चंडीगढ़। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है। पंजाब से दिल्ली कूच पर अड़े किसानों को पुलिस के वाटर कैनन की बौछारें, रास्ते जाम करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और आंसू गैस के गोले भी नहीं रोक पाए। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रात 2.30 बजे वे दिल्ली से कुंडली बॉर्डर से महज 8 किमी दूर थे। उन्होंने कहा, हरियाणा के सभी बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं, अब शुक्रवार का नाश्ता दिल्ली में ही करेंगे।
इससे पहले चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर अंबाला में स्थित सद्दोपुर बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर घग्घर नदी में फेंक दिए और दिल्ली की ओर बढ़ गए। नेशनल हाइवे जाम होने की से लोगों को काफी परेशानी हुई। लोग कई घंटे जाम में फंसे रहे।
केंद्र ने कहा- 3 दिसंबर को बात करेंगे, लेकिन किसान मांगों पर अड़े
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को उनसे बात की जाएगी, पर किसान अपनी बात पर अडे हैं। वे केंद्र के तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रकों को आड़ा-तिरछा खड़ा कर रखा है। बॉर्डर पर वाहनों का लंबा जाम है।
आम लोग खेतों के रास्ते निकले, दिल्ली के रास्ते आज भी बंद
नेशनल हाइवे बंद होने से लोग परेशान दिखे। पंजाब-हरियाणा हाइवे पर कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। लोग खेतों के रास्ते जाने पर मजबूर हुए। दिल्ली जाने के रास्ते आज भी बंद रहेंगे।
चंडीगढ़-दिल्ली की 3 हजार रुपए की एयर टिकट 35 हजार में बिकी
किसान आंदोलन की वजह से चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे बंद रहा। इस वजह से चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट्स के टिकट 1000 फीसदी से भी महंगे हो गए। एयर विस्तारा ने 3 हजार वाली टिकट 35 हजार में बेची। एयर इंडिया ने कहा है कि किसानों के विरोध की वजह से जिन यात्रियों की गुरूवार को फ्लाइट छूट गई, वे इसे रीशेड्यूल करा सकेंगे। यात्रियों को यह सुविधा ‘नो शो वेवर’ के तहत मिलेगी।
क्यों हो रहा प्रदर्शन?
केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।