कोरोना /देश में अब तक 959 मामले: गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- राज्य आपदा कोष राशि से बेघरों के लिए रहने-खाने और दवा का इंतजाम करें
आज 73 संक्रमित बढ़े; सबसे ज्यादा 12 कर्नाटक में, 11 महाराष्ट्र में, गुजरात में 7 और जम्मू-कश्मीर में 8 पॉजिटिव मिले संक्रमण के एक दिन में सबसे ज्यादा 151 केस शुक्रवार को सामने आए थे, इससे पहले 23 मार्च को 102 पॉजिटिव मिले थे देशभर में डॉक्टरों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही, एम्स के विशेषज्ञों से वीडियो कॉल पर अन्य डॉक्टर कभी भी सलाह ले सकेंगे
नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण हर दिन तेजी से फैलता जा रहा है। देशभर में अभी तक 959 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को 73 नए मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 12 पॉजिटिव कर्नाटक में मिले। इसके बाद महाराष्ट्र में 11, केरल में 6, तेलंगाना में 6, उत्तर प्रदेश में 6, गुजरात में 7, राजस्थान-तमिलनाडु में 4-4, जम्मू कश्मीर में 8, अंडमान निकोबार में 3 और छत्तीसगढ़-उत्तराखंड में 1-1 संक्रमित मिले। यह आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के अनुसार है। वहीं, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में संक्रमण के अब तक 918 मामले सामने आए हैं, इनमें से 819 एक्टिव केस हैं। इस बीच, गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान बेघरों और दूसरे राज्यों के मजदूरों के लिए रहने की अस्थायी व्यवस्था और खाने, कपड़े और दवा का इंतजाम करें। इसके लिए राज्य आपदा कोष की राशि का उपयोग किया जाए। इस बीच, शनिवार को दो लोगों की (केरल और गुजरात में) मौत हुई है। मौत का आंकड़ा अब 24 हो गया है। एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा 151 मामले शुक्रवार को सामने आए थे, 3 लोगों की मौत हुई थी और 25 लोग ठीक हुए थे। इससे पहले 23 मार्च को एक दिन में 102 लोग संक्रमित हुए थे।
देशभर में डॉक्टरों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनावायरस के इलाज के लिए देशभर में डॉक्टरों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे जुड़ा कोई भी डॉक्टर जरूरत पड़ने पर एम्स के डॉक्टर से किसी भी समय वीडियो कॉल करके मदद ले सकता है। एम्स में इसके लिए एक सेंटर बनाया जा रहा है। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा- देशभर में 30 जून तक बिजली की आपूर्ति 24 घंटे जारी रहेगी। अगर राज्यों में वितरण कंपनियों का बकाया है तो भी बिजली उत्पादक कंपनियां आपूर्ति को नियंत्रित नहीं करेंगी।
ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन कोच बनाने की तैयारी
इस संक्रमण से मुकाबले के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। ट्रेन के डिब्बे को ही आइसोलेशन कोच के रूप में बदलने की तैयारी है। दिल्ली डिपो में एक प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। इसमें 6 बर्थ वाले हिस्से में से एक तरफ की मिडिल बर्थ और सामने वाली तीनों बर्थ निकाल दी गई हैं। इस हिस्से में एक मरीज को रखा जाएगा। इससे हर मरीज के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी। रेलवे का कहना है कि मंजूरी मिलते ही हर जोन में हर हफ्ते 10 डिब्बों को आइसोलेशन कोच में बदला जाएगा।
रोजी से ज्यादा अब रोटी की चिंता, जान का जोखिम मोल लेकर सैकड़ों किमी पैदल चलकर घर जा रहे लोग
नई दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर. कोरोनावायरस के चलते देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन का शनिवार को चौथा दिन है। वायरस के खतरे के कारण रोजगार गवां चुके लाखों मजदूरों को अब खाने की चिंता सता रही है। महानगरों को छोड़कर वे पैदल ही अपने गांव की ओर चल दिए हैं। न खाने की व्यवस्था, न रात गुजारने का ठिकाना। एक अनजाने भय के साये में सब अपने गांवों की ओर चलते चले जा रहे हैं। कई जगहों पर सब्जी मंडियों से लेकर किराने की दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिली। इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस लगाई गई है। गाजियाबाद में यूपी गेट बार्डर पर शनिवार को उत्तर प्रदेश जाने वालों की भीड़ लग गई। यहां से यूपी सरकार ने बसों का इंतजाम कर इन लोगों घर रवाना करवाया।
300 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे आगरा
कई श्रमिक 3 दिन से पैदल चलकर शुक्रवार रात आगरा पहुंचे। इनमें से कुछ कानपुर के रहने वाले हैं। सभी श्रमिक आगरा पहुंचे। बताया कि पैदल घर जा रहे हैं, तकलीफ तो हो रही है, लेकिन रास्ते में खाने-पीने की व्यवस्था हो गई।
झांसी: लॉकडाउन में अहमदाबाद से हजार किमी पैदल सफर
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के चलते लोग घरों में कैद हैं। मजदूर घर जाने के लिए हजारों किमी का सफर पैदल तय कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार देर रात झांसी में देखने को मिला। यहां तकरीबन 35 मजदूर पैदल चले जा रहे थे। उन्हें बुंदेलखंड के अलग-अलग जनपदों तक पहुंचना है।
वाराणसी: मंडियों में फुटकर व्यापारियों पर रोक
कोरोनावायरस को देखते हुए डीएम कौशलराज ने मंडियों में फुटकर व्यपारियों के जाने पर रोक लगा दी है। लाॅकडाउन के बावजूद कुछ मंडियों में लोकल लोगो की भारी भीड़ उमड़ी। इन दिनों बाजारों-मंडियों में नींबू सबसे महंगा बिक रहा है। चंदुआ सट्टी में 4 रुपए, वहीं ठेले वाले मोहल्लों-कालोनियों में 8 से 10 रुपए का एक नींबू बेच रहे है। मंडी विक्रेता बता रहे है कि नींबू में विटामिन सी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए ज्यादा मांग है।
गोरखपुर: चौरी चौरा में सड़कों पर पसरा सन्नाटा, सामान की डिलीवर डोर-टू-डोर
चौरी चौरा में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोग अपने अपने घरों में स्वेच्छा रह रहे हैं। वही दूसरी तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में लोगों तक सभी सुविधाओं को घर तक पहुचाने के लिए सभी गांवों में 6 से ज्यादा टीमों को लगाया गया है। इसमें सरकारी विभाग के अलावा दो-दो वॉलंटियर्स भी बनाए गए है। इस बीच पुलिसकर्मी जानवरों का ख्याल रखते भी नजर आए। पुलिसकर्मियों ने कुत्तों को भी खाना खिलाया, ताकि इस महामारी में उनका भी पेट भर सके।
बुलंदशहर: अन्य राज्यों से लगने वाली सीमाएं सील
बुलंदशहर में पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों का कहना है- सीमाओं को सील करने के बाद वहां से सिर्फ बीमार और बहुत ही जरूरत के लिए लोगों को जांच पड़ताल के बाद ही निकलने दिया जा रहा है। जो नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि दनकौर में हरियाणा की सीमा से सटे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) पर जाने वाले रास्ते को अट्टा फतेहपुर, अट्टा गुजरान और मकनपुर बांगर गांव के पास बैरिकेड लगाकर सील कर दिया है।
कानपुर: कालाबाजारी करने वालों तक ग्राहक बनकर पहुंच रही पुलिस , 18 पर एफआईआर
लॉकडाउन का फायदा उठाने वालों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राशन और सब्जियों के निर्धारित मूल्य से अधिक कई गुना दामों पर बेचने वाले दुकानदारों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे 18 मुनाफाखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कालाबाजारी को रोकने के लिए पुलिस सिविल ड्रेस में ग्राहक बनकर राशन खरीदने जा रही है। ज्यादा कीमत पर खाद्य सामग्री बेचने वालों को दबोचा जा रहा है।
नोएडा: किराएदारों पर किराए के लिए दबाव डाला तो होगी जेल
कोरोना के खतरे के बीच मकान मालिक किराएदारों पर किराया वसूलने के लिए दबाव नहीं बना पाएंगे। ऐसेा करने पर उन्हें अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है। जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह ने बताया कि ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 1 वर्ष तक की सजा या अर्थदंड या दोनो हो सकता है और यदि आदेश के उल्लंघन से किसी भी तरह की जानमाल की क्षति होती है, तो यह सजा 2 वर्ष तक हो सकती है।