आईटीबीपी के जवानों ने किया रेस्क्यू:आईटीबीपी जवान महिला को स्ट्रेचर पर लेकर 15 घंटे तक बाढ़ वाले इलाकों में 40 किलोमीटर तक चले, जान बचाई

20 अगस्त को एक स्थानीय महिला अपने घर के पास पहाड़ी से गिर गई थी, इलाज न मिलने की वजह से हालत गंभीर थी खराब मौसम होने की वजह से हेलिकॉप्टर वहां नहीं पहुंच सका, फिर आईटीबीपी के 25 जवानों ने महिला को रेस्क्यू किया

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इंडो-तिब्बतियन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने शनिवार को उत्तराखंड के सीमांत गांव से एक घायल महिला को रेस्क्यू किया। उन्होंने मानसून प्रभावित इलाकों में पहाड़ी रास्तों को पार कर 15 घंटों में महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाया, जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया।

आईटीबीपी के मुताबिक, टीम में 25 जवान शामिल थे। जिन्होंने पिथौरागढ़ के मुनस्यारी डिविजन के सीमांत गांव लास्पा से महिला को रेस्क्यू किया। यहां 20 अगस्त को महिला अपने घर के पास पहाड़ी से गिर गई थी। हादसे में उसका पैर टूट गया था और इलाज न मिलने की वजह से उनकी हालत गंभीर होती जा रही थी।

दो दिन बाद भी नहीं पहुंच पाया हेलिकॉप्टर
आईटीबीपी के मुताबिक, खराब मौसम होने की वजह से हेलिकॉप्टर दो दिन बाद भी नहीं पहुंच सका। इसके बाद आईटीबीपी के जवानों ने अपने बॉर्डर पोस्ट से गांव जाकर महिला की जान बचाने का जिम्मा उठाया। 14वीं बटालियन के जवानों ने मानसून से बुरी तरह प्रभावित इलाकों को पार कर स्थानीय महिला को पास के सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जवान शनिवार को मिलम बेस से करीब 22 किलोमीटर दूर महिला के गांव पहुंचे। उन्होंने ज्यादातर दूरी पैदल ही तय की।

आईटीबीपी के जवानों ने पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए महिला को रेस्क्यू किया।
आईटीबीपी के जवानों ने पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए महिला को रेस्क्यू किया।

15 घंटों में करीब 40 किलोमीटर का सफर तय किया
गांव पहुंचने के बाद आईटीबीपी के 25 जवानों ने बारी-बारी से उफनते नालों, लैंडस्लाइड वाले इलाकों और फिसलन भरे ढलानों का सामना करते हुए करीब 15 घंटों में करीब 40 किलोमीटर का सफर तय कर महिला को स्ट्रेचर के जरिए सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां से महिला को अस्पताल ले जाया गया। अब महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है।

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