फिर पलायन को मजबूर कश्मीरी पंडित: VIDEO में बोरिया-बिस्तर बांध घर छोड़ते दिखे, अधिकारियों से कहा- हमें सुरक्षित जगह ले चलो
आतंकियों ने बैंक में घुसकर मैनेजर को गोली मारी; गृहमंत्री शाह ने तुरंत डोभाल और रॉ चीफ को बुलाया
घाटी से कश्मीरी पंडित बड़े पैमाने पर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं। अनंतनाग के मट्टन में गुरुवार को आतंकी हमलों से डरे पंडित अपना सामान लेकर बनिहाल (जम्मू) जाने की कोशिश में लग गए हैं। जानकारी के मुताबिक मट्टन पंडित कॉलोनी के लोगों ने अनंतनाग कलेक्टर से बनिहाल जाने के लिए सुरक्षा की मांग की है।
J&K | Members of Dogra Front in Jammu & Awami Awaaz in Srinagar hold protest against recent targeted killings in Kashmir pic.twitter.com/YKHdGqdAxx
— ANI (@ANI) June 2, 2022
इधर, अनंतनाग के वैस्सू इलाके में भी कश्मीरी पंडित पलायन करने की तैयारी में हैं। पंडितों ने बताया कि वे सामान पैक कर चुके हैं, लेकिन सुरक्षाबलों के जवान कैंप से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। घाटी में लगातार हो रही वारदातों के बाद कश्मीरी पंडितों ने पलायन का अल्टीमेटम दिया था। कश्मीर में 19 दिन से पंडितों का प्रदर्शन चल रहा है।
Amid unabated targeted killings in Kashmir, hundreds of govt employees took out a march. Protesters demanded their immediate transfer to their respective home districts. @sunilJbhat giving more updates on this. #JammuKashmir #TargetKilling (@PreetiChoudhry) pic.twitter.com/1zGTQ5UTnY
— IndiaToday (@IndiaToday) June 2, 2022
सुरक्षा देने में सरकार नाकाम, कल से पलायन होगा
मट्टन में रह रहे कश्मीरी पंडित रंजन जोत्शी ने बताया कि रोज हमारे भाइयों को गोली मारा जा रहा है। सरकार सुरक्षा देने में नाकाम हो गई है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से हम लोग पलायन शुरू करेंगे, सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, रोक नहीं पाएगी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक अगस्त 2019 से मार्च 2022 तक, 4 कश्मीरी पंडितों और 14 /हिन्दू और गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हो चुकी है।
हिंदू कर्मचारियों के ट्रांसफर का फैसला
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का फैसला किया है। हिंदू कर्मचारी मांग कर रहे थे कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए, लेकिन फिलहाल प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय लाने की तैयारी की है।
रजनीबाला की हत्या पर प्रदर्शन जारी
कुलगाम में एक हिंदू शिक्षक रजनी बाला की हत्या पर विरोध प्रदर्शन जारी है। रजनी की अंतिम यात्रा के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारी बुधवार को भी सड़कों पर उतर आए थे और ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। मंगलवार सुबह कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में हाई स्कूल टीचर रजनी बाला की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। 36 साल की रजनी को सिर में गोलियां लगी थीं। कुलगाम की रहने वाली टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया।
21 दिन में 6 टारगेट किलिंग
जम्मू-कश्मीर में पिछले 20 दिनों में 6 टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। 12 मई को बडगाम में राहुल भट्ट (सरकारी कर्मचारी), 13 मई को पुलवामा में रियाज अहमद ठाकोर (पुलिसकर्मी), 24 मई को सैफुल्लाह कादरी (कांस्टेबल), 25 मई को अमरीन भट्ट (टीवी आर्टिस्ट) और 31 मई को कुलगाम में रजनी बाला (टीचर) की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
1990 में हुआ था कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा पलायन
1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा पलायन हुआ था। गृह मंत्रालय के मुताबिक 1990 में 219 कश्मीरी पंडित हमले में मारे गए थे, जिसके बाद पंडितों का पलायन शुरू हुआ। एक अनुमान के मुताबिक 1 लाख 20 हजार कश्मीरी पंडितों ने घाटी से उस समय पलायन किया था।
आतंकियों ने बैंक में घुसकर मैनेजर को गोली मारी; गृहमंत्री शाह ने तुरंत डोभाल और रॉ चीफ को बुलाया
कश्मीर में आतंकवादियों ने एक और टारगेट किलिंग को अंजाम दे दिया है। राजस्थान के रहने वाले बैंक मैनेजर को गुरुवार को कुलगाम में बैंक में घुसकर गोली मार दी। 3 दिन पहले कुलगाम में ही एक टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इलाकाई देहाती बैंक के अधिकारियों ने कहा कि मोहनपोरा ब्रांच में विजय कुमार को आतंकवादियों ने गोली मारी। नाजुक हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। आतंकवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इधर, दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और रॉ प्रमुख के साथ मीटिंग की है।
KFF ने ली हत्या की जिम्मेदारी, धमकी भी दी
आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। KFF ने चिट्ठी जारी कर चेतावनी भी दी है। संगठन ने कहा, जो भी कश्मीर के डेमोग्राफिक बदलाव में शामिल होगा, उसका यही अंजाम होगा।
पत्र में आगे लिखा है, ‘जो भी बाहरी लोग इस धोखे में रह रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उन्हें यहां स्थायी कर देगी, उनके लिए ये आंख खोलने वाला है। अब बाहरी लोगों को वास्तविकता समझ लेनी चाहिए कि उन्हें इसके लिए जान भी गंवानी पड़ेगी। सोचिए, कहीं देर न हो जाए और अगली बारी तुम्हारी हो।’
Unfortunate, tragic, inhuman and cowardly act. The targeted killings of Hindus in kashmir need to stop. Prayers for the family. https://t.co/7B67M0jzNu
— Amaan (@amaanbali) June 2, 2022
शाह-डोभाल के बीच हाईलेवल मीटिंग
कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई है। मीटिंग में प्रधानमंत्री कार्यालय के स्टेट मिनिस्टर जितेंद्र सिंह भी शामिल रहे। शाह ने 3 जून को भी बैठक बुलाई है, जिसमें कश्मीर के उप-राज्यपाल भी मौजूद रहेंगे।
घटना के बाद पूरे इलाके को सुरक्षाबलों और पुलिस के जवानों ने घेर लिया है। तस्वीर में देखिए ग्राउंड जीरो की स्थिति…
जम्मू-कश्मीर में एक महीने में 6 टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। 12 मई बडगाम में राहुल भट्ट (सरकारी कर्मचारी), 13 मई को पुलवामा में रियाज अहमद ठाकोर (पुलिसकर्मी), 24 मई को सैफुल्लाह कादरी (कांस्टेबल), 25 मई को अमरीन भट्ट (टीवी आर्टिस्ट) और 31 मई को कुलगाम में रजनी बाला (टीचर) की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद निशाने पर हिंदू
गृह मंत्रालय ने सदन में बताया कि अगस्त, 2019 से मार्च, 2022 तक, 4 कश्मीरी पंडितों और 14 /हिन्दू और गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हो चुकी है। अगस्त में केंद्र सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था।
CCTV Footage // Bank Manager From Rajasthan Shot Dead In Kulgam..#TargetKilling #VijayKumar #Protesthttps://t.co/KuopOcZS7f
— Zubair Qureshi زبیر قریشی (@ZUBI_26) June 2, 2022
कश्मीर में पंडितों का प्रदर्शन जारी
घाटी में 19 दिनों से कश्मीरी पंडितों का आंदोलन चल रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले पंडित काम का बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये घाटी में सबसे लंबे समय तक चलने वाला प्रदर्शन बन चुका है। रेवेन्यू विभाग के कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुआ था। हालांकि, कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को ऐलान किया था कि सभी कश्मीरी पंडितों को जिला मुख्यालय में पोस्टिंग दी जाएगी।