राजस्थान में फिर कांपी धरती :बीकानेर में लगातार दूसरे दिन भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई तीव्रता; फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.8 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप सुबह 7 बजकर 42 मिनट पर आया। इसका केंद्र बीकानेर से 413 किमी उत्तर-पश्चिम में 15 किमी की गहराई पर था। भूकंप से अब तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले बुधवार को भी बीकानेर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई थी।
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6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
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ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।