सरकार घरों-दुकानों में लगाएगी प्रीपेड स्मार्ट मीटर-मुफ्त नहीं मिलेगी बिजली; पहले करना होगा भुगतान
राज्य समाज के कुछ वर्गों को मुफ्त बिजली दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा। इससे साफ है कि केंद्र बिजली पर सब्सिडी न देने का मन भी बना रही है। सिंह ने कहा, ‘देखिए, हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जहां निशुल्क बिजली का कोई नाम नहीं होगा। हम भुगतान और आपूर्ति के बीच एक संपर्क बना रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के कई राज्यों में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही है। राजधानी दिल्ली में तो पिछले दिनों बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। ऐसे में केंद्र सरकार उपभोक्ताओं का बिजली का तेज झटका देने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि भारत एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां बिजली उपभोक्ता को पहले भुगतान करना होगा और फिर उसे बिजली मिलेगी। बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पर भी मोदी सरकार का रुख भी साफ का दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य समाज के कुछ वर्गों को मुफ्त बिजली दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा। इससे साफ है कि केंद्र बिजली पर सब्सिडी न देने का मन भी बना रही है। सिंह ने कहा, ‘देखिए, हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जहां निशुल्क बिजली का कोई नाम नहीं होगा। हम भुगतान और आपूर्ति के बीच एक संपर्क बना रहे हैं। आपको पहले भुगतान करना होगा और फिर आपको बिजली मिलेगी। निशुल्क बिजली जैसी कोई चीज नहीं है। आप बिना निवेश के बिजली का उत्पादन नहीं कर सकते हैं।’ वह 20वें सालाना पीटीसी भारत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को यहां संबोधित कर रहे थे।
इससे अब ये साफ हो गया है कि सरकार स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में है। इसे प्रीपेड रिचार्ज करना होता है। इसके बाद आप जितना इस्तेमाल करते हैं उतना पैसा कटता रहता है। कई राज्यों में प्रीपेड मीटर की व्यवस्था शुरू हो गई है और जल्द ही यह अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकती है।
आरके सिंह ने कहा कि बिजली बनाने में काफी पैसा खर्च होता है। इसके लिए भुगतान करना पड़ता है। अगर आप(राज्य) निशुल्क बिजली देना चाहते हैं, तो दीजिए, लेकिन आपको इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा। यही हम करने जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो राज्य सरकार द्वारा बिजली में दी जाने वाली सब्सिडी में भी कटौती हो सकती है। वैसे, दिल्ली में बिजली के दाम सबसे कम बताए जाते हैं।
बता दें कि रात के तापमान में हो रही बढ़ोतरी के चलते दिल्ली में बिजली की खपत बढ़ रही है। रात में एसी चलाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे रात 10 से 2 बजे के बीच दिल्ली में बिजली की खपत सबसे ज्यादा है। इस वजह से बिजली बिल में भी दो से पांच हजार रुपये का इजाफा हो रहा है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र ने तापमान में बढ़ोतरी और बिजली खपत के औसत के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। दिल्ली अप्रैल-मई और जून में चिलचिलाती गर्मी के लिए जानी जाती रही है। आमतौर पर दिनभर की गर्मी के बाद यहां पर रात कुछठंडी होती हैं, लेकिन कुछ वर्षों में दिल्ली में रात के तापमान में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।
विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र के अध्ययन के मुताबिक, मई 2018 में औसत न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया। वर्ष 1971 की तुलना में देखें तो मई में औसत न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। रात में बढ़े तापमान के चलते बिजली खर्च में भी इजाफा हुआ है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र में प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने बताया कि घरों में तेज गर्मी से निपटने के प्राकृतिक तरीके कम हो रहे हैं। इससे रात में चैन की नींद सोने के लिए एसी का प्रयोग बढ़ रहा है।