दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी और बीजेपी वोटर्स की संख्या में गड़बड़ी को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे। रविवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
केजरीवाल ने कहा- BJP का इस बार के चुनाव में फर्जी वोटिंग कराने का प्लान है। पिछले 15 दिनों में नई दिल्ली विधानसभा में अचानक से 10 हजार वोटर्स बढ़ गए। हमने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है।
केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने अभी तक किसी भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया।
दिल्ली भाजपा ने भी एक दिन पहले (28 दिसंबर) AAP पर वोटर्स की संख्या में हेरफेर का आरोप लगाया था। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मतदाताओं का डेटा शेयर करते हुए दावा किया कि लाखों अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं।
केजरीवाल के 3 आरोप…
- नई दिल्ली विधानसभा में पिछले 15 दिनों में इन्होंने पांच हजार वोटर्स का नाम कटवाने की एप्लीकेशन डाली है। पहले 7500 वोटर्स (अब बढ़कर 10 हजार) नाम जुड़वाने की एप्लीकेशन भी दी है।
- मेरी विधानसभा में कुल वोटर्स एक लाख छह हजार हैं। इसमें से 5% वोटर्स का नाम डिलीट करवा रहे हैं। 7.5% वोटर्स के नाम जुड़वा रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव ही क्यों करा रहे हैं।
- चुनाव के नाम पर इस देश में खेल हो रहा है। अगर 12% वोट इधर से उधर कर देंगे तो बचेगा क्या। अगर आंकड़ों में गड़बड़ी है तो चुनाव आयोग पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है।
28 दिसंबर: बीजेपी ने कहा- मतदाता सूची में उनके नाम, जिनका निधन हो गया
वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में जिन नए लोगों को शामिल किया गया है, उनमें से कई 40 साल के हैं और एक की उम्र तो 80 साल है। ये कैसे मुमकिन है कि इससे पहले कभी वोटर लिस्ट में इन्हें रजिस्टर नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि ये सवाल भी उठता है कि ये लोग कौन हैं और अब तक कहां रह रहे थे। ऐसे भी कई लोगों के नाम अब तक वोटर लिस्ट में हैं, जो या तो मर चुके हैं या दिल्ली छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। इलेक्शन कमीशन को इन नई वोटर एप्लिकेशन की गहन जांच करनी चाहिए।
भाजपा के 3 आरोप…
- केजरीवाल धोखाधड़ी से चुनाव जीतना चाहते हैं। इसके लिए आप सरकार फर्जी योजनाएं पेश कर रही है और नकली आधार कार्ड के इस्तेमाल से लोगों के लिए फर्जी वोटर ID बनवा रही है।
- 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ 8 महीने में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 14 लाख बढ़ गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 1.19 करोड़ मतदाता थे जो 2015 के विधानसभा चुनाव तक 1.33 करोड़ हो गए।
- वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चार साल में सिर्फ 6 लाख वोटर ही लिस्ट में जोड़े गए थे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों तक 8 महीने में वोटर लिस्ट में 9 लाख मतदाता जोड़े गए। इससे मतदाताओं की संख्या बढ़कर 1.42 करोड़ हो गई।