संसद सत्र : कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित हुई
सदन में हंगामे के दौरान उपराष्ट्रपति और सभापति वैंकेया नायडू ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि कृषि कानूनों पर चर्चा हुई थी। ये गतल उदाहरण मत पेश करिए। लोगों को गुमराह न करिए कि कोई चर्चा नहीं हुई थी। वोटिंग हुई थी और सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने सुझाव और तर्क दिए थे। उप-राष्ट्रपति ने भी सदस्यों को नियमों का पालन करने के लिए कहा।
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बुधवार की सुबह 9 बजे तक स्थगित कर दी गई है। विपक्ष के सदस्यों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सदन में जमकर नारेबाजी की। इसके चलते तीन बार पहले भी सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।
सदन में हंगामे के दौरान उपराष्ट्रपति और सभापति वैंकेया नायडू ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि कृषि कानूनों पर चर्चा हुई थी। ये गतल उदाहरण मत पेश करिए। लोगों को गुमराह न करिए कि कोई चर्चा नहीं हुई थी। वोटिंग हुई थी और सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने सुझाव और तर्क दिए थे। उप-राष्ट्रपति ने भी सदस्यों को नियमों का पालन करने के लिए कहा।
कोरोना अपडेट्स
- संसद में स्थित कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी ऑफिस में कांग्रेस ने अपने सभी लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है।
- लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कृषि कानूनों को लेकर एडजर्न मोशन नोटिस दिया है।
एक दिन पहले ही वित्त मंत्री ने बजट पेश किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ही लोकसभा में साल 2021-22 का बजट पेश किया है। एक घंटा 50 मिनट के उनके तीसरे बजट भाषण के दौरान उन्होंने कई ऐलान किए। 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजंस को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट मिली। कुछ ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15% की गई है। इससे गाड़ियां महंगी हो सकती हैं।
पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर एग्री सेस लगा है। सोना-चांदी पर भी 2.5% एग्री सेस लगाया गया है, हालांकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5% से घटाकर 7.5% कर दी गई है। इंपोर्टेड सेब, काबुली चना, मटर और मसूर पर भी सेस लगा है। हालांकि बजट में कहा गया है कि इन पर सेस से खरीदारों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। कोरोना को देखते हुए हेल्थकेयर के लिए 2.23 लाख करोड़ दिए गए हैं। यह पिछले साल से 137% ज्यादा है।