प्रणब दा को आखिरी विदाई LIVE:मोदी, राजनाथ और लोकसभा स्पीकर ने पूर्व राष्ट्रपति को घर जाकर श्रद्धांजलि दी, कोरोना प्रोटोकॉल के साथ होगा अंतिम संस्कार

1969 में राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई, विदेश, वित्त, रक्षा मंत्री जैसे बड़े सभी बड़े पोर्टफोलियो संभाले प्रणब मुखर्जी को 2019 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था

0 1,000,055

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर करीब 2 बजे नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। प्रणब की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत कई नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी। कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी प्रणब को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी प्रणब को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों ने भी प्रणब को श्रद्धांजलि दी।

राजनाथ सिंह भी प्रणब को अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे।
राजनाथ सिंह भी प्रणब को अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे।

प्रणब का सोमवार शाम निधन हो गया था। 10 अगस्त से दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे। प्रणब के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।

राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। मोदी ने लिखा- “भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत शोक व्यक्त करता है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वे एक विद्वान स्कॉलर रहे। उन्हें समाज के हर वर्ग ने पसंद किया। मैं 2014 में दिल्ली में पहुंचा। पहले ही दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। मैं हमेशा उसके साथ अपनी बातचीत को संजोकर रखूंगा। उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और पूरे भारत में उनके समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।”

अपडेट्स…

  • पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया।
  • भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने कहा कि अपने करियर के दौरान प्रणब मुखर्जी ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि प्रणब एक अच्छे राजनेता, लेखक और सभी का प्यार पाने वाले इंसान थे। उन्होंने जिस तरह अपने देश की सेवा की, उसकी तुलना नहीं की जा सकती है।
  • वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- वो मेरे लिए एक साथी से कहीं बढ़कर थे। हमने अपने सामाजिक दायरे के भीतर और बाहर बहुत सारे अनमोल क्षण व्यतीत किए हैं। उनके साथ अक्सर खाना खाने की यादें मेरे दिल में खास जगह रखती हैं।
  • संघ ने कहा कि भारत के राजनीतिक-सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा। संघ के प्रति प्रणब मुखर्जी के प्रेम और सद्भाव के चलते हमारे लिए तो वे एक मार्गदर्शक थे। उनका जाना संघ के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

क्लर्क रहे, कॉलेज में भी पढ़ाया
प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे।

1969 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। 1969 में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.