ऑल पार्टी मीटिंग LIVE / सोनिया ने मोदी से पूछा- क्या चीन के बारे में इंटेलिजेंस रिपोर्ट नहीं मिली थी? नीतीश बोले- इस घड़ी में एकजुट रहें; ममता बोलीं- हम सरकार के साथ
6 साल में ये तीसरी ऑल पार्टी मीटिंग, 20 दलों के नेता शामिल; आरजेडी-आप को नहीं बुलाया गया ममता, नीतीश, उद्धव समेत ज्यादातर नेता सरकार के साथ, कहा- यह वक्त आपसी मतभेद का नहीं
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव और शहीदों के मुद्दे पर शुक्रवार को ऑल पार्टी मीटिंग हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल, बसपा, जदयू समेत 20 राजनीतिक दल मौजूद हैं। बैठक की शुरुआत में गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इंटेलीजेंस रिपोर्ट, सैटेलाइट इमेज को लेकर मोदी से सवाल पूछे। हालांकि, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं। एनडीए की सहयोगी जदयू ने भी कहा कि इस घड़ी में सभी दलों को एकजुट रहना चाहिए।
सोनिया के तीन सवाल
1. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस बैठक को काफी पहले होना चाहिए था। इस मंच पर भी काफी कुछ अंधेरे में ही है। मोदी सरकार बताए कि चीन के सैनिकों ने घुसपैठ कब की? सरकार को इस बारे में कब पता चला?
2. कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि क्या सरकार के पास सैटेलाइट इमेज नहीं थी? इन असामान्य गतिविधियों के बारे में कोई इंटेलीजेंस रिपोर्ट नहीं मिली थी?
3. माउंटेन स्ट्राइक कोर की मौजूदा स्थिति क्या है? देश यह भरोसा चाहता है कि सीमा पर पहले जैसे हालात स्थापित हो जाएंगे। विपक्षी पार्टियों को इस बारे में लगातार जानकारी दी जाए।
सरकार को ममता का साथ
तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक देश के लिए अच्छा संदेश है। इससे यह जाहिर होता है कि हम अपने जवानों के साथ हैं और एक हैं। तृणमूल मजबूती से सरकार के साथ खड़ी है। टेलीकॉम, रेलवे और एविएशन में चीन को दखल नहीं देने देंगे। हमें कुछ समस्याएं आएंगी, पर हम चीनियों को नहीं घुसने देंगे।
ममता ने कहा- चीन कोई लोकतंत्र नहीं है। वे वह कर सकते हैं, जैसा महसूस करते हैं। दूसरी तरफ हम सबको साथ मिलकर काम करना है। भारत जीतेगा, चीन हारेगा। एकता से बात करें, एकता की बात करें, एकता से ही काम करें।
जदयू ने कहा- पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। राजनीतिक दलों को कोई मतभेद नहीं दिखाना चाहिए, जिसका दूसरे देश फायदा उठा सकें। भारत के प्रति चीन का नजरिया जाहिर है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता है, लेकिन उसने 1962 में क्या किया।
नीतीश ने कहा- भारती बाजार में चीनी सामान की बाढ़ बहुत बड़ी समस्या है। हमें एक साथ रहना है और केंद्र को सपोर्ट करना है।
चार क्राइटेरिया के आधार पर पार्टियों को इनविटेशन
न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, 4 क्राइटेरिया के आधार पर ऑल पार्टी मीटिंग के लिए इनविटेशन दिए गए हैं। पहला- सभी नेशनल पार्टी। दूसरा- जिन पार्टियों के लोकसभा में 5 सांसद हैं। तीसरा- नॉर्थ-ईस्ट की प्रमुख पार्टियां। चौथा- जिन पार्टियों के नेता केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। इसके आधार पर 20 पार्टी आज की मीटिंग में शामिल हुई हैं।
केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है 4 सांसद हैं देश भर में संगठन लेकिन किसी महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा को AAP की राय नही चाहिये कल की बैठक में प्रधानमंत्री जी क्या बोलेंगे पूरे देश को इंतज़ार है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 18, 2020
आरजेडी ने पूछा था क्या क्राइटेरिया है?
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर पूछा है कि आरजेडी के 5 सांसद होने के बावजूद उनकी पार्टी को सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं बुलाया? आखिर क्राइटेरिया क्या है?
Rashtriya Janata Dal is the largest party in Bihar & it has 5 MPs in the Parliament but we have not been invited to today's all-party meeting on #IndiaChinaFaceOff. We want Rajnath Singh ji to clarify as to why RJD hasn't been invited: Bihar Leader of Opposition Tejashwi Yadav pic.twitter.com/1HN8rby3T3
— ANI (@ANI) June 19, 2020
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने कहा- केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है। किसी अहम विषय पर भाजपा को आप की राय नहीं चाहिए।
पिछली 2 ऑल पार्टी मीटिंग में राजनाथ सिंह ने अध्यक्षता की थी
देश की सीमाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर 6 साल में यह तीसरी ऑल पार्टी मीटिंग होगी। पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमले के बाद 16 फरवरी 2019 को सभी पार्टियों की मीटिंग हुई थी। इससे पहले पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 29 सितंबर 2016 को हुई थी। इन दोनों मीटिंग की अध्यक्षता उस वक्त के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।