कैबिनेट के फैसले / गरीबों और कामगारों को कम किराए पर मकान दिए जाएंगे, 3.5 लाख लोगों को फायदा; उज्ज्वला के तहत सितंबर तक मिलेगा मुफ्त सिलेंडर

बैठक में ओरिएंटल, नेशनल और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में 12450 करोड़ रुपए के कैपिटल निवेश को मंजूरी दी गई कैबिनेट ने ईपीएफ शेयरिंग 24% को और तीन महीने जून से अगस्त तक बढ़ाने को मंजूरी दी, 72 लाख लोगों को फायदा होगा

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि नवंबर तक बढ़ा दी गई है। इसके तहत 81 करोड़ लोगों को 203 लाख टन अनाज दिया जाएगा। इसके अलावा शहरी गरीबों और कामगारों के लिए सस्ते घर किराए पर मुहैया करवाए जाएं। इससे करीब 3.5 लाख लोगों को फायदा होगा।

जावड़ेकर ने कहा- गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति 25 किलो अनाज और पांच किलो चना मुफ्त मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में गरीबों को 120 लाख टन अनाज बांटा गया। इस दौरान 4 लाख 60 हजार टन दाल और 9 लाख 70 हजार चना दाल दी गई।

सरकार ने इस योजना का ऐलान मार्च में किया था। जून तक इस योजना के दायरे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पांच किलो अनाज और एक किलो चना दिया गया था।

कैबिनेट के अहम फैसले 

  • उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले तीन सिलेंडरों की अवधि को जून से बढ़ाकर अब सितंबर तक कर दिया गया है। इसमें 13500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसका फायदा 4 करोड़ गरीब महिलाओं को मिलेगा।
  • कैबिनेट ने ईपीएफ शेयरिंग 24% (12% कर्मचारी का और 12% संस्थान का) को और तीन महीने जून से अगस्त तक बढ़ाने को मंजूरी दी। इसमें कुल अनुमानित खर्च 4 हजार 860 करोड़ रुपए आएगा। इससे 72 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा।
  • कैबिनेट ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के लिए 12450 करोड़ रुपए के कैपिटल निवेश को मंजूरी दी। इसमें फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में किया गया 2500 करोड़ रुपए का निवेश भी शामिल है।
  • कैबिनेट ने शहरी प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दी। इसके लिए 600 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना से 3.5 लाख लोगों को फायदा होगा। शहरी गरीबों और कामगारों को इससे किराए पर सस्ते मकान मिल जाएंगे और वह भी अपनी कंपनियों और फैक्ट्रियों के पास। इससे फैक्ट्रियों और कंपनियों तक जाने में उनका पैसा और वक्त दोनों बचेगा।
  • सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर में  इन्फ्रा, लॉजिस्टिक्स को बेहतर करने के लिए एक लाख करोड़ के फंड को मंजूरी दी।
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