गुपकार पर भड़के गृह मंत्री:शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहता है गुपकार गैंग, ऐसा गठबंधन बर्दाश्त नहीं

गुपकार में कांग्रेस के शामिल होने पर शाह ने सोनिया-राहुल से रुख साफ करने को कहा शाह ने कहा- गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर में आतंक और बर्बादी का दौर वापस लाना चाहता है

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जम्मू-कश्मीर में बने गुपकार अलायंस पर भाजपा के हमले जारी हैं। अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि गुपकार गैंग अब ग्लोबल हो रहा है। वे जम्मू-कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं। क्या सोनिया और राहुल गांधी इनका समर्थन करते हैं? उन्हें इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए। भारत के लोग देश के खिलाफ किसी ग्लोबल गठबंधन को सहन नहीं करेंगे।

अमित शाह ने मंगलवार को तीन ट्वीट कर गुपकार अलायंस पर निशाना साधा।
अमित शाह ने मंगलवार को तीन ट्वीट कर गुपकार अलायंस पर निशाना साधा।

शाह ने कहा- गुपकार गैंग और कांग्रेस मिलकर जम्मू-कश्मीर को आतंक और बर्बादी के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। आर्टिकल 370 हटने से दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को अधिकार मिले हैं। कांग्रेस और गुपकार गैंग मिलकर उनके अधिकार छीनना चाहते हैं। यही वजह है कि हर जगह लोगों ने उन्हें नकार दिया है।

देश के खिलाफ अलायंस बर्दाश्त नहीं
गृह मंत्री शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत के लोग देश के खिलाफ किसी अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को सहन नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग को देश के मूड के साथ चलना होगा या फिर लोग उसे डुबा देंगे। शाह से पहले सोमवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गुपकार अलायंस और कांग्रेस पर हमला बोला था।

क्या है गुपकार डिक्लेरेशन
श्रीनगर के गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला का घर है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के एक दिन पहले 4 अगस्त, 2019 को आठ स्थानीय दलों ने यहां बैठक की थी। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया था। उसे ही गुपकार डिक्लेरेशन कहा गया। गुपकार डिक्लेरेशन में आर्टिकल-370 और 35ए की बहाली के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांगा गया है। सहयोगी दलों के सबसे सीनियर नेता होने के नाते डॉ. फारूक अब्दुल्ला को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इसकी एक वजह उनकी पार्टी का मजबूत कैडर होना भी है।

गठबंधन में 6 पार्टियां शामिल
गुपकार डिक्लेरेशन को अमलीजामा पहनाने के लिए छह दलों ने हाथ मिलाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है।

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