रक्षा मंत्री का रूस दौरा / राजनाथ का एजेंडा- रूस से सुखोई, मिग-29, टी-90 टैंक और सबमरीन के लिए इक्विपमेंट की अर्जेंट सप्लाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर रूस गए हैं, वे मॉस्को में 75वीं विक्ट्री परेड डे में शामिल होंगे रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत-चीन के बीच हुई हिंसा के 6 दिन बाद शुरू हुई

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नई दिल्ली. भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन के दौरे पर रूस रवाना हुए हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा को लेकर और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही भारत एस-400 ट्रायम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है।

राजनाथ का यह दौरा चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के 6 दिन बाद हो रहा है। 15 जून को हुई झड़प में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

प्लेन से इक्विपमेंट की सप्लाई की मांग करेंगे राजनाथ- सूत्र
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ रूस से सुखोई-30एमकेआई, मिग-29, टी-90 टैंक और किलो क्लास सबमरीन के लिए इक्विपमेंट की अर्जेंट सप्लाई की मांग करेंगे। पहले इन इक्विपमेंट की सप्लाई समुद्र के रास्ते से होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के चलते यह कई महीनों से अटकी है।
सूत्रों ने कहा कि राजनाथ अब रूस से कहेंगे कि वे प्लेन के जरिए जल्द से जल्द इन सामानों की सप्लाई करे।

रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया- रूस की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर बातचीत होगी। मैं मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में भी शामिल होऊंगा। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी गए हैं।

रूस के रक्षा मंत्री को भारत-चीन तनाव की जानकारी देंगे

माना जा रहा है कि कोरोना के चलते रूस ने एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में दिसंबर 2021 तक देरी की। भारत पिछले साल ही इसके लिए रूस को 5.4 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़ रु.) का भुगतान कर चुका है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को स्पुतनिक को बताया कि राजनाथ अपनी यात्रा के दौरान चीन और भारत के सीमा तनाव पर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को जानकारी देंगे। वहीं, इस दौरान राजनाथ सिंह की चीनी अधिकारियों से मुलाकात नहीं होगी। उधर, कोरोनावायरस महामारी के बीच किसी भी भारतीय नेता की यह पहली विदेश यात्रा है।

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