J&K को लेकर सियासी हलचल : कश्मीरी नेताओं की मोदी के साथ बैठक से 3 घंटे पहले अमित शाह ने PM से चर्चा की; नड्डा ने जम्मू-कश्मीर के पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग की
इससे 3 घंटे पहले गृह मंत्री अमित शाह PM मोदी के घर पहुंचे और कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस दौरान मोदी की कश्मीर के नेताओं के साथ होने वाली मीटिंग के एजेंडे पर बात हुई है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के करीब 2 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्य के 14 दलों के नेताओं के साथ मीटिंग करने वाले हैं। मीटिंग शाम 3 बजे से होनी है। इसमें जम्मू-कश्मीर से राजनीतिक गतिरोध खत्म करने पर बातचीत हो सकती है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
इससे 3 घंटे पहले गृह मंत्री अमित शाह PM मोदी के घर पहुंचे और कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस दौरान मोदी की कश्मीर के नेताओं के साथ होने वाली मीटिंग के एजेंडे पर बात हुई है।
वहीं, कश्मीर के नेताओं के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पार्टी मुख्यालय पर हुई अहम मीटिंग खत्म हो गई है। इस बैठक में कश्मीर के बीजेपी नेताओं को पार्टी नेतृत्व की तरफ से जो निर्देश मिले हैं वो पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में रखे जाएंगे। इस बैठक में रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह और मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हुए थे। उधर गुलाम नबी आजाद के घर चल रही कांग्रेस नेताओं की बैठक भी खत्म हो गई है।
इस बीच महबूबा के पाकिस्तान से बातचीत वाले बयान पर बवाल शुरू हो गया है। जम्मू में डोगरा फ्रंट ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि महबूबा को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। इसके लिए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।
महबूबा दिल्ली पहुंची, फारुख थोड़ी देर में पहुंचेंगे
बैठक में शामिल होने के लिए महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा कि वो खुले दिल से चर्चा करेंगी। हालांकि, इसी हफ्ते उन्होंने ये भी कहा था कि आर्टिकल 370 को वापस देना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। वहीं, फारूक श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।
#WATCH | Jammu & Kashmir: National Conference chief Farooq Abdullah leaves his residence in Srinagar to participate in the all-party meeting called by PM Narendra Modi today pic.twitter.com/dpo26oQm76
— ANI (@ANI) June 24, 2021
7 पॉइंट में समझिए मीटिंग की अहमियत
- बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हो सकती है। 2018 के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव, 2020 के DDC चुनाव में जम्मू-कश्मीर ने हिस्सा लिया था।
- बुधवार को ही चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के मसले पर एक मीटिंग की है। जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के करीब 20 डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए थे।
- जम्मू-कश्मीर को अलग केंद्रीय शासित प्रदेश बनाने के साथ ही यहां विधानसभा सीटें बढ़ाई गई हैं। अभी यहां 114 सीटें हैं, जिनमें से 24 PoK की हैं। यानी मौजूदा वक्त में चुनाव के लिए करीब 90 सीटें होंगी।
- इस बैठक में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मसले ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े कुछ बाहरी मसलों पर चर्चा हो सकती है। इनमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं का हटना, लद्दाख में चीनी सैनिकों का लगातार परेशानी बढ़ाने जैसे मसले शामिल हैं।
- मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के 14 दलों के नेताओं को बुलाया गया है। गुपकार ग्रुप ने बीते दिनों ही मीटिंग कर ये फैसला लिया था कि वो भी मीटिंग में शामिल होंगे। इनमें फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन जैसे नाम शामिल हैं।
- गुपकार ग्रुप के अलावा कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि भी इस मीटिंग में शामिल होंगे। कांग्रेस ने मनमोहन सिंह की अगुवाई में एक मीटिंग कर इसमें शामिल होने का निर्णय लिया था।
- मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, NSA अजित डोभाल समेत अन्य कुछ अधिकारी शामिल होंगे।
2019 से जारी है राजनीतिक अस्थिरता
5 अगस्त 2019 को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेट्स को खत्म कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। उसके बाद से राजनीतिक हालात अस्थिर हो गए थे। ज्यादातर बड़े नेता नजरबंद रहे। कुछ को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत जम्मू और कश्मीर के बाहर जेलों में भेज दिया गया। अब मोदी की मुलाकात को केंद्र की ओर से जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत कायम करने के लिए सभी दलों से बात करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।