उत्तराखंड के 45 नए जंगलों में भड़की आग:24 घंटे में 63 हेक्टेयर जंगल खाक, केंद्र ने NDRF के जवान और हेलिकॉप्टर भेजे; अलर्ट जारी

दरअसल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल में भी अब आग का खतरा बढ़ गया है। शनिवार रात तक रामनगर वन प्रभाग के मोहान के पास जंगल में आग लगी थी। इससे तराई पश्चिम वन प्रभाग के सावल्दे, हल्दुआ और काशीपुर रेंज के जंगल जल गए। यह इलाके कॉर्बेट पार्क से सटे हैं।

0 999,186

देहरादून. उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू हो गई है। यह पिछले 24 घंटों में 45 नए जंगलों में भड़कने लगी है। इसकी चपेट में आकर 63 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुका है। इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्र से मदद मांगी है। मामले को गंभीरता से देखते हुए केंद्र ने दो हेलिकॉप्टर और NDRF के जवानों को उत्तराखंड भेज दिया है।

दरअसल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल में भी अब आग का खतरा बढ़ गया है। शनिवार रात तक रामनगर वन प्रभाग के मोहान के पास जंगल में आग लगी थी। इससे तराई पश्चिम वन प्रभाग के सावल्दे, हल्दुआ और काशीपुर रेंज के जंगल जल गए। यह इलाके कॉर्बेट पार्क से सटे हैं।

पहाड़ में जंगलों की बेकाबू आग की लपटें बस्तियों तक पहुंचीं | Hindi Water  Portal

964 जगहों पर लगी हुई है आग
उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में 964 जगहों पर आग लगी हुई है। मौसम ने हालात को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मैं इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। हम हेलिकॉप्टर से आग बुझाने की कोशिश करेंगे।

स्थिति पर काबू पाने के लिए 12,000 से अधिक वनकर्मी तैनात
वहीं मुख्यमंत्री रावत ने आपात बैठक में वन अधिकारियों और जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक स्थिति को नियंत्रण में नहीं लाया जाता, तब तक वे अपने कर्मचारियों को छुट्‌टी न दें। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, फायर फाइटिंग ऑपरेशन के लिए 12,000 से अधिक वन कर्मियों को तैनात किया गया है। वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1 अक्टूबर 2020 के बाद से 1,359 हेक्टेयर में जंगल की आग की 1,028 घटनाएं हुई हैं। ये घटनाएं नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में देखने को मिली हैं।

हिमाचल: 2 दिन से लगी है करसोग के जंगल में आग
उपमंडल करसोग की पोखी बीट के दरोल जंगल में पिछले दो दिनों से लगी भीषण आग की वजह से लाखों की वन संपदा सहित बागवानों के बगीचे भी राख हो गए हैं। अब तक 30 हेक्टेयर भूमि पर देवदार, बान, चीड़ सहित अन्य प्रजाति के पेड़ आग की भेंट चढ़ गए हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.