दिल्ली दंगों में दंगाइयों ने सभी धर्मों के लोगों को निशाना बनाया पर ईरान नेता खामनेई ने कहा- भारत में मुस्लिमों के नरसंहार से दुनिया दुखी, सरकार कट्टर हिंदुओं को रोके; इमरान खान बोले- शुक्रिया

खामनेई ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर पिछले महीने दिल्ली में हुई हिंसा को धर्म के साथ जोड़ा अयातुल्ला खामनेई ने कहा- भारत इस्लामिक देशों से अलग-थलग न हो जाए, इसके लिए मुस्लिमों का नरसंहार रोके भारत सरकार की ओर से खामनेई और इमरान खान के बयान पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है

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नई दिल्ली. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने गुरुवार को दिल्ली दंगों को लेकर भारत सरकार पर निशाना साधा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर पिछले महीने हुई हिंसा को उन्होंने धर्म के साथ जोड़ दिया।  दिल्ली दंगों में दंगाइयों ने ना तो कोई धर्म देखा ना ही कोई समुदाय इन दंगों में हिंदू मुसलमान  सभी  निशाना बने दंगा करने वालों का अपना कोई धर्म नहीं था बलिक  वह लोग देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे थे। इस सब को नजरअंदाज कर मुस्लिमों का सबसे बड़ा नेता कहलाने वाले खामनेई ने कहा है कि भारत के मौजूदा हालात को देखते हुए वहां मुस्लिम खतरे में हैं। फिलहाल इस मामले में भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर खामनेई को शुक्रिया कहा और कश्मीरी मुस्लिमों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला।

खामनेई ने ट्वीट किया, ”भारत में मुस्लिमों के नरसंहार से दुनियाभर के मुस्लिमों का दिल दुखी है। भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं और उनकी पार्टियों को रोकना चाहिए। भारत इस्लामिक देशों से अलग-थलग न हो जाए, इसके लिए मुस्लिमों का नरसंहार रोकना चाहिए।” ईरानी सुप्रीम लीडर ने ट्वीट के साथ #IndianMuslimslnDanger हैशटैग का भी इस्तेमाल किया। खामनेई ने अंग्रेजी के अलावा, उर्दू, पारसी और अरबी में ट्वीट किया। इसके साथ हिंसा में मारे गए व्यक्ति के बच्चे की रोती हुई फोटो भी पोस्ट की।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने खामनेई को शुक्रिया कहा

इमरान खान भी दिल्ली हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वे लगातार ईरान, तुर्की, मलेशिया समेत अन्य मुस्लिम देशों से कश्मीरी मुस्लिमों के लिए आवाज बुलंद करने की अपील कर चुके हैं।

भारत ने ईरान के मंत्री के बयान की निंदा की थी

इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने दिल्ली हिंसा को लेकर भारत की आलोचना की थी। उन्होंने ट्वीट किया- हम भारत में मुस्लिमों के खिलाफ सुनियोजित हिंसा की निंदा करते हैं। सदियों से भारत और ईरान दोस्त रहे हैं। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस पर पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ईरान के रवैये पर विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि ईरानी मंत्री का बयान भारत के आंतरिक मसले में हस्तक्षेप है।

तुर्की, इंडोनेशिया और मलेशिया ने भी सवाल उठाए
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने भी भारतीय मुस्लिमों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने एक रैली में कहा था- “भारत अब ऐसा देश बन गया है जहां बड़े पैमाने पर नरसंहार हो रहा है। कैसा नरसंहार? मुसलमानों का नरसंहार। कौन कर रहा है? हिंदू।’ भारत ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। पिछले हफ्ते दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में दिल्ली हिंसा को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया गया था। मलेशिया भी मुस्लिमों की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत पर निशाना साधता रहा है।

दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 53 हुई
दिल्ली में 23 से 26 फरवरी तक सीएए के समर्थक और विरोधी गुटों में हिंसक झड़प हुई थीं। इस दौरान कई जगह आगजनी, फायरिंग और पथराव हुआ था। हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा अब तक 53 हो चुका है, जबकि 200 से ज्यादा जख्मी हैं। इस हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं। जिनके आधार पर दिल्ली पुलिस की एसआईटी जांच कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के समय हुई हिंसा में पुलिस को अंतरराष्ट्रीय साजिश का शक भी है।

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