किसान आंदोलन के 8वें दिन सरकार का रुख नरम: कैैप्टन अमरिंदर सिंह गृह मंत्री से मिलने पहुंचे, अमित शाह करेंगे किसानों से बात, किसानों ने मुलाकात से पहले दिया आपत्तियों का ड्राफ्ट, सामने रखीं 8 मागें
कृषि कानून के मसले पर किसानों का विरोध लगातार चल रहा है. इस आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें जारी हैं और इसी कड़ी में अब से कुछ देर में किसान संगठनों और सरकार के बीच फिर बातचीत होगी. उम्मीद की जा रही है कि MSP पर जो संकट बना हुआ है, वो निपट सकता है.
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। किसानों और सरकार के बीच आज फिर बातचीत होगी। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मीटिंग होगी। बुधवार शाम अचानक यह फैसला हुआ। पंजाब CMO के मुताबिक मुख्यमंत्री कई सुझाव देंगे ताकि गतिरोध खत्म किया जा सके। शाह और अमरिंदर की बैठक 10.30 बजे दिल्ली में शाह के घर होनी थी, लेकिन सूत्रों का कहना है अब यह मीटिंग 12 बजे होगी।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक आज से शुरू होने वाली है। इस बीच, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अमित शाह आज दोपहर 3.30 बजे विज्ञान भवन में किसानों से मिलेंगे। इससे पहले सुबह 11.30 बजे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर अमित शाह एक बैठक के लिए उनके निवास पर पहुंचे।
#WATCH | दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय मंत्री अमित शाह के घर पहुंचे। pic.twitter.com/r64ScGdDqR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
कृषि कानून के मसले पर किसानों का विरोध लगातार चल रहा है. इस आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें जारी हैं और इसी कड़ी में अब से कुछ देर में किसान संगठनों और सरकार के बीच फिर बातचीत होगी. उम्मीद की जा रही है कि MSP पर जो संकट बना हुआ है, वो निपट सकता है.
हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी। सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएगा। अभी चलकर सरकार से बात करेंगे: "आप कानून रद्द करवाना चाहते हैं या उनमें संशोधन" सवाल पूछे जाने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत pic.twitter.com/Y9v1RvobLw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
किसानों ने सरकार के सामने जो ड्राफ्ट भेजा है, उसमें इन मुद्दों को उठाया है.
- तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं.
- वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो.
- बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है.
- MSP पर लिखित में भरोसा दे.
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज.
- किसानों ने कभी ऐसे बिल की मांग की ही नहीं, तो फिर क्यों लाए गए. ये सिर्फ कारोबारियों का फायदा है.
- किसानों और सरकार के बीच बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं. किसानों ने एक ड्राफ्ट में कुल आठ मांगों को रखा है, जिसपर मंथन हो रहा है. आज की बैठक में कुल 40 किसान संगठन शामिल होंगे.
किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार को आपत्तियों की लिस्ट सौंप दी गई है. किसानों ने कृषि कानून के साथ-साथ वायु गुणवत्ता अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल को लेकर भी आपत्तियां बताई जताई हैं.
किसानों का आंदोलन जारी है और अब किसान संगठनों ने दो टूक कह दिया कि सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे. दूसरी ओर सरकार भी किसानों की शिकायतें दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन कानून पर टस से मस नहीं होना चाहती है. ऐसे में स्थिति गंभीर होती जा रही है, क्योंकि किसानों का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर आंदोलन आक्रामक हो जाएगा.
भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को
👉देशद्रोही बोल चुके हैं
👉आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं
👉आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैंलेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 3, 2020
इस बीच अब से कुछ देर में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होनी है. इस बैठक में किसान आंदोलन पर विस्तार से चर्चा हो सकती है.
दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने आवास से रवाना हुए। नरेंद्र सिंह तोमर आज कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के साथ बैठक करेंगे। #FarmersProtest pic.twitter.com/36xf3dOKBP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसान प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। #FarmersProtest pic.twitter.com/IsMD40K02N
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है। किसानों ने फैसला लिया कि सरकार से अब अलग-अलग नहीं, एक साथ मीटिंग करेंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। #FarmersProtest pic.twitter.com/qoNiIzH9nf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
शाह और कैप्टन की मुलाकात के मायने
- आंदोलन में सबसे ज्यादा पंजाब के किसान हैं, कैप्टन अहम रोल निभा सकते हैं।
- आंदोलन से सबसे ज्यादा नुकसान लोगों का हो रहा। मीटिंग से जल्द बीच का रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
- कैप्टन बता सकते हैं कि किसान क्या चाहते हैं और केंद्र को गतिरोध खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए।
किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत होगी। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।
आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी
- केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
- केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
- MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
- अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
- खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।
उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।
#WATCH | गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर (दिल्ली-यूपी सीमा) पर किसानों का एक समूह हवन करते हुए।
आज किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ होने वाली है। pic.twitter.com/b3SronsCnl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
अपडेट्स
- वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने कहा कि किसानों से एक-एक पॉइंट पर बात की जाएगी। देशहित में किसानों से खुले दिल से चर्चा की जाएगी।
- किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी एस एस सुभरन का कहना है कि केंद्र किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी 507 किसान संगठनों के साथ मीटिंग नहीं करते, तब तक हम किसी और मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
- पुलिस ने NH-9 और NH-24 पर दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को बंद कर दिया है।
- आंदोलन की सफलता के लिए गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने लगातार दूसरे दिन हवन किया।
- राजस्थान के किसानों का एक दल सिंघु बॉर्डर पहुंचा है। उनका कहना है कि राजस्थान के 500 किसान जल्द यहां पहुंचने वाले हैं।।
- दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर आज लगातार दूसरे दिन बंद किया गया है। हालांकि, दिल्ली से नोएडा की तरफ एक कैरिज-वे खोल दिया गया है, लेकिन नोएडा से दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता बंद है।
आगे की रणनीति
- किसान नेता आज सरकार से बात करेंगे और देशभर में कानूनों के विरोध में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
- 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
- 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।
कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।
सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियर्स को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।
Rahul Gandhi must be the most discredited opposition leader India has seen in a long long time. https://t.co/9wQeNE5xAP pic.twitter.com/b4HjXTHPSx
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 28, 2020
ट्विटर ने भाजपा के IT सेल प्रभारी की पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया
ट्विटर ने बुधवार को भाजपा IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है। देश में यह पहली बार हुआ है। मालवीय ने 28 नवंबर को किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। मालवीय की पोस्ट राहुल गांधी की उस पोस्ट के काउंटर में थी, जिसमें राहुल ने किसानों पर पुलिस के डंडे बरसाने का जिक्र किया था। मालवीय ने इस दावे को गलत बताया था।