कोरोना का मरकज / तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने नया ऑडियो जारी किया; लोगों से घरों में रहने और सरकार का साथ देने की अपील की

मौलाना साद ने ऑडिया में दावा किया- मैं डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में ही क्वारैंटाइन हूं मौलाना को दिल्ली पुलिस तलाश रही, उसने लॉकडाउन के बाद भी मरकज में जमात सदस्यों को जुटाया

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नई दिल्ली. तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने गुरुवार को अपने समर्थकों के लिए नया ऑडियो जारी किया। इसमें वह दिल्ली में ही सेल्फ क्वारैंटाइन होने का दावा कर रहा है। मौलाना साद इस ऑडियो में कह रहा है, ‘‘मैं दिल्ली में डॉक्टरों की सलाह पर क्वारैंटाइन हूं। जमात के सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे देश में जहां कहीं भी हो कानून का पालन करें और अपने घरों में ही रहें। सरकार के निर्देशों का पालन करें और कहीं पर एकसाथ एकत्रित ना हों।’’

मौलाना साद को दिल्ली पुलिस तलाश रही है। उसने लॉकडाउन के बावजूद दक्षिण दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के मरकज में करीब 5 हजार लोगों को इकट्‌ठा किया था। उस पर जमात के सदस्यों को कोरोनावायरस के बारे में गुमराह करने का भी आरोप है।

मौलाना के वकील ने कहा- अधिकारियों को पूरा सहयोग कर रहे

मौलाना के वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने कहा कि तब्लीगी जमात प्रमुख ने सभी सदस्यों को अपने जिले के अधिकारियों के पास जाने और सहयोग करने को कहा है। उन्होंने सदस्यों से कहा है कि वे अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल टेस्ट करवाएं। सभी अधिकारियों को पूरा सहयोग किया जा रहा है। अय्यूबी ने कहा कि पुलिस ने अब तक केवल कुछ सवाल भेजे हैं, जिनका जवाब दिया जा रहा है। मरकज में आए सभी लोग पुलिस के साथ हैं। उन्हें क्वारैंटाइन या अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस किसी से भी पूछताछ कर सकती है। हमारे पास छुपाने को कुछ भी नहीं है। मीडिया मरकज की ओर से जारी बयान और दूसरे तथ्यों पर गौर नहीं कर रही है।

बुधवार को मरकज खाली कराया गया था
मरकज में लॉकडाउन के बावजूद लोगों के होने की खबर मिलने के बाद इसे खाली कराया गया था। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी दी थी। मेडिकल स्टाफ और डीटीसी की मदद से 36 घंटे तक चलाए गए ऑपरेशन के बाद बुधवार सुबह 4 बजे मरकज खाली कराया गया था। फिलहाल पूरी बिल्डिंग खाली करा ली गई है। यहां से 2,361 लोग मिले, इनमें से 617 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, बाकी क्वारैंटाइन किए गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में यहां से लौटे करीब 380 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। देश में अब भी मरकज से लौटे लोगों की तलाश जारी है।

22 राज्यों में संक्रमण का खतरा बढ़ा
मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। लेकिन, इसके बाद भी करीब 2000 से ज्यादा लोग यहां रुके रहे, जबकि ज्यादातर लॉकडाउन से पहले अपने घरों को लौट गए। यहां से संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 22 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्रप्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, प.बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर, बिहार, केरल और छत्तीसगढ़ शामिल है।

सभी राज्यों को मरकज में आए लोगों को ढूंढ़ने का आदेश

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इन्हें ढूंढकर तुरंत देश से बाहर निकालने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मरकज से गए संक्रमितों के संपर्क में 22 राज्यों के 16 शहरों में कम से कम 10 हजार लोग आए हैं। राज्यों को भी इन लोगों की सूची भेज दी गई है। मरकज में संक्रमण का खुलासा होने के बाद केंद्र ने देशभर के 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना के 16 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं। सोमवार तक ऐसे 10 हॉटस्पॉट थे। ये वे जगहें हैं, जहां संक्रमण का सामुदायिक फैलाव (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) हो सकता है।

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