केजरीवाल को फटकार:दिल्ली हाईकोर्ट की ऑक्सीजन की कमी को लेकर सख्त टिप्पणी, कहा-ऑक्सीजन कंपनियां गिद्ध न बनें

दिल्ली हाईकोर्ट में अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिल पाने के मुद्दे पर मंगलवार को भी सुनवाई हुई। दिल्ली के निजी अस्पतालों ने मरीजों के लिए ऑक्जीजन उपलब्ध न होने की बात कहकर कोर्ट से दखल देने की मांग की।

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नई दिल्ली। दिल्ली में ऑक्सीजन के संकट के बीच इसकी कालाबाजारी को लेकर हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कुछ सौ रुपए के ऑक्सीजन सिलेंडर लाखों रुपए में बेचे जा रहे हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पेश हुई ऑक्सीजन बनाने वाली एक कंपनी से कहा, ‘यह गिद्धों की तरह बर्ताव करने का समय नहीं है।’

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के रवैये पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हर तरफ सिर्फ गड़बड़ी है और आप उसे ठीक करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। आप दिल्ली में सरकार चला रहे हैं। हालात सुधारने की जिम्मेदारी भी आपकी है।

कोर्ट ने मीटिंग कर हल निकालने को कहा था
दरअसल, ऑक्सीजन संकट को लेकर दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसी मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार समेत अस्पतालों और ऑक्जीजन सप्लायर्स को बैठक कर परेशानियां दूर करने का निर्देश दिया था।

कालाबाजारी करने वालों के प्लांट अपने कब्जे में ले सरकार
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास एक्शन लेने का पॉवर है। जो लोग ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे हैं, सरकार उनके प्लांट्स का अधिग्रहण करे। इस पर दिल्ली के मुख्य सचिव ने बताया कि दिल्ली में पहुंचने वाले सभी ऑक्सीजन टैंकर का ब्योरा मांगा गया है। इसके आधार पर तीन दिन के लिए ऑक्सीजन का कोटा तय किया जाएगा।

दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के बीच कई जगह इसकी कालाबाजारी और जमाखोरी की शिकायत मिल रही है।
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के बीच कई जगह इसकी कालाबाजारी और जमाखोरी की शिकायत मिल रही है।

दिल्ली सरकार ने शाम तक ऑर्डर जारी करने की बात कही
दिल्ली हाईकोर्ट में अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिल पाने के मुद्दे पर मंगलवार को भी सुनवाई हुई। दिल्ली के निजी अस्पतालों ने मरीजों के लिए ऑक्जीजन उपलब्ध न होने की बात कहकर कोर्ट से दखल देने की मांग की। हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा, तो दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑक्सीजन आवंटन को लेकर आज शाम तक ही ऑर्डर पास किया जाएगा। इससे ऑक्सीजन मंगाने वाले अस्पतालों को यह पता रहेगा कि उन्हें कहां से सप्लाई की जा रही है

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