एक्शन पर आक्रोश में नेता:राकेश टिकैत बोले- न सरेंडर करूंगा न धरना खत्म होगा, गोली चलानी है तो यहीं चलाइए
तस्वीर गाजीपुर बॉर्डर की हैं, जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स पहुंच चुकी है। यहां बड़ी तादाद में यूपी रोडवेज की बसें भी तैनात की गई हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती से किसान नेता नाराज हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘न तो मैं सरेंडर करूंगा, न ही धरना खत्म करूंगा। अगर पुलिस को गोली चलानी है, तो यहीं चलानी होगी।’ दिल्ली की हिंसा पर टिकैत बोले, ‘यह कौम को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। इसमें सारे कॉल रिकॉर्ड्स भी शामिल किए जाएं।’
जबरदस्ती से किसान आंदोलन बंद नहीं होगा। जब तक सांस चलेगी तब तक लड़ेंगे। अभी हमारी कोई योजना नहीं है। अभी हम मीटिंग करेंगे। पता नहीं सरकार क्या-क्या षड्यंत्र करती है: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी pic.twitter.com/gEU6noiVUf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
इधर, भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों से आंदोलन खत्म कर गाजीपुर बॉर्डर से वापस जाने की अपील की है। नरेश टिकैत ने कहा, ‘यहां पर धरना खत्म कर दें। सुविधाएं बंद होने के बाद कैसे धरना कैसे चलेगा? नेताओं और कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस चले जाना चाहिए। किसानों की पिटाई होने से बेहतर यह है कि वे धरना खत्म कर दें।’
#WATCH | Delhi: Group of people claiming to be locals gather at Singhu border demanding that the area be vacated.
Farmers have been camping at the site as part of their protest against #FarmLaws. pic.twitter.com/7jCjY0ME9Z
— ANI (@ANI) January 28, 2021
44 किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस
दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस लगातार एक्शन में है। उपद्रव में शामिल रहे 44 किसान नेताओं के खिलाफ गुरुवार को लुकआउट नोटिस जारी किए गए। अब उनके पासपोर्ट भी जब्त किए जाएंगे, ताकि वे बिना इजाजत विदेश न जा सकें। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 33 FIR दर्ज की हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस कर्मियों को पत्र में लिखा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया… मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं। pic.twitter.com/1hebmEjLoQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
लाल किले में हिंसा करने वालों पर राजद्रोह का केस
खबर ये भी है कि लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इससे पहले, पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें। इनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा।
पुलिस ने टिकैत के टेंट पर नोटिस चस्पा किया
हिंसा मामले में टिकैत और जगतार सिंह बाजवा को नोटिस देने पुलिस गुरुवार दोपहर 12.30 बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थी। लेकिन, दोनों नेता सामने नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने उनके टेंट पर नोटिस चिपका दिया। इधर, गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।’
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दो महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को अब लोगों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। गुरुवार दोपहर कुछ लोगों ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी की। लोगों के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे।
हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे शाह
मंगलवार को हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवान घायल हो गए। इनमें से कई अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। घायल जवानों के हालचाल जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम अस्पताल पहुंचे।