निसर्ग चक्रवात/ महाराष्ट्र के अलीबाग से टकराया तूफान, 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं; मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी-लिंक बंद किया गया

महाराष्ट्र में पश्चिमी नौसेना संभाली कमान, इंडिगो ने 17 उड़ानों को रद्द किया भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की, मुंबई में 'निसर्ग' ने दी दस्तक, बारिश शुरू

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नई दिल्ली. अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में समुद्र तट से टकरा गया है। इलाके में करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसे तट से गुजरने में करीब 3 घंटे का समय लगेगा। इस बीच, मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। उधर, गोवा में समुद्र में ऊंचा ज्वार उठा है। पहले यह तूफान गुजरात के तट से भी टकराने वाला था, लेकिन मौसम विभाग ने बाद में यह अनुमान वापस ले लिया।

अपडेट्स…

  • निसर्ग तूफान की वजह से मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही रोकी गई।
  • निसर्ग तूफान में एक जहाज फंस गया और रत्नागिरी के भाटीमिर्या समुद्र तट पर पहुंच गया।
  • मुंबई के ससून डॉक परिसर में चक्रवाती तूफान आने से पहले समुद्र बहुत ही अशांत नजर आया। चूंकि यह मछुआरों का इलाका है। लिहाजा यहां पुलिस लगातार बाइक से गश्त कर रही है लोगों को समुद्र तट से दूर रहने की हिदायत दे रही है।
  • बृहन्नमुंबई महानगरपालिका लोगों को सलाह दी है कि भारी बारिश के दौरान वे घर से बेवजह न निकलें। कार से निकलें तो उसमें हथौड़ी या कोई भारी औजर रखें, ताकि पानी में फंसकर कार का सेंट्रल लॉक जाम हो जाए तो कांच तोड़कर बाहर निकला जा सके।
  • तूफान से पहले महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांवों से 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिले के सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया।
  • तूफान को देखते हुए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया। नौसेना ने 5 बाढ़ टीम और 3 गोताखोरों टीमों को मुंबई में तैयार रखा है।

सवाल-जवाब में समझें निसर्ग तूफान को

तूफान कहां उठा?
यह 1 जून को अरब सागर के मध्य-पश्चिम तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना, जो चक्रवात में बदल गया। तब यह कम दबाव का क्षेत्र मुंबई से 630 किमी दक्षिण और दक्षिण पश्चिम था।

यह कहां और कब टकराया?
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग इलाके में दोपहर 1 बजे टकराना शुरू हुआ। यहां से इसे गुजरने में 3 घंटे लगेंगे।

तूफान के असर के चलते रायगढ़ में बिजली व्यवस्था पर असर पड़ा।

इसका असर क्या हो रहा?
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठ रहीं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की गई। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नागर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी या अति भारी बारिश के आसार हैं।

तेज हवाओं के चलते रायगढ़ में कई पेड़ उखड़ गए। घरों को भी नुकसान पहुंचा।

इससे क्या नुकसान हो सकता है?
पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। मुंबई में बार्क (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) है। इन्हें नुकसान पहुंचा तो बिजली संप्लाई बंद हो सकती है। रायगढ़ में भी पॉवर, पेट्रोलियम, केमिकल्स और कुछ दूसरी अहम इंडस्ट्रीज हैं। मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और नेवी के अहम रणनीतिक ठिकाने हैं। तूफान से इन्हें भी खतरा है।

महाराष्ट्र में तूफान कितने साल बाद आया है?
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।

मौसम विभाग ने कहा कि अगले 12 घंटे तक मुंबई में भारी बारिश की आशंका है। इस दौरान हवा की रफ्तार 100 से 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है। समुद्र में 6 फीट ऊंची लहरे उठने की आशंका है। फिलहाल निसर्ग तूफान पणजी से 280 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम, मुंबई से 350 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, अलीबाग से 300 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और सूरत से 560 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम है। इसके चलते तटीय इलाकों से करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इनमें कोरोना पेशेंट भी शामिल हैं। मुंबई के अलावा ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में अलर्ट जारी किया गया है।

Cyclone Nisarga headed towards Mumbai: what happens next; how to ...

महाराष्ट्र में पश्चिमी नौसेना संभाली कमान 
पश्चिमी नौसेना कमान ने बाढ़, राहत और बचाव और गोताखोर सहायता के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए हैं, जो पश्चिमी समुद्र तट पर  शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश और बाढ़ की स्थिति में संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय के लिए तैयार है। अरब सागर में चक्रवाती तूफ़ान Nisarga के चलते सभी टीमों को तूफान की अवधि के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) की किसी भी आवश्यकता के लिए अलर्ट पर रखा गया है।

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इंडिगो ने 17 उड़ानों को रद्द कर दिया है
चक्रवात निसर्ग के चलते इंडिगो ने 17 उड़ानों को रद्द कर दिया है। मुंबई से सिर्फ तीन फ्लाइट ही संचालित होंगी।

अगले दो दिनों तक घर से बाहर न निकलें- उद्धव ठाकरे 
चक्रवात निसर्ग के मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की है कि अगले दो दिनों तक घर से बाहर न निकलें।

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भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की
भारतीय मौसम विभाग ने अरब सागर में बन रहे दबाव के क्षेत्र को लेकर चेतावनी जारी की। मौसम विभाग ने बताया कि यह तूफान अगले 12 घंटों में खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। यही वजह है कि मुंबई के आसपास के जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की दो टीमें पालघर, तीन मुंबई, एक ठाणे, दो टीमें रायगढ़ और एक रत्नागिरी में तैनात की गई हैं।

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मुंबई में ‘निसर्ग’ ने दी दस्तक, बारिश शुरू
मुंबई में ‘निसर्ग’ ने दी दस्तक दे दी है। यहां बारिश शुरू हो गई है। चक्रवात निसर्ग बुधवार को देश के पश्चिमी तट पर पहुंचेगा। कल अलीबाग के पास चक्रवात से भूस्खलन होने की संभावना है। Cyclone Nisarga के मद्देनजर NDRF की टीम को पालघर में तैनात किया गया है। NDRF के एक अधिकारी ने कहा कि हम तटीय क्षेत्रों में लगभग 13 गांवों से लोगों को निकाल रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करते हुए ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार हैं।

गुजरात: निसर्ग के आगमन से पहले मछुआरों को तटीय रक्षक अलर्ट कर बंदरगाह पर वापिस लौटने की अपील कर रहे हैं।

चक्रवात निसर्ग का इस तरह हुआ नामकरण
पश्चिम बांगाल में चक्रवात अम्फान के कहर बरपाने के एक सप्ताह बाद, देश अब एक और चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार है, जो महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्र तट की ओर बढ़ रहा है। निसर्ग जो वर्तमान में अरब सागर के ऊपर है, का अर्थ प्रकृति है और यह भारत के पड़ोसी देश – बांग्लादेश द्वारा सुझाया गया है। देशों के समूह द्वारा तैयार की गई सूची में इस नाम को जोड़ा गया था। बांग्लादेश ने फणि का भी सुझाव दिया था, जिसने तीन मई, 2019 को ओडिशा में दस्तक दिया था और भारी तबाही मचाई थी। हिंद महासागर में चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत 2000 में हुई और 2004 में एक फार्मूले पर सहमति बनी। अगले कुछ चक्रवातों के नाम गति (भारत द्वारा दियानाम), निवार (ईरान), बुरेवी (मालदीव), तौकते (म्यांमार) और यास (ओमान) रखा जाएगा।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम वैज्ञानिक समुदाय और आपदा प्रबंधकों को चक्रवातों की पहचान करने, जागरूकता पैदा करने और प्रभावी ढंग से चेतावनी जारी करने में मदद के लिए दिया जाता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग, 2000 में आयोजित अपने 27वें सत्र में, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण पर सहमत हुए थे। बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड पैनल का हिस्सा थे। बाद में 2018 में ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन को शामिल किया गया।

दुनिया भर के चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों (आरएसएमसी) और उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों (टीसीडब्ल्यूसी) द्वारा दिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग सहित कुल छह आरएसएमसी और पांच टीसीडब्ल्यूसी हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को एक मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित उत्तर हिंद महासागर में विकसित होने वाले चक्रवातों के नाम देना अनिवार्य कर दिया गया है। 13 देशों के सुझावों के अनुसार, आईएमडी ने अप्रैल, 2020 में चक्रवात के नामों की एक सूची जारी की। अर्नब, निसर्ग, आग, व्योम, अजार, प्रभंजन, तेज, गति, लुलु जैसे 160 नामों को सूचीबद्ध किया गया। आईएमडी के अनुसार, नाम लिंग, राजनीति, धर्म और संस्कृति के प्रति निष्पक्ष होने चाहिए, भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाने वाला, आक्रामक नहीं होना, छोटा होना, उच्चारण करने में आसान होना चाहिए।

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