हरियाणा में सियासी घमासान:क्या सिरे चढ़ पाएगा कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव?, खट्टर अपनी सरकार बचा पाएंगे या उनका किला ढह जाएगा

सरकार को बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए। BJP के 40 और जजपा के 10 विधायकों के साथ यह संख्या 50 हो जाती है ।

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चंडीगढ़। हरियाणा में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगे। इस बीच प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। कांग्रेस ने किसान आंदोलन के कारण सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान करते हुए अपने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है।

प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार ने भी अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर सुबह से शाम तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है। हालात की गंभीरता को समझते हुए डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने सेशन के बाद अपने सभी विधायको को डिनर पर बुलाया। अविश्वास प्रस्ताव खट्टर से ज्यादा दुष्यंत चौटाला की परीक्षा का पल है।

कांग्रेस इसके जरिए जाट किसानों को दिखाना चाहती है कि दुष्यंत उनका साथ नहीं दे रहे हैं और कांग्रेस ही उनकी पक्षधर है। कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कि सत्ता की लालची जजपा का भाजपा भक्त और किसान विरोधी चेहरा सबके सामने है। सभी जजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि वे किसान आंदोलन का साथ दें और मोदी भक्ति में लीन जजपा को तुरंत छोड़ें। कांग्रेस पूरी तरह से किसानों के साथ है और बड़े से बड़ा बलिदान करने से पीछे नहीं हटेगी।

हरियाणा में विधानसभा का गणित
हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 हैं। ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने हाल में किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था। पंचकूला जिले की कालका सीट से विधायक को हिमाचल कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद अपना पद गंवाना पड़ा। मौजूदा स्थिति में विधायकों की कुल संख्या 88 रह जाती है। इस पर वोटिंग होनी है।

सरकार को बहुमत के लिए विधायकों की संख्या 45 चाहिए। BJP के 40 और जजपा के 10 विधायकों के साथ यह संख्या 50 हो जाती है। इसके अलावा सरकार को 5 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में सरकार पर बहुत खतरा नहीं है।

कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। हाल में सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में कुल विधायकों की संख्या 32 हो जाएगी।
तो अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे कांग्रेस की रणनीति क्या है।

कांग्रेस का प्लान है कि किसान आंदोलन कार्ड खेलकर और दुष्यंत चौटाला के विधायकों को अपनी तरफ करने में कामयाब होंगे। ऐसे में सरकार गिर जाएगी। हालांकि, यह आसान नहीं लगता है। सरकार में मंत्री अनिल विज का कहना है कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में चारों खाने चित्त होकर गिरेगा।

जजपा नेता दुष्यंत चौटाला की डिनर डिप्लोमैसी
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सेशन खत्म होते ही सभी विधायकों को अपने घर डिनर के लिए बुलाया। ये डिनर डिप्लोमैसी इस बात की ओर इशारा करती है कहीं न कहीं उन्हें डर है कि उनके विधायकों में सेंध न लग जाए।

पार्टी के विधायक ईश्वर सिंह का दावा है कि गठबंधन सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है। जननायक जनता पार्टी के सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया गया है। हम सब एकजुट हैं।

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