भारतीयों के डिपोर्टेशन पर संसद में हंगामा:विपक्ष का हथकड़ी पहनकर सदन के बाहर प्रदर्शन; विदेश मंत्री 2 बजे राज्यसभा में जवाब देंगे
बजट सत्र के पांचवें दिन अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन मुद्दे पर संसद में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने ‘सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा- आपकी चिंता के बारे में सरकार को मालूम है। ये विदेश नीति का मुद्दा है।
इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसदों ने बाहर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कुछ सांसद हाथों में हथकड़ी पहने नजर आए। पोस्टर भी लहराए जिसमें लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि, 100 से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकालने पर पूरा देश हैरान है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। सरकार इस पर चुप क्यों है। भारत ने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा क्यों नहीं की। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मुद्दे पर राज्यसभा में दोपहर 2 बजे जवाब देंगे।
अखिलेश बोले- भारत को विश्वगुरु बनाने वाले अब चुप क्यों हैं
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा- जो लोग भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखा रहे थे, वे अब चुप क्यों हैं? भारतीय नागरिकों को गुलामों की तरह हथकड़ी लगाकर और अमानवीय परिस्थितियों में भारत भेजा जा रहा है। विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है? विपक्ष को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने दे।’
प्रियंका गांधी बोलीं- मोदी और ट्रम्प अच्छे दोस्त हैं, फिर ऐसा क्यों हुआ
प्रियंका गांधी ने कहा- बहुत बात की गई थी कि मोदी जी और ट्रम्प जी बहुत अच्छे मित्र हैं, फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उनको हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा जाए? ये कोई तरीका है। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।
शशि थरूर बोले- डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ, इस पर ज्यादा बहस न हो
- यह पहली बार नहीं है जब हमारे लोगों को डिपोर्ट किया गया है। अभी चर्चा इसलिए हुई क्योंकि ट्रम्प ने लोगों की अपेक्षा से थोड़ा जल्दी यह कर दिया है। लेकिन पिछले साल ही, बिडेन प्रशासन के तहत, 1100 से ज्यादा भारतीयों को वापस भेजा गया था।
- अगर आप अवैध रूप से अमेरिका में हैं, तो अमेरिका को आपको बाहर निकालने का अधिकार है और अगर भारतीय के रूप में आपकी पहचान की पुष्टि हो जाती है, तो भारत का दायित्व है कि वह आपको स्वीकार करे। इसलिए, इसमें ज्यादा बहस नहीं होनी चाहिए।
- यह सुनना थोड़ा अटपटा है कि उन्हें जबरन सैन्य विमान में वापस लाया गया और हथकड़ी लगाई गई। इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्हें कमर्शियल फ्लाइट पर बिठाकर ही वापस भेजना चाहिए था।
- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैंने उनसे (राहुल गांधी से) कहा है कि वे लोकसभा में कही गई बातों का सबूत दें। अगर वे ऐसा करते हैं तो ठीक है, नहीं तो उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा। मैं कभी संसद का दुरुपयोग नहीं करता, मैं पूरे सबूत के साथ बातें करता हूं। वे (राहुल गांधी) संसद, मंच और लोकतंत्र का दुरुपयोग करते हैं। पहली बार हमारे पास ऐसा विपक्ष का नेता है जिसे देश की चिंता नहीं है, लेकिन वोट बैंक के लिए वे देश को उसी तरह बांटने को तैयार हैं, जिस तरह जवाहर लाल नेहरू ने देश को बांटा और पाकिस्तान बनवाया था।”