कोरोनावायरस / भारत ने चीन में निर्यात होने वाले चिकित्सा उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया, कहा- संक्रमण रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए

भारत में कम आपूर्ति को देखते हुए हमने चीन में निर्यात होने वाले चिकित्सा उपकरण पर प्रतिबंध लगाए: विदेश मंत्रालय ‘डब्ल्यूएचओ की सलाह के अनुसार ही कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए भारत ने एहतियाती कदम उठाया’

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नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत में कुछ चिकित्सा उपकरणों की कम आपूर्ति को देखते हुए चीन में इनके निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सलाह के अनुसार ही एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- भारत ने कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर डब्ल्लूएचओ की सलाह के अनुसार कदम उठाए हैं। एक अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत कि किसी अन्य देश की तरह जिम्मेदारी बनती है कि वह कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए। इससे अगर सही तरीके से नहीं निपटा गया तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।

रवीश कुमार का बयान चीनी चिकित्सा संस्थानों, चैरिटी संगठनों और स्थानीय अधिकारियों के जवाब में आया है, जिन्होंने कहा था कि भारत मेडिकल उत्पादों का निर्यात रोक रहा है, जो चीन में महामारी की रोकथाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है।

चीनी दूतावास ने उम्मीद जताई थी कि भारत जल्द व्यापार शुरू करेगा

इससे पहले भारत में चीनी दूतावास ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि भारत चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति की समीक्षा उद्देश्यपूर्ण और तर्कसंगत तरीके से करेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच लोगों के आवागमन और व्यापार को जल्द से जल्द फिर से शुरू करेगा।

‘डब्ल्यूएचओ ने हर तरह के प्रतिबंधों का विरोध किया है’

चीनी दूतावास ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने संक्रमण के बाद चीन में किसी भी प्रकार के यात्रा और व्यापार प्रतिबंधों का कई बार विरोेध किया है। सभी पक्षों को डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारत तर्कसंगत और शांतिपूर्ण तरीके से हालात की समीक्षा करेगा और जल्द ही व्यापार और कर्मियों का आदान-प्रदान शुरू करेगा।

‘जान-बूझकर फ्लाइट क्लीयरेंस नहीं देने जैसी कोई बात नहीं’

इससे पहले संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान से भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने 20 फरवरी को सैन्य विमान भेजने का फैसला किया था। लेकिन वायुसेना के इस विमान को चीनी अफसरों की तरफ से क्लीयरेंस नहीं मिल पाया। भारतीय अफसरों का कहना है कि दुनिया के कई देश चीन को मदद और अपने नागरिकों को लाने के लिए फ्लाइट्स भेज रहे हैं। सभी को चीन अनुमति दे रहा है, लेकिन भारतीय रिलीफ फ्लाइट्स को परमिशन नहीं दी जा रही। इस पर चीनी दूतावास ने कहा- हुबेई में हालात जटिल हैं और बीमारी की रोकथाम के इंतजाम के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। जान-बूझकर फ्लाइट क्लीयरेंस नहीं देने जैसी कोई बात नहीं है।

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