LIVE: किसान संगठनों की बैठक में फैसला, सरकार के साथ 3 बजे की वार्ता में होंगे शामिल
कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी. कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली. ऐसे में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बातचीत की अगुवाई करेंगे. किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. ऐसे में क्या सरकार की बातचीत के पहल से किसान मानेंगे, इसपर हर किसी की नज़रें बनी रहेंगी.
किसान संगठनों ने आखिरकार ये तय कर लिया है कि वो आज होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे. दिल्ली में सुबह सिंधु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव पर मंथन हुआ. किसानों की ये बैठक तीन घंटे चली, जिसमें सरकार के साथ वार्ता करने पर सहमति बनी है.
केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। सरकार ने किसानों को आज 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इससे पहले सरकार के मंत्री एक अलग मीटिंग कर रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हो रही मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं। इससे पहले शाह ने BSF राइजिंग डे इवेंट में जाने का शेड्यूल टाल दिया था। इसकी वजह एक अहम ऑफिशियल काम होना बताई गई है।
आज शाम होने वाली बातचीत के बीच किसानों का प्रदर्शन जारी है. मंगलवार सुबह किसानों ने गाजियाबाद-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया और यहां लगे बैरिकेड को ट्रैक्टरों से हटाने की कोशिश की.
#WATCH Protesting farmers use a tractor to remove barricading done at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border#FarmersProtest #Ghaziabad pic.twitter.com/g3VfCMFEAI
— ANI (@ANI) December 1, 2020
चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी ने भी मंगलवार को किसान आंदोलन में हिस्सा लिया. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ भीम आर्मी के लोगों ने प्रदर्शन किया. आज दोपहर टिकरी बॉर्डर पर मौजूद पंजाब किसान यूनियन के प्रमुख रुलदू सिंह का कहना है कि वो लोग सरकार से बातचीत करेंगे और आज होने वाली बैठक में शामिल होंगे. बता दें कि कुछ संगठनों ने चिन्हित संगठनों को बुलाने का विरोध किया था.
तीन बजे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत होनी है. कृषि कानून के खिलाफ एक हफ्ते से किसान दिल्ली सीमा पर डेरा जमाए बैठे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम विज्ञान भवन में किसानों से बात करेगी, जिसमें कुल 30 से अधिक किसानों को न्योता दिया गया है.
हरियाणा से लगे दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बंद कर रखा है। किसानों से 3 दिसंबर को बातचीत करने पर अड़ी सरकार ने सोमवार को जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। किसान संगठनों से आज दोपहर तीन बजे केंद्र सरकार बात करेगी. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे. उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री रह सकते हैं. इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जो कानून पर विस्तार से बात करेंगे, वो भी मौजूद रहेंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है. ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर. जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए.
अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
और
‘झूठ’ टीवी पर भाषण!किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का न्योता दिया गया है। सरकार से बातचीत से पहले किसान नेता मीटिंग कर आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे।
किसानों का कहना है कि MSP और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लिखित गारंटी चाहिए. किसान संगठनों को डर है कि नया कानून जैसे ही जमीन पर उतरेगा, MSP धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी. यही कारण है कि MSP हमेशा के लिए बनी रहे, वो इस बात को कानून में शामिल करवाना चाहते हैं.
It was decided that next round of talks will be held on Dec 3 but farmers are agitating, it's winter & there's COVID. So meeting should be held earlier. So farmer leaders – present in 1st round of talks – have been invited at Vigyan Bhavan on Dec 1 at 3 pm: Agriculture Minister https://t.co/1y5DNCT0U0
— ANI (@ANI) November 30, 2020
केंद्र के तीनों नए कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में तो प्रदर्शन पहले से चल रहा था, लेकिन 6 दिन पहले पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। सरकार ने किसानों से कहा कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है।
दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है. हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 1 दिसंबर यानी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक बुलाई है. पिछले 6 दिनों से किसान सड़कों पर हैं और लगातार सरकार से आधिकारिक वार्ता की अपील कर रहे थे. पहले सरकार की शर्त थी कि किसान बुराड़ी ग्राउंड में जाएं, फिर बात होगी लेकिन किसानों ने इसे नहीं माना था. इससे पहले अक्टूबर-नवंबर में भी किसान-सरकार के प्रतिनिधियों की बात हो चुकी है.
There are more than 500 groups of farmers in the country, but the Govt has invited only 32 groups for talks. The rest haven't been called by the govt. We won't be going for talks till all groups are called: Sukhvinder S Sabhran, Jt Secy, Punjab Kisan Sangarsh Committee in Delhi pic.twitter.com/jYGQlEMKSk
— ANI (@ANI) December 1, 2020
गृह मंत्री-कृषि मंत्री ने 24 घंटे में 2 बार मीटिंग की
किसानों ने सरकार की शर्त नहीं मानी, बल्कि रविवार को कहा कि अब दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करेंगे। किसानों ने कहा कि वे 4 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं। इसके बाद सरकार में बैठकों का दौर शुरू हुआ। रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। सोमवार को फिर मीटिंग हुई। गृह मंत्री के घर हुई बैठक में कृषि मंत्री और भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।
सरकार ने कहा- कोरोना, सर्दी की वजह से जल्द बातचीत
सोमवार की बैठक के बीच ऐसे संकेत मिल रहे थे कि सरकार किसानों को बिना शर्त बातचीत का न्योता भेज सकती है। हुआ भी वही, देर रात सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया। हालांकि, कृषि मंत्री ने जल्द वार्ता के लिए तैयार होने की वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण और सर्दी को बताया।
अपडेट्स
- पंजाब किसान संघर्ष समिति के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा संगठन हैं। सरकार ने सिर्फ 32 समूहों को बुलाया है। जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता, हम बातचीत में शामिल नहीं होंगे।
- हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
- दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
- 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए हंगामे को लेकर अलीपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
32 साल बाद दिल्ली के दरवाजे पर ऐसा संघर्ष
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां पर जुटे थे।