हिंसा पर राजनीति / प्रियंका की अगुवाई में चल रहे कांग्रेस के शांति मार्च को पुलिस ने रोका, पार्टी ने कहा- हिंसा रोकने में नाकाम रही सरकार, शाह से इस्तीफा मांगा

प्रियंका गांधी की अगुवाई में चल रहे कांग्रेस के शांति मार्च को जनपथ रोड पर रोका गया कांग्रेस कार्यसमिति में प्रधानमंत्री मोदी को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रस्ताव रखा गया दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस नेता गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे

नई दिल्ली . दिल्ली में हुई हिंसा के खिलाफ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शांति मार्च निकाला। कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी स्मृति की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जनपथ रोड पर ही रोक लिया। इसके बाद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। प्रियंका ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा रोकने में नाकाम रही है और इस नाकामी के लिए गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। शांति मार्च में प्रियंका के साथ सुष्मिता देव, केसी वेणुगोपाल और दूसरे कई नेता मौजूद थे। कांग्रेस के नेता दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।

इससे पहले, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली में हुई हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा- पिछले कुछ दिनों से हो रही हिंसा सोची-समझी तरीके से हो रही है। दिल्ली चुनाव के समय भी इसे देखा गया था। भाजपा के नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर इस हिंसा को भड़काया है। एक भाजपा नेता ने पिछले रविवार को भी पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए भड़काऊ भाषण दिया था। गृह मंत्री शाह को इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने कहा- केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं करने से 20 (अभी मृतकों की संख्या 22) लोगों की जान चली गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान गई। कांग्रेस कार्यसमिति सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस समिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने कहा- दिल्ली सरकार भी शांति बनाए रखने में असफल साबित हुई। दोनों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी का शिकार हुई।

कांग्रेस की आपात बैठक हुई

इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल के नुकसान और हर रोज बिगड़ती व्यवस्था पर कांग्रेस की आपात बैठक हुई। इसके बाद मोदी सरकार को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी नेता राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करने की योजना थी, जिसे बाद में बदल दिया गया। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कल का समय दिया है। राष्ट्रपति के पद का सम्मान रखते हुए हमने पैदल मार्च को कल तक के लिए टाल दिया है।

कांग्रेस ने देश की ओर से ये सवाल पूछे:

  • गृह मंत्री अब तक कहां थे और क्या कर रहे थे?
  • मुख्यमंत्री केजरीवाल अब तक कहां थे और क्या कर रहे थे?
  • अब तक क्या जानकारी ली गई और क्या कार्रवाई हुई?
  • दिल्ली के दंगावाले इलाकों में कितनी पुलिस बल लगाए गए?
  • दिल्ली में जब हालात बेकाबू हो गए थे, तब ऐसै में सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स क्यों नहीं बुलाईं गईं?

इससे पहले मंगलवार देर रात तक चली पार्टी के क्विक एक्शन ग्रुप की बैठक में दिल्ली दंगों पर केंद्र सरकार की नाकामी को लेकर कड़ा रूख अपनाने का फैसला लिया गया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) के बयान को शर्मनाक करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रियंका ने पत्रकारों से कहा, ‘ भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने जो कहा है वह शर्मनाक है लेकिन सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है.’ उन्होंने दिल्ली के लोगों से हिंसा से दूर रहने की अपील करते हुए कहा, ‘हिंसा से सिर्फ आप लोगों को पीड़ा होगी और सिर्फ आप लोगों का नुकसान होगा.’

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के सामने मिश्रा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर तीन दिन के अंदर सड़कों को संशोधित नागरिकता विरोधी प्रदर्शनकारियों से खाली नहीं कराया गया तो वह एवं उनके समर्थक सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि इस तरह की घटना होने पर वे शांति और अमन बनाएं.

सोनिया गांधी ने गृह मंत्री को ठहराया था जिम्मेदार
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को लेकर बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पारित प्रस्ताव पढ़ते हुए सोनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल नुकसान के बाद स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक हुई. यह एक सोचा-समझा षड्यंत्र है. भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति उन सभी परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है जिन्होंने हिंसा में अपने प्रियजनों को खो दिया है.

‘सरकार भूमिका निभाने में विफल’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीडब्ल्यूसी लोगों से घृणा की राजनीति को अस्वीकार करने और दरारें भरने के लिए बेहतर कदम उठाने की अपील करती है. सोनिया ने कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार और खासकर गृह मंत्री जिम्मेदार हैं तथा उन्हें तत्काल इस्तीफा देने चाहिए.

उन्होंने यह दावा भी किया कि दिल्ली सरकार भी अपनी भूमिका निभाने में विफल रही.

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