कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता के SSKM अस्पताल से छुट्टी मिल गई गई है। उनकी हालत में फिलहाल सुधार है। अस्पताल के डॉक्टर उन्हें 48 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखना चाहते थे, लेकिन ममता के कहने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। डाक्टरों ने उन्हें कुछ जरूरी सलाह दी गई हैं और 7 दिन बाद दोबारा चैकअप कराने को कहा है।
उधर, नंदीग्राम में ममता पर हुए कथित हमले पर चुनाव आयोग सख्त दिखाई दे रहा है। चुनाव आयोग ममता की सुरक्षा संभाल रहे पुलिस अफसर पर कार्रवाई कर सकता है। चुनाव आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने शुक्रवार को इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, राज्य सरकार और राज्य में नियुक्त किए गए दोनों स्पेशल ऑब्जर्वर की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही तय किया जाएगा की ममता के सिक्योरिटी इंचार्ज पर क्या कार्रवाई करनी है।
उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की CM की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही हुई है। उनके सुरक्षा घेरे के पास आने की अनुमति किसी को नहीं है। घटना के वक्त ममता नंदीग्राम के पुरुलिया बाजार में चुनाव प्रचार कर रही थीं। चुनाव आयोग ने उस समय के CCTV फुटेज देखें हैं। हालांकि फुटेज ज्यादा स्पष्ट नहीं है। फुटेज में कुछ लोग ममता की गाड़ी के बेहद करीब नजर आ रहे हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता को Z+ सुरक्षा मिली हुई है। उनके साथ 20 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें SSW (स्पेशल सर्विस विंग) और IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के अधिकारी भी शामिल हैं। पूर्व मेदिनीपुर (जिस जिले में नंदीग्राम है) के प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर मोबाइल फुटेज भी इकट्ठा की है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिले TMC नेता
इससे पहले TMC नेता सौगत रॉय ने पार्टी नेताओं के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की। उन्होंने कहा कि हमनें हमले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। जब घटना हुई, वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।
सौगत ने आरोप लगाया कि ममता पर हमला उन्हें जान से मारने के लिए करवाया गया था। हमले के पीछे किसी की गहरी साजिश छिपी हुई है। उन्होंने कहा, ‘अब जांच की जिम्मेदारी आयोग पर है। हमने आयोग से किसी तरह की विशेष जांच करने की मांग नहीं की है, लेकिन हम चाहते हैं कि जांच भेदभाव के बिना की जाए।