पंजाब में इस साल रिटायर्ड नहीं होंगे डॉक्टर्स, संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम ने सभी का सेवा काल बढ़ाया; वीक एंड लॉकडाउन जारी रहेगा

समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को 25 विधायकों के साथ की वर्चुवल मीटिंग में चर्चा डीजीपी को अफवाहें फैलाने वाले वेब चैनलों और लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए सीएम अमरिंदर सिंह ने डीजीपी ने बताया-27 अगस्त से 7 सितंबर तक 8 केस दर्ज, इनमें लोक इंसाफ पार्टी के चीफ बैंस भी शामिल

चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना महामारी आए दिन खौफनाक होती जा रही है। इसी के चलते सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 25 विधायकों के साथ हालात से निपटने के इंतजामों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में हुई चर्चा के बाद सूबे के व्यापारियों को वीक एंड लॉकडाउन यानी शनिवार और रविवार को कोई राहत नहीं दी गई है। इस दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की सूची गोपनीय रखने का भी ऐलान किया गया है। दूसरी ओर डीजीपी को निर्देश दिए कि महामारी संबंधी लोगों में अफवाहें फैलाने या झूठा प्रचार करने वाले वेब चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही कोविड के मामलों और इसके कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को 60 वर्ष से कम आयु के सभी रिटायर्ड हो रहे डॉक्टरों और माहिरों को तीन महीने का विस्तार देने का ऐलान किया है।

समीक्षा के लिए हुई वर्चुअल मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायकों को बताया कि समाज में कोरोना मरीजों के साथ कोई भेदभाव न हो। इस बारे में सारे जिला उपायुक्तों को सर्कुलर जारी कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा था कि रिव्यू बैठक में प्रदेश के व्यापारियों को शनिवार और रविवार को लॉकडाउन से राहत दी जाएगी, जबकि महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस तरह का कोई भी निर्णय नहीं लिया गया।

डॉक्टरों और माहिरों को तीन महीने का विस्तार देने का ऐलान

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव को कोविड के मामलों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए टेक्नीशियनों और लैब सहायकों की भर्ती की प्रक्रिया तेज करने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट के एक फैसले के अनुसार पहले इन डॉक्टरों को 30 सितम्बर तक विस्तार प्रदान किया गया था जिसको कि अब 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

अफवाह फैलाने वालों की भी खैर नहीं

मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को निर्देश दिए कि इस महामारी संबंधी लोगों में अफवाहें फैलाने या झूठा प्रचार करने वाले वेब चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कैप्टन ने यह भी कहा कि विदेशों में सक्रिय भारत विरोधी तत्वों द्वारा दिए जाने वाले बयानों पर भी नजर रखी जाए और ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जाएं, चाहे वह किसी भी कोने में बैठकर सोशल मीडिया और वेब चैनलों पर भ्रामक प्रचार कर रहे हों।

डीजीपी ने बताया कि 27 अगस्त से 7 सितंबर तक अफवाहें फैलाने वालों, भ्रामक वीडियो के द्वारा कोविड के खिलाफ शुरू की गई जंग में बाधा उत्पन्न करने और लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सही तरीके से इलाज करवाने के रास्ते में रुकावट पैदा करने वालों के खिलाफ 8 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक केस लोक इंसाफ पार्टी के नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा पटियाला, फिरोजपुर, मानसा, एसएएस नगर, लुधियाना ग्रामीण, लुधियाना, जालंधर और मोगा में भी केस दर्ज किए गए हैं।

डीजीपी ने कहा कि सरकार द्वारा पार्टियों का आयोजन करने पर लगाई गई पाबंदी का उल्लंघन करने के आरोप में लुधियाना और फगवाड़ा में आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं। अब तक 54 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मून वॉक रिजोर्ट का मालिक भी शामिल है। वह लुधियाना में पूल पार्टी का आयोजन कर रहा था। उन्होंने आगे बताया कि बसंत रेस्टोरेंट फगवाड़ा के मालिक समेत फगवाड़ा में 17 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

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