सीमा विवाद / भारत की मांग- चीन 10 हजार सैनिक और हथियार हटाए; चीन का दावा- दोनों देशों के बीच आपसी सहमति बन चुकी है

चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बीजिंग में कहा- दोनों पक्ष एलएसी पर तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे भारत पहले ही साफ कर चुका है कि दोनों देशों के बीच तनाव पूरी तरह तब खत्म होगा, जब चीन सीमा से 10 हजार सैनिकों को हटाएगा भारत और चीन की सेना सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अगले 10 दिनों में कई स्तर पर बातचीत करेगी

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नई दिल्ली. लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच पिछले कई दिनों से चल रही तनातनी कम होती दिख रही है। चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सेना पीछे हटाने को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि दोनों देशों के बीच तनाव पूरी तरह तब खत्म होगा, जब चीन सीमा से 10 हजार सैनिकों को हटाएगा।

दोनों देशों के बीच 6 जून को आर्मी कमांडरों की बैठक हुई थी। इसमें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर तनाव को कम करने को लेकर दोनों पक्ष राजी हुए थे।

दोनों देश बातचीत से विवाद सुलझाना चाहते हैं

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को बीजिंग में कहा कि दोनों पक्ष एलएसी पर तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। हाल में ही मौजूदा हालात को लेकर कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर चीन और भारत के बीच अच्छी बातचीत हुई है। इसके आधार पर ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर तनाव कम करने में जुटी हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब एक दिन पहले ही भारतीय अधिकारियों ने यह कहा था दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में पीछे हटने को तैयारी हो गई हैं। इससे दोनों देशों की मंशा साफ है कि वह सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाना चाहते हैं।

भारत-चीन के बीच 4 मई से विवाद शुरू हुआ

भारतीय और चीनी सेना के बीच विवाद 4 मई को शुरू हुआ था। चीन की सेना बटालियन के आकार वाली टुकड़ियों के साथ तय पेट्रोलिंग क्षेत्र से आगे तक घुस गई थी। चीनी सैनिक युद्ध में इस्तेमाल आने वाली गाड़ियों के साथ आई थी। इस पर भारतीय सेना ने आपत्ति जताई थी।

तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट से पीछे हटी चीनी सेना

पिछले महीने लद्दाख में भारत और चीन सीमा पर तीन बार आमने-सामने आए थे। इस दौरान सैनिकों के बीच हाथापाई होने की बात भी सामने आई थी। विवाद बढ़ने पर दोनों देशों ने आपसी बातचीत से इस मुद्दे को सुलझाने की बात कही थी। 6 जून को दोनों देशों की सेना के बीच मिलिट्री कमांडर स्तर पर बातचीत हुई थी। इसके बाद गलवान घाटी में तीन पेट्रोलिंग प्वॉइंट नंबर 14,15 और 17 से चीन की सेना पीछे हट गई थी।

चीन ने एलएसी के पास लड़ाकू विमान तैनात किए

अधिकारियों ने बताया कि चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से थोड़े पीछे होटन और गार गुंसा एयरबेस पर लड़ाकू विमानों की भी तैनाती कर रखी है। आमतौर पर इन एयरबेस पर इतने ज्यादा लड़ाकू विमान नहीं होते। कई बार इसके विमान भारतीय सीमा से काफी दूरी पर उड़ते नजर आए हैं।

चीन ने अब भी भारी संख्या में सैनिकों और तोप जैसे हथियार एलएसी के करीब तैनात कर रखे हैं। लिहाजा भारत ने भी अपनी सीमा में 10 हजार सैनिकों को तैनात कर दिया।

भारत बातचीत में सैनिकों को पीछे हटाने का मुद्दा उठाएगा

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अगले 10 दिन में कई स्तर पर चर्चा होगी। इस दौरान भारत उनके सामने सैनिकों की संख्या कम करने का मुद्दा उठाएगा। दोनों देशों की सेना बटालियन, ब्रिगेड और मेजर-जनरल स्तर पर बात करेंगी।

इस दौरान भारत चीन से कहेगा कि वह एलसीए से सैनिकों और हथियारों की तादाद कम करे। फिलहाल भारत और चीनी सेना के अफसरों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने पर हॉटलाइन के जरिए बात हो रही है।

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