी धमकियां दी जा चुकी हैं।
नवनीत रवि राणा ने लोकसभा स्पीकर को भेजे लेटर में लिखा है कि उन्हें पहले भी धमकियां दी जा चुकी हैं।

अरविंद सामंत बोले- शिवसेना वाले महिलाओं को नहीं धमकाते
नवनीत राणा के आरोपों पर मुंबई दक्षिण से सांसद अरविंद सावंत ने कहा, ‘यह बात सरासर झूठ है। एक तो वह महिला हैं। नवनीत राणा मुझे आते-जाते भैया-दादा कहती हैं। महिला को धमकाने जैसा काम शिवसेना वाले नहीं करते। उनके इर्द-गिर्द कोई लोग हों तो वे बताएं कि मैंने उन्हें धमकाया। उनकी बात करने का तरीका थोड़ा अच्छा नहीं लगता।’

उन्होंने कहा, ‘आप उनकी वीडियो क्लिप देखिए, जब भी वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लेंगी, उनकी बॉडी लैंग्वेज देखिए, एकदम घृणास्पद बात करती रहती हैं। फिर भी कभी नहीं बोला हमने। वह तो पहले से ऐसी बात कर रही हैं। आज भी वही हुआ। मैं इन्हें क्यों धमकाऊं। ये अच्छी तरह से बात नहीं कर रही हैं। ये ठीक नहीं है।’

नवनीत ने कहा- उद्धव ठाकरे ने वझे की बहाली के लिए दबाव बनाया था
एंटीलिया केस के बाद महाराष्ट्र के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्‌ठी का मामला सोमवार को संसद में उठा था। सत्ता पक्ष के साथ अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने भी यह मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। दोनों सदनों में इस पर जमकर हंगामा हुआ। हंगामा बढ़ने के बाद शिवसेना के सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में इस मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री वसूली कर रहे हैं और ये सारा देश देख रहा है। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने इसे रिकॉर्ड पर नहीं लेने के निर्देश दिए।

एंटीलिया केस पर बोलते हुए सांसद नवनीत रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर केस के मुख्य आरोपी मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे की तरफदारी करने का आरोप लगाया। नवनीत ने कहा कि जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार थी तब शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने उन्हें फोन कर दोबारा पुलिस सेवा में लाने की सिफारिश की थी। अमरावती सांसद ने सवाल उठाया कि आखिर 16 साल से निलंबित एक पुलिस वाले की पैरवी उद्धव ठाकरे क्यों कर रहे थे, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।

एक API से 6000 करोड़ वसूलना चाहते थे गृहमंत्री: पूनम महाजन
BJP सांसद पूनम महाजन ने कहा कि महाराष्ट्र में तीन पहिए की सरकार चल रही है,जिसका तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। एक DG स्तर के IPS अफसर सवाल उठा रहे हैं कि महाराष्ट्र में एक API लेवल के पुलिसकर्मी को 100 करोड़ रुपए महीने वसूली करने का टारगेट दिया जा रहा है। 100 करोड़ महीना मतलब 1200 करोड़ रुपए साल। मतलब एक API से पांच साल में 6000 करोड़ का टारगेट है। सोचिए, NCP गृहमंत्री ऐसे कितने API से पैसे वसूलना चाहते होंगे।

BJP सांसद ने मांगा उद्धव ठाकरे का इस्तीफा
लोकसभा में मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और केंद्रीय एजेंसियों को इस मसले की जांच करनी चाहिए। ये पहली बार है, जब किसी API के समर्थन में मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसी API को 100 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया गया था।

मंत्री नवाब मलिक ने परमबीर की चिट्‌ठी पर सवाल उठाए
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने परमबीर सिंह की चिट्‌ठी पर सवाल उठाए हैं। मलिक ने कहा कि परमबीर ने चिट्‌ठी में लिखा है कि वे गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिले थे, लेकिन देशमुख तो 1 से 5 फरवरी तक विदर्भ के दौरे पर थे। इसके बाद वो 15 फरवरी को कोरोना पॉजिटिव हो गए और 28 तक रहे। इन सभी बातों से परमबीर की चिट्‌ठी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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