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ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्टल और कारतूस जब्त
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पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया: पुलिस
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ताहिर को आईबी के हेड कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जेल भेजा गया
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क्राइम ब्रांच ने कहा- दंगे के दौरान 3-4 लोगों ने ताहिर हुसैन को पुलिस से छिपाया
दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोपी ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्टल और 24 कारतूस पुलिस ने जब्त कर लिए हैं. पुलिस ने खुलासा किया है कि हिंसा के दौरान ताहिर के पास ये पिस्टल घर पर थी. बाद में ये पिस्टल किसी जानने वाले के पास रखी थी.
पुलिस ने कहा कि पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे पता चल सके कि इस पिस्टल से कोई फायर हुआ था या नहीं. वहीं, ताहिर हुसैन का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है.
बता दें कि ताहिर हुसैन को अभी पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि मुस्तफाबाद में चार लोगों ने ताहिर हुसैन की मदद की थी. सूत्रों के मुताबिक, जब गिरफ्तारी के लिए छापेमारी होने लगी तो ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद से निकले और जाकिर नगर में अपने किसी जानकर के यहां रहे.
क्राइम ब्रांच की राडार पर अब ये चारों लोग हैं, जिन्होंने ताहिर हुसैन की मदद की थी. सूत्रों की मानें तो इन चारों लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.
दिल्ली पुलिस सूत्र: AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्टल और कई कारतूस ज़ब्त किए गए। पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया, जिससे पता चल सके कि इस पिस्टल से फायर हुआ था या नहीं। मोबाइल भी बरामद किया गया। (फाइल फोटो) pic.twitter.com/UrVTM7sa3O
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2020
ताहिर हुसैन के कॉल रिकॉर्ड में पता चला कि वह 24 से 27 फरवरी तक मुस्तफाबाद के पास ही थे. चांद बाग भी मुस्तफाबाद में पड़ता है. ताहिर का दावा है कि हिंसा के दौरान और बाद में वो अपनी बिल्डिंग या बिल्डिंग के आसपास की गलियों और इलाकों में रहे. 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन दिल्ली के जाकिर नगर में मिली थी, उसके बाद उसका फोन बंद हो गया था.
वहीं, दिल्ली पुलिस SIT की टीम चांद बाग में उस जगह पहुंची जहां पर हिंसा शुरू होने से पहले तकरीबन 45 दिनों से CAA और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था. इस प्रदर्शन में शामिल लोगों और महिलाओं ने डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार, हेड कांस्टेबल रतनलाल और पाखी पुलिसकर्मियों के ऊपर पत्थर और डंडों से हमला किया था.
इसके अलावा SIT की टीम ठीक उस जगह पहुंची जहां रतन लाल पर हमला हुआ था और उनकी हत्या हुई थी. SIT ने मौके से कई सबूत जुटाए, साथ ही आसपास के सीसीटीवी के जरिये भी सबूत जुटाने की कोशिश की.
ताहिर पर आईबी के हेड कॉन्स्टेबल की हत्या का आरोप
इससे पहले ताहिर ने रोज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर की कोशिश की थी, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे कोर्ट की पार्किंग से गिरफ्तार किया। ताहिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए भी अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। ताहिर के खिलाफ आईबी के हेड कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा के परिवार ने 28 फरवरी को हत्या का केस दर्ज करवाया था। शर्मा का शव ताहिर के घर के नजदीक नाले से मिला था। दिल्ली हिंसा में नाम सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
उत्तर पूर्व दिल्ली में 53 की मौत
दिल्ली में तीन दिन तक चली हिंसा में अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल समेत 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग इसमें घायल हुए थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत 22 फरवरी की शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन, पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्व दिल्ली स्थित मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों ने आगजनी की 300 घटनाएं रोकीं। इसके बावजूद दंगाइयों ने 79 घर और 327 दुकानें पूरी तरह से जला दी थी।