बंगाल में भीड़ जुटाने का जुगाड़ : तृणमूल और लेफ्ट का दावा- भाजपा ने मोदी की सभा में 1,000 के कूपन बांटे, बाद में इस पर तोहफा देने का वादा

बंगाल में मंगलवार को तीसरे फेज की 31 सीटों पर मतदान खत्म होने तक 77.68% वोटिंग हुई। इस दौरान तृणमूल-भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प, पत्थरबाजी और कैंडिडेट्स पर हमले जैसी घटनाएं सामने आईं।

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बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच अब कूपन विवाद शुरू हो गया है। मंगलवार को हुए तीसरे फेज मतदान के बाद तृणमूल और लेफ्ट ने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों का समर्थन खरीदने के लिए एक हजार के कूपन बांट रही है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है।

बंगाल में मंगलवार को तीसरे फेज की 31 सीटों पर मतदान खत्म होने तक 77.68% वोटिंग हुई। इस दौरान तृणमूल-भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प, पत्थरबाजी और कैंडिडेट्स पर हमले जैसी घटनाएं सामने आईं।

तृणमूल का दावा- मोदी की रैली के लिए बांटे गए कूपन
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर इन कूपन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मोदी इसी तरह घर-घर पहुंच रहे हैं। इलेक्शन कमीशन से अपील है कि इस पर एक्शन लें और इसे यूं ही न जाने दें।’ तृणमूल और लेफ्ट का कहना है कि भाजपा एक हजार के कूपन के जरिए लोगों को अपने पाले में खींच रही है। दोनों ही पार्टियों ने कहा कि एक अप्रैल को ज्योनगर में मोदी की रैली में शामिल होने के लिए यह रकम दी गई है। इसके साथ ही भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए भी ये कूपन बांटे गए हैं।

टेलीग्राफ इंडिया की रिपोर्ट में ग्रामीणों के हवाले से बताया गया है कि ये कूपन मोदी की रैली में शामिल होने के लिए बांटे गए। वादा किया गया कि कूपन के जरिए गांववालों को निश्चित ही एक तोहफा दिया जाएगा।

भाजपा की सफाई- एक हजार के कूपन नहीं, चंदे की रसीद है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साउथ 24 परगना के रायदीघी में भाजपा समर्थकों के हाथ में कूपन नजर आए। इनमें एक हजार रुपए का जिक्र है और मोदी की फोटो लगी है। भाजपा ने कहा कि यह कूपन नहीं, बल्कि उस डोनेशन की रसीद है, जो समर्थकों ने दिए हैं। भाजपा ने कहा कि ज्योनगर में सभा कराने के लिए चंदा इकट्ठा किया गया था और उसमें जो डोनेशन आया, उसकी रसीद दी गई।

भाजपा प्रत्याशी के बयानों से फंसी पार्टी
रायदीघी से भाजपा प्रत्याशी शांतनु बापूली ने अलग-अलग बयान दिए। पहले उन्होंने कहा कि ये कोई ऐसा कूपन नहीं है, जिससे कैश हासिल किया जा सके। बाद में उन्होंने कहा कि इसके जरिए मोदी की रैली में आने वालों के ट्रांसपोर्टेशन का पेमेंट किया गया। जैसे किसी ट्रांसपोर्टर का बिल 2 हजार का बना तो वो रैली के बाद दो कूपन दिखाकर कैश ले गया। यानी, कूपन को कैश किया जा सकता था।

वाम नेता के दौरे से हुआ खुलासा
सीपीएम प्रत्याशी कांति गांगुली जब रायदीघी गए तब उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ये कूपन दिखाए। उन्होंने बताया कि तृणमूल के कार्यकर्ताओं को भी ऐसे ही कूपन मिले हैं। इस कूपन में मोदी और एक हजार रुपए का जिक्र है, पर चंदा या डोनेशन जैसे शब्द कहीं नहीं लिखे हैं। इन्हें भाजपा की मथुरापुर ऑर्गनाइजिंग डिस्ट्रिक्ट कमेटी ने प्रिंट किया है। कांति गांगुली ने कहा कि भाजपा ने ये गलत चलन शुरू किया है, लेकिन लोगों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है।

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