AAP नेता सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलेगा:राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को परमिशन दी, ED जल्द कर सकती है गिरफ्तार

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को AAP नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने की परमिशन दे दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 फरवरी को राष्ट्रपति से इस मामले में मंजूरी मांगी थी।

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जैन के खिलाफ BNS की धारा 218 के तहत केस चलेगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब जल्द ही जैन को गिरफ्तार कर सकता है।

गृह मंत्रालय ने ED की जांच और पर्याप्त सबूत होने के आधार पर राष्ट्रपति से यह अनुरोध किया था। दरअसल, जिस समय ये मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ फ्रेम हुआ था, उस समय वह विधायक थे। इसलिए BNS की धारा 218 के तहत उनके खिलाफ केस चलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी।

AAP प्रवक्ता और वकील सर्वेश मिश्रा ने बताया, ‘यह कानून है कि विधायक, मंत्री के खिलाफ केस करने के लिए गृह मंत्रालय को राष्ट्रपति की परमिशन लेनी होती है, लेकिन कई मामले ऐसे आए जिसमें सीबीआई, ईडी ने बिना परमिशन लिए केस किया, गिरफ्तारी की और बाद में परमिशन ली।’

18 अक्टूबर को तिहाड़ से बाहर आने के बाद सत्येंद्र जैन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।
18 अक्टूबर को तिहाड़ से बाहर आने के बाद सत्येंद्र जैन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

4 फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप ​​​​​ED ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र ने उनसे जुड़ी 4 फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। इन फर्जी कंपनियों के जरिए आए पैसे का इस्तेमाल 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदने में किया गया। इसके अलावा दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लोन अदायगी में भी किया गया था।

जैन के मालिकाना हक वाली कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को कैश ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त किए। सत्येंद्र के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में CBI ने 2017 में मामला दर्ज किया था, इसके बाद ED ने जांच शुरू की थी। ED ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। करीब 18 महीने जेल में रहने के बाद उन्हें अक्टूबर 2024 में जमानत मिली। इस बीच उन्हें इलाज के लिए अंतरिम जमानत भी मिली थी। इस मामले में वे 872 दिन तिहाड़ जेल में रहे।

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