सिंघु बॉर्डर पर हिंसा भड़की, बॉर्डर खाली करवाने पहुंचे स्थानीय लोगों की किसानों से झड़प, दोनों तरफ से पथराव

किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर बवाल हो गया है। दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस झड़प में कई लोगों को चोटें आई हैं। कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें लगी हैं। एक SHO पर तलवार से भी हमला हुआ है।

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नई दिल्ली। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार दोपहर में बड़ा बवाल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में शुक्रवार को भिड़ंत हो गई। दोनों ओर के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोगों व आंदोलनकारियों के बीच पथराव के चलते कई घायल हुए हैं, इनमें एक पुलिसकर्मी भी है। वहीं हालात को काबू में करने के लिए वहां तैनात पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और हल्का बल का प्रयोग भी किया है। इस पथराव में पुलिस सहित कई लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल यहां पर माहौल बेहद तनावपूर्ण है। बताया जा रहा है कि पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से किसानों के प्रदर्शन के चलते आसपास के ग्रामीणों में काफी रोष है।

अलीपुर SHO पर तलवार से हमला

सिंघु बॉर्डर पर बवाल के दौरान अलीपुर थाने में तैनात एसएचओ पर प्रदर्शनकारियों ने तलवार से हमला किया है। इसमें उनके हाथ पर तलवार लगी है, जिससे उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

यही वजह है कि किसानों द्वारा रास्तों को रोककर प्रदर्शन करने के विरोध में स्थानीय लोग भी आ गए हैं। शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के इस तरह से 2 महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन करने के चलते न केवल कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों लोग बेरोजगार तक हो चुके हैं।

किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर बवाल हो गया है। दोपहर करीब 1 बजे स्थानीय लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनके सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

वहीं ग्रामीणों का नेतृत्व कर दिल्ली देहात विकास मंच के महासचिव अनूप सिंह मान ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में उपद्रव कर देश की गरिमा को धूमिल करने वाले ऐसे लोगों ने पिछले दो माह से सिंघु बार्डर को बंद कर रखा है। ऐसे में आवागमन ठप होने से दिल्ली देहात बंधक बना हुआ है। ग्रामीणों को रोजाना अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं। महिलाएं घरों से निकल कर कहीं आजा नहीं पा रही है। लोग रिश्तेदारों के यहां नहीं जा पा रहे हैं। अगर लोग घर से निकलते हैं तो उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है।

गणतंत्र दिवस की घटना के बाद गांव के लोगों के मन में आक्रोश देखा जा रहा है। देहात के लोग बिना किसी गलती के मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। लेकिन अब उनका धैर्य जबाव देने लगा है। यही कारण है कि अब ग्रामीण सिंघु बार्डर को खाली कराने को लेकर संकल्पित हो चुके हैं।

Kisan Andolan Today live updates January 29 Heavy security deployment on ghazipur and Tikri Border singhu border protest on probe in violence

इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि ‘केंद्र सरकार RSS के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है। कल (गुरुवार) उन्होंने दो बार ऐसा किया। कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।’

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। पश्चिमी यूपी और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है। आज मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत होगी।

 

सिंघु बॉर्डर चारों तरफ से सील, पक्के बैरिकेड्स लगाए
सिंघु बॉर्डर पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। धरनास्थल को चारों तरफ से ब्लॉक कर पक्के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। क्योंकि, ये दोनों बॉर्डर ही किसान आंदोलन के अहम पॉइंट हैं।

अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

किसानों से लगातार वार्ता चल रही हैः यूपी एडीजी (कानून व्यवस्था)

यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि, गाजीपुर बॉर्डर पर कल और आज सुरक्षा व्यवस्था इसलिए बढ़ाई गई ताकि इस दौरान ऐसे लोग न घुस जाए जिससे वहां हिंसा फैले। आज पूरे उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी है और किसानों से लगातार वार्ता चल रही है।

टैक्टर परेड के दौरान नागलोई में पुलिस कांस्टेबल से वायरलेस छीनने वाला गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने किसानों की टैक्टर परेड के दौरान नांगलोई में कथित रूप से एक कांस्टेबल से वायरलेस छीनने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।पुलिस के अनुसार आरोपी पर 2019 में भी तीन मामले दर्ज किये गये थे। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) ए कोआन ने कहा, ‘हमने आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसने गणतंत्र दिवस को नांगलोई में कांस्टेबल सोनू से वायरलेस छीन लिया था। उसके (आरोपी के) पास से वायरलेस सेट बरामद कर लिया गया है।’

मुजफ्फरनगर महापंचायत के चलते ये रूट रहेंगे डायवर्ट

मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि महापंचायत के दौरान शहर के महावीर चौक से सर्कुलर रोड होते हुए सुजडू चुंगी तक का मार्ग पूरी तरह बंद रहेगा। मेरठ की ओर से आने वाले सभी वाहन हाईवे से होते हुए वाया भोपा बाईपास से शहर में प्रवेश करेंगे। वहीं, शामली और  बड़ौत की ओर से आने वाले सभी वाहन भी पीनना-वहलना बाईपास होते हुए हाईवे और वहां से भोपा बाईपास होकर शहर में प्रवेश करेंगे और यहीं से होकर जाएंगे। किसी भी वाहन को वहलना चौक से सुजडू चुंगी होते हुए सरकुलर रोड से होकर शहर में घुसने की इजाजत नहीं होगी। किसानों के सभी वाहनों के लिए यही मार्ग आरक्षित किया गया है। महापंचायत में पहुंचने वाले सभी किसानों व अन्य लोगों के वाहन वहलना चौक से सुजडू चुंगी और वहां से सरकुलर रोड होते हुए महावीर चौक स्थित महापंचायत स्थल पर पहुंचेंगे और वहीं पर पार्क होंगे।

मुजफ्फरनगर में आज किसान महापंचायत
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी। इसके चलते गुरुवार को लगा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए। लेकिन, देर रात भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। इसी सिलसिले में आज किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई है।

गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढ़ी
किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी टिकैत से मिलने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ‘प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए।’

वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उधर, दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री सत्येंद्र जैन और विधायक AAP के विधायक राघव चड्ढा ने सिंघु बॉर्डर पर जाकर व्यवस्थाएं देखीं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बीती रात किसानों के लिए पानी और टॉयलेट्स की व्यवस्था की थी। उन्हीं इंतजामों का जायजा ले रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बीती रात किसानों के लिए पानी और टॉयलेट्स की व्यवस्था की थी। उन्हीं इंतजामों का जायजा ले रहे हैं।

UP और हरियाणा से गाजीपुर पहुंच रहे किसान
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम 4 बजे तक भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, आधी रात को पुलिस को लौटना पड़ा। क्योंकि, किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी थी। UP और हरियाणा से हजारों किसान रात में ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए थे और आज सुबह से उनका गाजीपुर पहुंचने का सिलसिला जारी है।

टिकैत धरना खत्म करने को राजी थे, विधायक की धमकी से अड़ गए
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत गुरुवार शाम 6 बजे अफसरों के साथ बैठक के दौरान धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे। लेकिन, कुछ देर बाद भाजपा विधायक नंद किशोर की एंट्री से मामले ने यू-टर्न ले लिया। नंद किशोर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल के पास पहुंच गए। उन्होंने पुलिस से कहा कि आंदोलनकारियों को रविवार तक हटा लें, वरना हम हटाएंगे।

इसके बाद टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘भाजपा का विधायक पुलिस फोर्स के साथ मिलकर किसानों का मारने आया है। इसलिए अब हम कहीं नहीं जा रहे।’ राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने भी कहा कि अब तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही लौटेंगे।

 

लाठी-गोली की बात करने वाले टिकैत के आंसू निकले
गाजीपुर बॉर्डर पर UP पुलिस ने गुरुवार शाम 4 बजे धरनास्थल को चारों तरफ से सील कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में किसानों को हटने का नोटिस थमाया गया। अफसरों ने कहा कि धरना हटाकर रहेंगे। इसका असर यह हुआ कि लाठी और गोली वाले बयानों से विवादों में आए टिकैत इमोशनल दांव खेल गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि ‘मुझे मारने की साजिश रची जा रही है। मैं खुदकुशी कर लूंगा। देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।’

मनीष सिसोदिया ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर कहा कि दिल्ली सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है, किसानों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से पानी के 10 टैंकर भेजे गए हैं जिसका निरीक्षण उन्होंने किया है। इसके साथ उन्होंने राकेश टिकैत से मुलाकात कर अपना पूर्ण समर्थन दिया। उनका कहना है कि केंद्र सरकार किसान को बदनाम करना चाहती है और कॉर्पोरेट घरानों के कहने पर सबसे ईमानदार और देशभक्त कौम सरदारों को भी बदनाम करने में लगी हुई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बोले, कुछ पूंजीपतियों के इशारे पर किसानों की पगड़ी उछाली जा रही है, आम आदमी पार्टी किसानों के साथ है और किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसान स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष व डीयू के दिव्यांग छात्र अरविंद यादव ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। अरविंद व्हील चेयर पर किसान आंदोलन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं और तीनों किसान कानून वापसी की मांग को लेकर राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।

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