रमजान में इफ्तार की दावतें देगा RSS:पहली बार 20 दिन तक तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में होंगी दावतें; हैदराबाद और विजयवाड़ा पर खास फोकस
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने तेलंगाना-आंध्रप्रदेश में रमजान के पूरे महीने इफ्तार दावतें देने का ऐलान किया है। RSS से जुड़ा संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) यह इफ्तार दावतें देगा। मंच रमजान के शुरुआती 20 दिनों में दोनों राज्यों में रोजा इफ्तार की दावतों का आयोजन करेगा। वहीं बाकी 10 दिनों में ईद मिलाप समारोह चलेगा।
इन शहरों पर रहेगा खास ध्यान
RSS की इस पहल को मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बढ़ाने की बड़ी कोशिश माना जा रहा है। इन इफ्तार दावतों का आयोजन यूं तो पूरे राज्य में होगा, लेकिन हैदराबाद और विजयवाड़ा जैसे शहरों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। यह पहला मौका है जब MRM इस तरह का कोई आयोजन कर रहा है। हालांकि इससे पहले भी मंच ने कुछ मौकों पर इफ्तार और ईद मिलाप का आयोजन किया है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार ने RSS की इस पहल के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि देश की तरक्की के लिए नफरत का दमन करना जरूरी है। यही वजह है कि हमने सबको एकजुट करने के लिए यह ऐतिहासिक पहल की है।
उन्होंने बताया कि MRM का हर कार्यकर्ता पूरे देश में रमजान के पवित्र महीने में कम से कम एक दिन के लिए इफ्तार की मेजबानी करेगा। MRM के संस्थापक और मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। संगठन के प्रवक्ता शाहिद सईद ने यह जानकारी दी। बता दें कि इस बार रमजान की शुरुआत 2 या 3 अप्रैल से हो रही है। हालांकि इसका फैसला चांद के दिखाई देने से होता है।
क्या है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच?
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS से जुड़ा एक संगठन है। देश में दो धर्मों के बीच फैली नफरत को कम करने और मुसलमानों को हिंदुओं के करीब लाने के उद्देश्य से नवंबर 2002 में इसकी स्थापना हुई थी।
आमतौर पर लोग समझते हैं कि संघ एक हिंदूवादी संगठन है। खास तौर पर मुसलमान यह सोचते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक मुस्लिम-विरोधी संगठन है, लेकिन वास्तविकता यह है कि संघ का एक विंग है जो मुसलमानों के हित के लिए काम करता है। जीहां मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) नाम का एक यह संगठन संघ से जुड़ा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की वेबसाइट पर साफ शब्दों में लिखा है कि यह संगठन ‘आरएसएस के नेताओं की पहल पर गठित किया गया था।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी डॉक्टर गुलरेज शेख ने कहा कि दरअसल संघ की नकारात्मक छवि मुसलमानों में बनाई गई है, लेकिन हमारा उदेश्य ‘हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच समझ और संवाद को बढ़ाना है।’ जिससे अमन चैन के साथ दोनों ही मजहब के लोग रह सकें। दरअसल, बहुत सी बाहरी ताकतें इस देश में हिंदुओं और मुसलमानों के दिलों में दूरी बढा कर उन्हें अापस में लड़ा कर खत्म करना चाहती हैं। ये ताकतें अंग्रेजों की नीति ‘फूट डालों और राज करो’ की नीति पर चल रही हैं। हमारा उदेश्य है हिन्दू मुस्लिम की एकता को बनाए रखना।
बता दें कि 2016 में एमआरएम ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को भी बुलाया गया था, लेकिन इसी दौरान पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने जम्मू-कश्मीर के पंपोर में हमला करते हुए सीआरपीएफ के आठ जवानों को मार दिया। पाकिस्तान उच्चायोग में चल रहे इफ्तार के दौरान जब पत्रकारों ने अब्दुल बासित से जवाब तलब किया तो उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि ‘इफ्तार पार्टी का आनंद लीजिये’।
बासित की यह असंवेदनशीलता एमआरएम ने काफी अाहत महसूस किया और बासित का निमंत्रण रद्द कर दिया। एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने बताया कि ‘हमने यह महसूस किया कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त के मन में हमारे मारे गए जवानों के प्रति संवेदना तक नहीं है तो हमने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को दिया इफ्तार का निमंत्रण रद्द कर दिया। अापको बता दें कि यह संगठन पूरे देश में मुस्लिमों के भलाई के लिए काम कर रही है।