आजादी का अमृत महोत्सव LIVE:PM मोदी ने साबरमती आश्रम में महोत्सव की वेबसाइट लॉन्च की, बोले- बापू की कर्मस्थली पर इतिहास बनते देख रहे हैं

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अहमदाबाद/ नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार ने 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2022 तक ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में इसकी शुरुआत करते हुए अमृत महोत्सव की वेबसाइट लॉन्च की। उन्होंने कहा, ‘आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ। अमृत महोत्सव प्रारंभ होने से पहले देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद दिया। यह सौभाग्य है कि हम इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं। हम बापू की इस कर्मस्थली पर इतिहास बनते देख रहे हैं।’

साबरमती आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर माला चढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मोदी यहां दांडी मार्च यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। इस यात्रा में शामिल 81 लोग 386 किमी की यात्रा कर 5 अप्रैल को दांडी पहुंचेंगे।
साबरमती आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर माला चढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मोदी यहां दांडी मार्च यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। इस यात्रा में शामिल 81 लोग 386 किमी की यात्रा कर 5 अप्रैल को दांडी पहुंचेंगे।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
साबरमती आश्रम में कार्यक्रम की शुरुआत में कश्मीरी बच्चों ने गीत प्रस्तुत किया।
साबरमती आश्रम में कार्यक्रम की शुरुआत में कश्मीरी बच्चों ने गीत प्रस्तुत किया।
यह तस्वीर भी साबरमती आश्रम की है। यहां दांडी यात्रा के कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग पहुंचे हैं।
यह तस्वीर भी साबरमती आश्रम की है। यहां दांडी यात्रा के कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग पहुंचे हैं।

अमृत महोत्सव का उद्देश्य क्या है?
दरअसल, अगले साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इसी क्रम में 75 हफ्ते पहले शुक्रवार से अमृत महोत्सव शुरू हो रहा है। कार्यक्रम में 15 अगस्त 2022 तक देश के 75 स्थानों पर कई तरह के आयोजन होंगे। इसमें युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 के बीच चले स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने, आजादी के 75 वर्ष में देश के विकास और आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक विश्वगुरु भारत की तस्वीर दिखाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है।

क्या है दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह?
नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इस आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 78 सत्याग्रहियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव के लिए पैदल कूच किया था। रास्ते में दो सत्याग्रही और शामिल हो गए थे।

महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 81 सत्याग्रहियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव के लिए पैदल कूच किया था।
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 81 सत्याग्रहियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव के लिए पैदल कूच किया था।

अंग्रेजों के नमक कानून के विरोध में गांधीजी ने दांडी मार्च कर 6 अप्रैल 1930 को सांकेतिक रूप से नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था, जिसके बाद उन्हें सत्याग्रहियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। इस आंदोलन ने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी।

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