बयान / जर्मन चांसलर मर्केल ने कहा- कश्मीर में हालात अच्छे नहीं, उम्मीद है कि इसमें बदलाव होगा

कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हुई इंटर-गवर्मेंटल कंसलटेशन (आईजीसी) बैठक में चर्चा नहीं हुई इससे पहले अमेरिका समेत कुछ विदेशी सांसदों ने भी अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगे प्रतिबंधों पर चिंता जताई थी

0 1,000,137

नई दिल्ली. जर्मन चांसलर एजेंला मर्केल दो दिन के भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने जर्मन मीडिया से कहा कि कश्मीर में जिस तरह के (अशांत) हालात हैं, उन्हें लंबे समय तक स्थायी रहने वाला करार नहीं दिया जा सकता। हालांकि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हुई इंटर-गवर्मेंटल कंसल्टेशन (आईजीसी) बैठक में चर्चा नहीं हुई। मर्केल को उम्मीद थी कि मोदी कश्मीर मुद्दे पर कोई बात जरूर करेंगे।

मर्केल के हवाले से जर्मन मीडिया ने कहा, ‘‘आज जो कश्मीर की स्थिति है, उसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। मुझे उम्मीद है कि इसमें बदलाव होगा।’’ इससे पहले अमेरिका समेत कुछ विदेशी सांसदों ने भी अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगे प्रतिबंधों पर चिंता जताई थी। भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का ऐलान किया था।

मोदी-मर्केल की गुप्त बैठक भी हुई थी
मोदी और मर्केल के बीच प्रतिनिधिमंडल की चर्चा के बाद शुक्रवार को दोनों नेताओं की प्रधानमंत्री आवास पर एक गुप्त बैठक भी हुई। इसमें दोनों देशों के कुछ खास मंत्री और अफसर शामिल हुए। भारत की तरफ से इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले शामिल थे।

11 क्षेत्रों में करार हुए
मर्केल ने शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में मोदी के साथ 5वीं आईजीसी में हिस्सा लिया। इसमें भारत और जर्मनी के बीच पांच क्षेत्रों में साझा सहयोग के समझौतों पर दस्तखत हुए। इनमें अंतरिक्ष, उड्डयन, नौसैन्य तकनीक, चिकित्सा और शिक्षा समेत 11 क्षेत्रों में सहयोग की सहमति बनी।

चांसलर मर्केल ने कहा- हम चाहते हैं कि स्थिर विकास और जलवायु सुरक्षा के लिए दोनों देश साथ में गंभीरता से लंबे समय तक काम करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हम आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपने द्विपक्षीय रिश्तों और सहयोग को और भी ज्यादा मजबूत करेंगे।

मोदी ने कहा- हम दोनों देशों के रिश्ते लोकतांत्रिक और कानून पर आधारित हैं। यही कारण है कि दुनिया के बड़े और गंभीर मामलों पर हमारे विचार एक से हैं। उन्होंने कहा- हम आभारी हैं कि जर्मनी ने निर्यात नियंत्रण क्षेत्र में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। दोनों देश इन प्रयासों को जारी रखेंगे ताकि आपसी सहयोग बना रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.