नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने वाले किसान अब शनिवार यानी 6 फरवरी को देशभर में चक्काजाम करेंगे। हालांकि, किसानों ने कहा है कि प्रदर्शन शांति पूर्ण रहेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहा कि हम दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में सड़कें नहीं रोकेंगे, क्योंकि यहां कुछ लोग हिंसा फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके सबूत हैं।
टूलकिट अपलोड करने वाले अकाउंट की डिटेल मांगी- दिल्ली पुलिस
इस बीच दिल्ली पुलिस ने गूगल से उस टूल किट के बारे में रिपोर्ट मांगी है, जिसे स्वीडन की एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर शेयर किया था। ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में ये ट्वीट किया था। उनके अलावा अमेरिकी सिंगर रिहाना भी किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट कर चुकी हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि हमने गूगल से उस अकाउंट की रजिस्ट्रेशन डिटेल और एक्टिविटी लॉग की जानकारी मांगी है, जिसके जरिए टूल किट अपलोड की गई। इस टूल किट में दो ई-मेल आईडी, एक इंस्टाग्राम अकाउंट और एक यूआरल का जिक्र किया गया था।
चक्काजाम के लिए CRPF ने की तैयारियां
किसानों के चक्काजाम के मद्देनजर दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि SP जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं, ताकि कहीं कोई दिक्कत नहीं हो। पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी।
UP, राजस्थान में आज से किसान पंचायत
आंदोलन को मजबूती देने के लिए आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की गई, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।
RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं। जयंत चौधरी ने शामली में हुई एक खाप पंचायत के दौरान यह बात कही। इस खाप में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी मौजूद थे।
लोकसभा दो बार स्थगित करनी पड़ी
लोकसभा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को नए कृषि कानून वापस लेने के लिए नारेबाजी की। हंगामे के चलते दिनभर में दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार को भी 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी थी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है।
विपक्ष के एक डेलिगेशन ने लोकसभा स्पीकर से इस बात की शिकायत भी की कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने से पुलिस ने रोक दिया।