गाजियाबाद में धारा 133 लागू, राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की तैयारी, टकैत बोले- किसानों को मारने की साजिश हो रही; कानून वापस लो नहीं तो खुदकुशी कर लूंगा

इससे कुछ देर पहले ही टिकैत ने कहा था, 'न तो मैं सरेंडर करूंगा, न ही धरना खत्म करूंगा। अगर गोली चलनी है तो यहीं चलेगी।' दिल्ली की हिंसा पर टिकैत बोले, 'यह कौम को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। इसमें सारे कॉल रिकॉर्ड्स भी शामिल किए जाएं।'

0 999,079

नई दिल्ली। दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के दो दिन बाद प्रशासन ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर का इलाका खाली करने को कहा। इसके बाद 2 महीने से धरने पर बैठे कई किसान वहां से चले गए। शाम होते-होते दिल्ली और यूपी की पुलिस गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गई। पुलिस की इस सख्ती पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंसू निकल आए। गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत ने कहा, ‘किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है। अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं इस देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।’ इसके बाद टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर अनशन शुरू कर दिया।

इससे कुछ देर पहले ही टिकैत ने कहा था, ‘न तो मैं सरेंडर करूंगा, न ही धरना खत्म करूंगा। अगर गोली चलनी है तो यहीं चलेगी।’ दिल्ली की हिंसा पर टिकैत बोले, ‘यह कौम को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। इसमें सारे कॉल रिकॉर्ड्स भी शामिल किए जाएं।’

धरने को लेकर बंटे दोनों टिकैत भाई
हालांकि, टिकैत के बयान का उनके ही संगठन के प्रमुख नरेश टिकैत ने विरोध किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों से आंदोलन खत्म कर गाजीपुर बॉर्डर से वापस जाने को कहा है। नरेश टिकैत ने कहा, ‘यहां पर धरना खत्म कर दें। सुविधाएं बंद होने के बाद कैसे धरना कैसे चलेगा? नेताओं और कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस चले जाना चाहिए। किसानों की पिटाई होने से बेहतर यह है कि वे धरना खत्म कर दें।’

44 किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस
दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस लगातार एक्शन में है। उपद्रव में शामिल रहे 44 किसान नेताओं के खिलाफ गुरुवार को लुकआउट नोटिस जारी किए गए। अब उनके पासपोर्ट भी जब्त किए जाएंगे, ताकि वे बिना इजाजत विदेश न जा सकें। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 33 FIR दर्ज की हैं।

लाल किले में हिंसा करने वालों पर राजद्रोह का केस
खबर ये भी है कि लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इससे पहले, पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें। इनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी तैनात हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी तैनात हैं।

पुलिस ने टिकैत के टेंट पर नोटिस चस्पा किया
हिंसा मामले में टिकैत और जगतार सिंह बाजवा को नोटिस देने पुलिस गुरुवार दोपहर 12.30 बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थी। लेकिन, दोनों नेता सामने नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने उनके टेंट पर नोटिस चिपका दिया। इधर, गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।’

पुलिस ने लाल किला परिसर से डेढ़ घंटे में प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था, लेकिन एहतियात के तौर पर तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।
पुलिस ने लाल किला परिसर से डेढ़ घंटे में प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था, लेकिन एहतियात के तौर पर तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दो महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को अब लोगों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। गुरुवार दोपहर कुछ लोगों ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी की। लोगों के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे।

हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे शाह
मंगलवार को हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवान घायल हो गए। इनमें से कई अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। घायल जवानों के हालचाल जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम अस्पताल पहुंचे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.