नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का 57वां दिन है। एक तरफ केंद्र सरकार किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए झुकती नजर आ रही है। दूसरी तरफ भाजपा नेता विवादित बयान दे रहे हैं। ताजा विवाद दौसा से भाजपा सांसद जसकौर मीणा के बयान से जुड़ा है।
जसकौर का एक वीडियो राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें वे कह रही हैं, “अभी कृषि कानून का ही देख लीजिए कि आतंकवादी बैठे हुए हैं और आतंकवादियों ने AK-47 लिखी हुई है। खालिस्तान का झंडा लगाया हुआ है। ऐसी परिस्थिति में कैसे सोचें कि इस देश में कितनी रुकावटें हैं।”
ये दौसा से BJP सांसद जसकौर मीणा हैं, किसानों के प्रति इनकी घृणित सोच और अमर्यादित भाषा सुनिए
सत्ता के अहंकार में इतने अंधे हो गये कि इन्हें देश का अन्नदाता आतंकी दिखता है। विरोध करने वालों को आतंकवादी और खालिस्तानी बताने का संस्कार तो इन्हें संघ से ही मिला होगा#FarmersProtest pic.twitter.com/RU6ez69zhX
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) January 20, 2021
सरकार कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक रोकने को राजी
इससे पहले बुधवार को किसानों के साथ 11वें राउंड की बातचीत में सरकार कुछ झुकती हुई नजर आई। केंद्र ने बुधवार को किसान नेताओं को दो प्रपोजल दिए। पहला यह कि डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं किए जाएंगे और सरकार इसका हलफनामा कोर्ट में देने को तैयार है। दूसरा- MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी जो राय देगी, उसके बाद MSP और कृषि कानूनों पर फैसला लिया जाएगा।
मीटिंग का टर्निंग पॉइंट…
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और सरकार की मीटिंग में लंच से पहले तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर लंच ब्रेक हुआ। इसी दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन लगाकर किसानों की चिंता बताई। चिंता यह कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट दे देगी, उसके बाद कृषि कानूनों के अमल पर लगी रोक कभी भी हट सकती है। इस पर शाह ने तोमर ने कहा- किसानों को बताएं कि सरकार डेढ़ साल तक कानून होल्ड करने को तैयार है।
किसान कल मीटिंग में बताएंगे
लंच के बाद तोमर ने मीटिंग में प्रपोजल रखा तो कुछ किसान नेता सहमत हो गए, लेकिन बाद में प्रस्ताव नहीं माना। तोमर ने उन्हें चर्चा के लिए समय देते हुए अगली बैठक 22 जनवरी को रखने पर सहमति बना ली। किसान सरकार के प्रपोजल पर चर्चा करेंगे और कल होने वाली बैठक में अपना फैसला बताएंगे।
NIA की कार्रवाई को लेकर किसानों को ऐतराज
किसानों की सरकार के साथ 11वें राउंड की चर्चा में किसान नेताओं को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के समन मिलने का मुद्दा भी उठा। किसान संगठनों ने कहा कि NIA का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई बेगुनाह किसान आपको दिख रहा है तो आप लिस्ट दीजिए, हम ये मामला तुरंत देखेंगे।