पुलिस स्थापना दिवस / शहीदों की सूची में 292 नए नाम जुड़े, शाह बोले- देश को ताकतवर बनाने में खाकी वर्दीधारियों की अहम भूमिका
गृह मंत्री शाह ने कहा- हमारे पास 1 लाख की आबादी पर 144 पुलिसकर्मी, जबकि 222 होने चाहिए अमित शाह ने कहा- 90% पुलिसकर्मी 12 घंटे से ज्यादा ड्यूटी करते हैं, साप्ताहिक अवकाश तक नहीं मिलता
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को पुलिस स्थापना दिवस पर परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद से अब तक 34,800 पुलिसकर्मियों ने ड्यटी के दौरान जान गंवाई है। उन सभी शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कि शहीदों की इस सूची में इस साल 292 नए नाम जोड़े गए। खाकी वर्दीधारी पुरुष और महिलाओं के कारण ही भारत दुनिया में ताकतवर देश बन पाया है।
- शाह ने कहा, ‘‘कर्तव्य के निर्वहन के लिए बलिदान देने वाले पुलिस के वीरों को नमन करता हूं। 1959 में सीआरपीएफ के 10 जांबाज सैनिकों ने ऑटोमैटिक हथियारों से लैस होकर चीनी टूकड़ियों का सामना किया और अपने प्राणों की आहूती दी थी। तब से शुरू हुई बलिदान की गाथा आज यहां तक पहुंची है। इस दिन को उनके सम्मान में हर वर्ष राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।”
- उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद, नक्सल समस्या और ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने जैसे कामों को पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों ने बखूबी निभाया है। ड्रग्स और हवाला कारोबार से देश के अर्थतंत्र को खत्म करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है।
‘तीन-चौथाई से ज्यादा पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश नहीं ले पाते’
गृह मंत्री ने देश में पुलिसबल की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 1 लाख आबादी पर 144 पुलिसकर्मी हैं, जबकि 222 होने चाहिए। इस वजह से 90% पुलिसकर्मी 12 घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं और तीन-चौथाई से अधिक पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश तक नहीं ले पाते हैं। सरकार ने पुलिस वेलफेयर के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। हमें उनके स्वास्थ्य, परिजन, आवास की चिंता है।
बीते एक साल में सीआरपीएफ के सबसे ज्यादा 67 जवान शहीद हुए
आजादी से लेकर इस साल अगस्त तक देश की रक्षा करते हुए 34,800 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2018 से अगस्त 2019 के बीच राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल के 292 जवानों ने शहादत दी है। पिछले एक साल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सबसे ज्यादा 67 जवान शहीद हुए। इनमें फरवरी, 2019 में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवान शामिल हैं।