नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार के प्रस्ताव पर फैसले के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि कृषि कानून का मसला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हटेंगे. सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून को वापस लेने की है. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा.
किसानों को भेजे गए प्रस्ताव के टॉप पॉइंट्स
1-एमएसपी खत्म नही होगा, सरकार एमएसपी को जारी रखेगी। सरकार इस पर लिखित आश्वासन देगी।
2-मंडी कानून APMC में बड़ा बदलाव होगा
3-प्राइवेट प्लेयर्स को रजिस्ट्रेशन जरूरी
4-कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग मे किसान को कोर्ट जाने का हक़
5-अलग फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट के गठन को मिलेगी मंजूरी
6-प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाया जायेगा
मसौदे में किसानों की शंकाओं का समाधान
20 पेज के इस प्रस्ताव में किसानों की शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की गई है। एमएसपी पर सबसे ज्यादा विवाद हो रहा था। इसपर केंद्र ने कहा कि MSP व्यवस्था खत्म नहीं हो रही है और सरकार इसपर लिखित आश्वासन देगी। यही नहीं, किसान मौजूदा बिजली दर पर ही भुगतान जारी रख पाएंगे और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। मंडी व्यवस्था पर भी केंद्र सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा है। किसान भूमि की कुर्की के संबंध में कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया और इसपर विचार करने की बात कही गई है। किसानों की भूमी पर बड़े उद्योगपतियों के कब्जे की आशंका पर सरकार ने कहा कि इसपर प्रावधान पहले से ही स्पष्ट है। प्रस्ताव में कहा गया है कि किसान की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीदार द्वारा किसी प्रकार का कर्ज नहीं लिया जा सकेगा और न ही ऐसी संरचना वह बंधक रख पाएगा।
इस बीच किसानों को भेजे गए प्रस्ताव के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी. जावड़ेकर ने कहा-‘ किसानों को डरने की जरूरत नहीं है. APMC भी रहेगा और MSP भी रहेगी. किसानों को दूसरी सुविधा भी मिलेगी. जहां पर ज्यादा दाम मिलेगा, किसान वहां अपनी उपज बेच सकेंगे.
‘कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे’
इससे पहले ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा था कि सरकार अगर संशोधन की बात कर रही है तो, हमारा जवाब साफ है। संशोधन नहीं बल्कि, कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे। सरकार की चिट्ठी आएगी और हमें पॉजिटिव लगेगी तो कल मीटिंग कर सकते हैं।
ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह बगू ने कहा, सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं. अभी हमारी मीटिंग खत्म हुई है. आगे अभी हरियाणा के साथ के साथ बैठक है, जिसमें हम आगे के कदम का विचार करेंगे.
‘शाम 4-5 बजे तक स्थिति साफ होने की उम्मीद’
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार जो ड्राफ्ट भेजेगी, उस पर चर्चा के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उम्मीद है कि आज शाम 4-5 बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी।
किसानों की मांगों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात पर अकाली दल के नेता प्रेम सिंह ने कहा, ‘किसानों को थकाने के मकसद से इस मामले को लटकाना और टालते रहना सही नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ से पॉजिटिव रिस्पांस नहीं दिख रहा है. ये किसान का आंदोलन अब अवाम का आंदोलन बन गया है. जैसे-जैसे तारीखे दी जा रही है ये सही नहीं है . राष्ट्रपति से जो पार्टियां मिलने जा रही हैं, वह अच्छी बात है.’
अमित शाह से चर्चा में बात क्यों नहीं बनी?
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसानों के साथ पहली बार मीटिंग की। बैठक के लिए 5 किसान नेताओं को बुलाया गया था, बाद में 13 मिले। कुछ किसानों ने यह कहते हुए विरोध किया कि एक दिन पहले बैठक क्यों और 40 की जगह 13 सदस्य ही क्यों? बैठक पहले शाह के घर पर थी, आखिरी समय में जगह बदलकर ICAR गेस्ट हाउस तय कर दी गई। ऐसे में 2 किसान बैठक में नहीं आ सके और बाकी किसानों ने उनके बिना चर्चा शुरू करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस उन 2 किसानों को एस्कॉर्ट कर रात करीब 9:15 बजे लेकर आई।
मीटिंग में शाह ने कई एक्सपर्ट्स बुला रखे थे, जो किसानों को समझा रहे थे कि किस बदलाव का आगे चलकर क्या असर होगा। फिर भी किसान नेता अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे थे, इसलिए सुझाव के आधार पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही थी।
राहुल समेत 5 विपक्षी नेता आज राष्ट्रपति से मिलेंगे
20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। विपक्ष के 5 नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल होंगे।
अकाली दल के कार्यकर्ता फ्री डीजल बांट रहे
आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली बॉर्डर की तरफ जा रहे लोगों को दिल्ली-अमृतसर हाईवे के एक पेट्रोल पंप पर फ्री डीजल दिया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंजाब के ज्यादा से ज्यादा लोग आंदोलन में शामिल हो सकें, इसलिए यह सुविधा दे रहे हैं। इसके लिए स्थानीय युवाओं और अपने NRI दोस्तों की मदद ले रहे हैं।