केंद्रीय मंत्री को अंतिम विदाई:रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा; एयरपोर्ट पर बेटी को सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो दामाद ने सुशील मोदी की कार रोक ली
रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में गुरुवार शाम दिल्ली में निधन हो गया था अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में दोपहर 1:30 बजे दीघा के जनार्धन घाट पर होगा
पटना। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम को दिल्ली से पटना लाया गया। उनकी बेटी और दामाद को एयरपोर्ट पर अंदर नहीं जाने देने पर हंगामा हो गया। बेटी आशा पासवान और दामाद अनिल कुमार साधु ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मी उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहे थे। इससे नाराज अनिल ने काफी देर तक हंगामा किया। इस दौरान वहां पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की कार को भी उन्होंने रोक दिया। सुरक्षाकर्मियों की काफी कोशिश के बाद अनिल कार के सामने से हटे।
पासवान के पार्थिव शरीर को शनिवार को लोजपा ऑफिस में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद दीघा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ 1:30 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।
#WATCH Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays last respects to Union Minister and LJP leader Ram Vilas Paswan at the latter's residence.
The LJP leader passed away yesterday. pic.twitter.com/rDgRrHl7aT
— ANI (@ANI) October 9, 2020
मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि दी
इससे पहले दिल्ली में उनके 12 जनपथ स्थित सरकारी घर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी। उनके साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पासवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
2 बार हार्ट सर्जरी हुई थी
रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार थे और 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। एम्स में 2 अक्टूबर की रात उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी। इससे पहले भी एक बायपास सर्जरी हो चुकी थी।
राजनीति में लालू-नीतीश से सीनियर थे रामविलास
1969 में पहली बार विधायक बने पासवान अपने साथ के नेताओं, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से सीनियर थे। 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया, 1977 में उन्होंने जनता पार्टी की सदस्यता ली और हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से जीते। तब सबसे बड़े मार्जिन से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड पासवान के नाम ही दर्ज हुआ।
Bihar: Chief Minister Nitish Kumar, Deputy Chief Minister Sushil Modi, Union Minister Ravi Shankar Prasad, RJD leader Tejashwi Yadav and other leaders pay tribute to Union Minister and LJP leader #RamVilasPaswan, at Patna airport.
The Minister passed away yesterday in Delhi. pic.twitter.com/zOD3QgrQ2w
— ANI (@ANI) October 9, 2020
11 बार चुनाव लड़ा, 9 बार जीते
2009 के चुनाव में पासवान हाजीपुर की अपनी सीट हार गए थे। तब उन्होंने NDA से नाता तोड़ राजद से गठजोड़ किया था। चुनाव हारने के बाद राजद की मदद से वे राज्यसभा पहुंच गए और बाद में फिर NDA का हिस्सा बन गए। 2000 में उन्होंने अपनी लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) बनाई। पासवान ने अपने राजनीतिक जीवन में 11 बार चुनाव लड़ा और 9 बार जीते। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा, वे राज्यसभा सदस्य बने। मोदी सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे।
रामविलास पासवान जी के निधन से हम सभी दुखी हैं। उन्होंने युवा अवस्था से ही सेवा का काम किया है। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। कामना करते हैं कि उनके जो काम हैं उनको लोग याद रखेंगे : बिहार CM नीतीश कुमार pic.twitter.com/LO1A8tQjdV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 9, 2020
पासवान के नाम कई उपलब्धियां हैं। हाजीपुर में रेलवे का जोनल ऑफिस उन्हीं की देन है। अंबेडकर जयंती के दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा पासवान की पहल पर ही हुई थी। राजनीति में बाबा साहब, जेपी, राजनारायण को अपना आदर्श मानने वाले पासवान ने राजनीति में कभी पीछे पलट कर नहीं देखा। वे मूल रूप से समाजवादी बैकग्राउंड के नेता थे।