रिकॉर्ड तोड़ बारिश से 22 राज्यों में 1874 की मौत, करीब 46 लोग लापता -गृह मंत्रालय

नई दिल्‍ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि इस साल हुई रिकॉर्ड मानसून बारिश और बाढ़ की वजह से भारत भर में लगभग 1,874 लोग मारे गए और करीब 46 लोग लापता हो गए। इस प्राकृतिक आपदा से 22 राज्यों के 25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं।

दर्ज की गई सबसे अधिक बारिश

मानसून अभी भी सक्रिय है, जबकि 30 सितंबर को मानसून खत्म होने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक चार महीनों की अवधि के दौरान 1994 के बाद से देश में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई।

इन राज्यों में बरपा कहर

 

गुजरात

मानसून के मौसम में राज्य के दो जिले प्रभावित हुए। कम से कम 169 लोगों ने अपनी जान गंवाई, 17 को चोटें आईं जबकि 17,783 लोगों ने 102 राहत शिविरों में शरण ली।

 

महाराष्ट्र

यहां के 22 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए, 382 लोगों की मौत हो गई, 369 लोग घायल हो गए और 7.19 लाख लोग 305 से ज्यादा राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए।

 

बिहार

यहां अबतक बाढ़ के कारण 161 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और राज्य के 27 जिलों में बाढ़ से 235 राहत शिविरों में 1.26 लाख लोगों ने शरण ले रखी है।

 

असम

बारिश और बाढ़ ने असम में 97 लोगों की जान ले ली, जहां 32 जिले जल प्रलय की चपेट में आ गए, जिसके परिणामस्वरूप 5.35 लाख लोग 1,357 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

 

बंगाल

यहां मानसून की बारिश और बाढ़ ने 22 जिलों को प्रभावित किया। 227 लोगों ने अपनी जान गंवाई, 37 को चोटें आईं, चार लापता हो गए और 43,433 ने 280 राहत शिविरों में शरण ली।

 

कर्नाटक

यहां के 13 जिलों में 106 लोगों की जान चली गई, 14 को चोटें आईं और छह लोग लापता हो गए। 2.48 लाख लोगों ने 3,233 राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

 

केरल

यहां भारी बारिश और बाढ़ ने 181 लोगों की जान ले ली और 72 लोग घायल हो गए। 13 जिलों में पंद्रह लोग लापता बताए गए। राज्य में 4.46 लाख लोगों ने 2,227 राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

 

मध्य प्रदेश

यहां कुल 182 लोग मारे गए, 38 घायल हुए और सात लापता हो गए। राज्य के 38 जिलों में स्थापित 98 राहत शिविरों में 32,996 लोगों ने शरण ले रखी है।


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