COVID-19: थूकने से फैलेगा संक्रमण निगल जाएं कफ, पेट का एसिड कर देगा इसे नष्‍ट– डॉक्‍टरों का सुझाव

डॉक्‍टरों ने सलाह दिया है कि संक्रमण को रोकने के लिए थूकने के बजाए कफ को निगलना बेहतर विकल्‍प है इससे कोई नुकसान नहीं है। गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि सार्वजनिक जगहों पर थूकने से

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नई दिल्‍ली। एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 महामारी को रोकने का एक उपाय यह भी है कि लोग बाहर न थूकें चाहे वह कफ हो या बलगम उसे निगल जाएं। डॉक्‍टरों ने भी इस बात पर सहमति देते हुए कहा है कि इसे अंदर निगलने से किसी तरह का नुकसान नहीं है। पूरी दुनिया नॉवेल कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। मंगलवार को गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन को लेकर कई गाइडलाइन जारी किए गए जिसमें से एक थूकने पर भी है। इसके अनुसार, सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्‍न देशों के डॉक्‍टर व वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हैं। अनेकों सलाह भी दी जा रही है जिसे मानवता के लिए अपनाने से किसी को परहेज नहीं करना चाहिए। इस क्रम में एक रिसर्च के बाद यह सलाह दिया जा रहा है कि इस संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को थूकने से परहेज करना चाहिए चाहे वह उनके मुंह में आया कफ या बलगम क्‍यों न हो। डॉक्‍टरों की सलाह है कि बलगम या कफ को बाहर थूकने से अच्‍छा है कि उसे निगल जाएं क्‍योंकि ऐसा करने से कोई नुकसान नहीं है बल्‍कि बचाव है।

सामान्‍य मामलों में भी ऐसा देखा गया है कि किसी तरह का संक्रमण नहीं है फिर भी कफ आ जाता है। ‘नवदुनिया’ ने शहर के दो डॉक्टरों से बात की। इनका कहना है कि बलगम पेट में जाने से कोई नुकसान नहीं होता इसलिए उसे थूकें नहीं निगल लें।

पेट के एसिड से खत्‍म होगा बलगम का बैक्‍टीरिया

छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन अग्रवाल ने बताया कि बलगम (कफ) आने की समस्या तीन कारणों से हो सकती है। पहला यह कि व्यक्ति को किसी तरह का संक्रमण है। दूसरा, उसे एलर्जी की समस्या है। तीसरा, मुंह की सफाई नहीं रखता। म्यूकस ग्रंथि से कफ बनता है, जो फेफड़ा या श्वास नली से बाहर आता है। बाहर थूकने से दूसरे लोगों संक्रामक बीमारियां हो सकती हैं। घर में हैं तो टॉयलेट में जाकर थूकें। घर के बाहर हैं तो टिस्यू पेपर में थूककर इसे सही तरीके से नष्ट करें। यह विकल्प भी न हों तो बलगम को निगल सकते हैं जहां इसे खत्‍म करने में पेट का HCL एसिड अहम भूमिका निभाएगा।

दूसरों का संक्रमित होने से कर सकते हैं बचाव

खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने भी इस बात पर सहमति जताई और कहा कि थूक के जरिए एक से दूसरे लोग तक संक्रमण पहुंच सकता है। उन्‍होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस, टीबी या कोई भी संक्रामक बीमारी थूक के जरिए दूसरों को हो सकती हैं। ऐसे में बहुत मजबूरी न हो तो सार्वजनिक पर चलने या बैठने के दौरान बलगम या कफ न फेकें। घर या दफ्तर में हैं तो टॉयलेट में थूकने के बाद अच्छे तरीके से फ्लश चलाएं। इसके बाद भी कोई विकल्प न हो तो बलगम को निगल जाइए। किसी की आदत में नहीं है, इसलिए थोड़ा खराब लगेगा, लेकिन दूसरों को संक्रमित करने से आप बचा लेंगे। पेट में बलगम जाकर कोई नुकसान नहीं करेगा। पेट में HCL एसिड रहता है जो कफ में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट कर देगा।

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