किसान आंदोलन में टेरर फंडिंग की जांच:आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता समेत आंदोलन से जुडे़ 50 लोगों को NIA का समन

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर की यह फोटो शनिवार को ली गई थी।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का आज 53वां दिन है। किसानों की सरकार से 10 दौर की बातचीत हो चुकी है। अगली मीटिंग मंगलवार को होगी। इससे पहले आंदोलन में नया मोड़ आ गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। इनमें से कुछ लोगों से शनिवार को पूछताछ भी की गई।

पटियाला के NRI दर्शन सिंह धालीवाल से दिल्ली एयरपोर्ट पर ढाई घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। वहीं पटियाला में बब्बर खालसा के आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरन सिंह और किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी NIA ने समन जारी किए हैं।

पंजाब के सभी जिलों के ट्रांसपोर्टर्स को नोटिस
NIA किसान आंदोलन में खालिस्तानी लिंक तलाश रही और टेरर फंडिंग के एंगल से जांच कर रही है। एजेंसी ने पंजाब के सभी जिलों के ट्रांसपोर्टर्स और कारोबारियों को नोटिस जारी किए। इनमें से आधों को दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया। जहां उनसे करीब तीन घंटे तक सवाल-जवाब हुए।

आंदोलन में फंडिंग और फ्री सर्विस का रिकॉर्ड मांगा
NIA की नजर लुधियाना के 17 कारोबारियों पर भी है, जिन्हों दिल्ली आकर आंदोलन में सामान बांटा था। सूत्रों के मुताबिक लुधियाना, पटियाला, तरनतारन और अमृतसर के ट्रांसपोर्टर्स के जवाबों की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग हुई। कार्रवाई पूरी होने के बाद सभी को फंड और फ्री सर्विस देने का रिकॉर्ड 21 जनवरी को लेकर आने के लिए कहा है।

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की आड़ में देश विरोधी तत्व अपने मंसूबों को अंजाम देने के प्रयास में जुटे हुए हैं। यही नहीं कुछ कट्टरपंथी संगठनों के लोग भीड़ का फायदा उठाकर खालिस्तान आंदोलन की मुहिम को भी हवा दे रहे हैं। इस बात की तस्दीक सिंघु बार्डर पर लहरा रहे जरनैल सिंह ¨भडरावाले व आतंकी जगतार सिंह हवारा के फोटो कर रहे हैं।

सिंघु बार्डर पर 50 दिन से किसान कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद नहीं किए जाते हैं, तब तक वह बार्डर से नहीं हटेंगे। इधर, किसानों के इस आंदोलन का फायदा खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों द्वारा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को भी ट्रैक्टर-ट्रालियों व गाड़ियों पर जरनैल सिंह भिंडरावाले व आतंकी जगतार सिंह हवारा की फोटो लगे बैनर के साथ लोग बार्डर पर नारेबाजी करते रहे।

प्रशासन 26 जनवरी को लेकर काफी सर्तक है। प्रशासन को खुफिया एजेंसियों से जो इनपुट मिला है उसके अनुसार किसानों के आंदोलन को सामने रखकर ये लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने सतर्कता और बढ़ा दी है।

यही नहीं इन बैनरों के तले लंगर भी चल रहा और मेडिकल कैंप भी लगा है। इसके अलावा कुछ गाड़ियां भिंडरावाले के फोटो लगाकर कुंडली बार्डर पर लगाए गए मंच के पास खड़ी की गई हैं। ये लोग युवाओं व सिखों को खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने के लिए भी उकसा रहे थे। इसकी एक वीडियो भी वायरल हो रही है। आतंकी हवारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी है और फिलहाल तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है।

किसान नेता का बयान 

भिंडरावाले की फोटो लगाना कोई गलत बात नहीं है। हालांकि, ऐसे फोटो कम लगें तो अच्छा रहेगा। फोटो लगाने से हमें ही परेशानी होगी, लोगों को बोला जाएगा कि ऐसा न करें। इस बारे में शनिवार को बात की जाएगी।

डॉ. दर्शन पाल, किसान नेता

 

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