गुजरात सरकार में बड़ा बदलाव LIVE:रुपाणी के इस्तीफे के बाद भाजपा कल चुनेगी नया नेता, विधायकों को अहमदाबाद बुलाया गया; शाह भी आज पहुंचेंगे

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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने चुनाव से एक साल पहले अचानक पद से इस्तीफा दे दिया। नया नेता चुनने के लिए भाजपा ने गांधीनगर में रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग से पहले गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचेंगे। उनका आज शाम को ही गांधीनगर पहुंचने का कार्यक्रम है। इधर, पार्टी विधायकों को भी अहमदाबाद पहुंचने के निर्देश दे दिए गए हैं।

नए CM की रेस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल के नाम शामिल हैं। इनमें मांडविया सबसे आगे बताए जा रहे हैं। शनिवार दोपहर को मनसुख मांडविया और नितिन पटेल गांधीनगर में BJP कार्यालय पहुंचे।

रुपाणी बोले- मैंने अपनी जिम्मेदारी पूरी की
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में समय के साथ दायित्व बदलते रहते हैं। भाजपा में यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। मुझे 5 साल के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली, जो मैंने पूरी की है। अब नई लीडरशिप में गुजरात का विकास जारी रहना चाहिए।

माना जा रहा है कि इस बदलाव के पीछे अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव है। मुख्यमंत्री बदलने से जनता की नाराजगी को कम किया जा सकेगा और कुछ उम्मीदें जागेंगी। इससे अगला चुनाव जीतने में मदद मिलेगी।

कांग्रेस बोली- दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से चल रही गुजरात सरकार
रुपाणी के इस्तीफे पर गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि गुजरात सरकार को दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है। कोरोना में अव्यवस्था और नाकामी की वजह से लोगों में नाराजगी थी। ऐसे में भाजपा CM बदलकर लोगों को गुमराह कर रही है। उसने उत्तराखंड में भी यही किया है।

रुपाणी ने कहा- 2022 का चुनाव मोदी जी की अगुआई में लड़ेंगे
रुपाणी ने कहा कि जेपी नड्‌डा जी का भी मार्गदर्शन मेरे लिए अभूतपूर्व रहा है। अब मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मैं उसका निर्वहन करूंगा। हम पद नहीं जिम्मेदारी कहते हैं। मुझे जो जिम्मेदारी मिली थी वह मैंने पूरी की है। हम प्रदेश के चुनाव नरेंद्र मोदी जी की अगुआई में लड़ते हैं और 2022 का चुनाव भी उन्हीं की अगुआई में लड़ा जाएगा।

बता दें रुपाणी ने 26 दिसंबर 2017 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। भाजपा ने गुजरात में 2017 के चुनाव में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। फिर रुपाणी विधायक दल के नेता और नितिन पटेल उपनेता चुने गए थे। रुपाणी फिलहाल राजकोट (पश्चिम) सीट से विधायक हैं।

 

राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपते हुए विजय रुपाणी।
राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपते हुए विजय रुपाणी।

बीते कुछ दिनों से चल रही थीं नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
बीते कुछ दिनों से गुजरात सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लग रही थीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार रात करीब 8 बजे अचानक अहमदाबाद पहुंचे थे। उनके गुजरात आने का कोई तय शेड्यूल नहीं था। एयरपोर्ट पर अमित शाह का स्वागत करने राज्य गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा, मेयर किरीट परमार और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन हितेश बारोट पहुंचे थे।

हालांकि गुरुवार रात को अमित शाह अपनी बहन के घर पहुंचे थे तो लगा कि पारिवारिक काम से आए होंगे, लेकिन अब लग रहा है कि शायद सत्ता में बदलाव के सिलसिले में ही वे गुजरात पहुंचे होंगे।

विजय रुपाणी (बाएं से दूसरे) इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे तो उनके साथ गुजरात भाजपा के नेताओं के साथ पार्टी के केंद्रीय नेता भी मौजूद थे।
विजय रुपाणी (बाएं से दूसरे) इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे तो उनके साथ गुजरात भाजपा के नेताओं के साथ पार्टी के केंद्रीय नेता भी मौजूद थे।

3 घंटे पहले मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे रुपाणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में सरदारधाम भवन का उद्घाटन किया था। करीब एक घंटे चले इस कार्यक्रम में विजय रुपाणी भी शामिल हुए थे, लेकिन दोपहर बाद करीब 3 बजे रुपाणी ने अचानक इस्तीफे का ऐलान कर सबको चौंका दिया।

रुपाणी ने सुबह 10.57 बजे ट्वीट कर दी थी मोदी के कार्यक्रम की जानकारी।
रुपाणी ने सुबह 10.57 बजे ट्वीट कर दी थी मोदी के कार्यक्रम की जानकारी।

3 महीने में भाजपा शासित राज्यों में 4 मुख्यमंत्री बदले
विजय रुपाणी भाजपा शासित राज्यों में इस्तीफा देने वाले 3 महीने में चौथे मुख्यमंत्री बन गए है। जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बदला गया था। फिर जुलाई में ही उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। पहले त्रिवेंद्र रावत की जगह तीरथ सिंह को और फिर उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंप दी गई।

गुजरात में अगले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया है। इसी पैटर्न पर 2017 चुनाव से पहले मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने भी इस्तीफा दे दिया था। चुनावी पंडितों का मानना है कि CM बदलकर BJP एंटी इंकम्बेंसी के असर को कम करने की कोशिश करती है। हमने पिछले तीन विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा तो विजय रुपाणी के इस्तीफे की वजह और साफ हो जाती है।

पिछले तीन चुनाव में BJP की सीटें लगातार कम हो रही हैं और कांग्रेस बढ़त हासिल कर रही है। 2007 में BJP ने 117 सीटें जीती थीं, जो 2017 के चुनाव में घटकर 99 बचीं। वहीं, कांग्रेस ने 2007 के चुनाव में 59 सीटें जीती थी, जो 2017 के चुनाव में बढ़कर 77 हो गईं।

दिसंबर 2022 में गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव होने हैं। बहुमत का आंकड़ा 92 है और BJP के पास फिलहाल 99 सीटें हैं। पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर 5 हजार से कम वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। अगर इस बार एंटी इंकम्बेंसी की वजह से BJP की 16 सीटें भी कम हो जाती हैं तो उनकी संख्या 83 बचेगी।

इसी तरह 32 ऐसी सीटें ऐसी हैं, जहां तीसरे नंबर वाले प्रत्याशी को मिले वोट जीत-हार के अंतर से ज्यादा हैं। ऐसी 18 सीटों पर BJP जीती है। ऐसे में 18 सीटें भी कम होती हैं तो पार्टी का आंकड़ा 81 सीट बचेगा। ऐसे में BJP बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाएगी और गुजरात में बना पार्टी का किला ढह सकता है।

बिना किसी हलचल आखिर इस इस्तीफे के मायने क्या हैं? भाजपा सोर्सेस के मुताबिक विजय रुपाणी गुजरात के लिए कभी भी स्थाई CM थे ही नहीं। उनका जाना तो तय था, बस तारीख तय नहीं थी। तारीख पर मुहर संघ प्रमुख के हाल ही में हुए गुप्त दौरे में मिले फीडबैक के बाद लगा दी गई। हालांकि उन्हें 2022 की जनवरी या फरवरी में इस्तीफा देना था, लेकिन भागवत के गुप्त दौरे ने रुपाणी के CM पद की उम्र थोड़ी कम कर दी।

दरअसल रुपाणी के इस्तीफे की नींव इस साल जनवरी में हुई RSS की बैठक में रखी गई और मुहर अगस्त के आखिर में हुए भागवत के दौरे में लगी। दरअसल अगले साल होने वाले चुनाव की रणनीति लगभग बनकर तैयार है। सूत्रों की मानें तो 15-16 सितंबर के बाद RSS दो बैठकें कर सकता है। एक बैठक राज्य स्तर की होगी, जिसमें भाजपा के नेता भी शामिल रहेंगे तो दूसरी बैठक RSS के पदाधिकारियों के बीच होगी। इसमें अखिल भारतीय स्तर की टॉप RSS लीडरशिप भी शामिल होगी।

RSS सूत्रों के मुताबिक रुपाणी के अभी हटने की दो वजह हैं
पहली वजह यह है कि चुनाव के लिए भाजपा को ऐसा चेहरा चाहिए था जिस पर कोरोना के दौरान राज्य में हुई अव्यवस्था का दाग न लगा हो। एक अच्छा स्पीकर हो और जो चुनाव में गुजरात की जनता को साध सके। यह काम रुपाणी बिल्कुल भी नहीं कर सकते।

दूसरी और अहम वजह यह है कि कोरोना काल में हुई अव्यवस्था का ठीकरा फोड़ने के लिए एक सिर भाजपा और RSS को चाहिए। रुपाणी जैसे आज्ञाकारी लीडर के सिर पर इसका ठीकरा भी फूट गया और केंद्र ने नेतृत्व परिवर्तन कर जनता को जता भी दिया कि मुख्यमंत्री के कामों की समीक्षा की वजह से उन्हें हटाया गया। केंद्र ने सख्त फैसला लिया।

तीन चरणों में रुपाणी के इस्तीफे की लिखी गई पटकथा

  1. जनवरी में अहमदाबाद में RSS की बैठक में भाजपा नेताओं के कार्यों की समीक्षा हुई थी। इसके बाद रुपाणी को इस्तीफे का संदेश दे दिया गया था, लेकिन उन्हें जनवरी-फरवरी 2022 तक का वक्त दिया गया था। सूत्रों की मानें तो उनके सितंबर 2021 में हटने की वजह संघ प्रमुख भागवत के गुप्त बैठक के दौरान मिले फीडबैक का नतीजा है।
  2. संघ सूत्रों की मानें तो 28-29 अगस्त को हुई गुप्त बैठक में संघ प्रमुख भागवत ने रुपाणी से साफ कहा था, कोरोना काल में गुजरात की छवि को भारी क्षति पहुंची है। इतना ही नहीं, पिछले चुनाव में भाजपा 99 का आंकड़ा जैसे तैसे छू सकी। दोनों बातों का गुजरात की जनता पर गहरा असर पड़ा है। रुपाणी जितने दिन पद पर रहेंगे, मतदाता की नाराजगी उतनी ही गहरी होती जाएगी। लिहाजा उन्हें RSS की सितंबर के दूसरे पखवाड़े में प्रस्तावित बैठक से पहले इस्तीफा देना होगा।
  3. रुपाणी के इस्तीफे को प्रीपोंड करने के पीछे RSS की सितंबर के दूसरे पखवाड़े में प्रस्तावित बैठक है। दरअसल, इस बैठक में संघ नए मुख्यमंत्री के साथ चुनावी रणनीति पर फाइनल ड्राफ्ट तैयार करना चाहता है।

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